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GN Saibaba : जेल में ही रहेंगे DU प्रो. साईबाबा, हेम मिश्रा और अन्य, सुप्रीम कोर्ट ने पलटा हाईकोर्ट का बरी किए जाने वाला फैसला

Janjwar Desk
15 Oct 2022 8:10 AM GMT
GN Saibaba : जेल में ही रहेंगे DU प्रो. साईबाबा, हेम मिश्रा और अन्य, सुप्रीम कोर्ट ने पलटा हाईकोर्ट का बरी किए जाने वाला फैसला
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जीएन साईंबाबा, हेम मिश्रा, प्रशांत राही, महेश तिर्की और विजय तिर्की पर यूएपीए लगाया गया है। इसमें सबसे नीचे दाहिने पांडु पोरा नरोटे हैं, जिनकी अगस्त में जेल में ही मौत हो गयी। 

Supreme Court Decision on GN Saibaba Case : सुप्रीम कोर्ट ने डीयू के पूर्व प्रोफेसर साईबाबा (GN Saibaba) तथा अन्य आरोपियों की जेल से रिहाई पर लगाई रोक...

Supreme Court Decision on GN Saibaba Case : माओवादियों से जुड़ाव के मामले में दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा ( GN Saibaba ) सहित पांच लोगों को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High court) ने शुक्रवार को बरी कर दिया था। कल हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने भी रोक लगाने से इनकार कर दिया था, लेकिन आज सर्वोच्च अदालत ने फैसले को पलट दिया।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने 15 अक्टूबर को डीयू के पूर्व प्रोफेसर साईबाबा तथा अन्य आरोपियों की जेल से रिहाई पर रोक लगा दिया। सुप्रीम कोर्ट ने साईबाबा ( GN Saibaba ) और अन्य आरोपियों से उन्हें बरी करने संबंधी बंबई हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ( Maharashtra Government ) की अपील पर चार हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है। शीर्ष अदालत ने जीएन साईबाबा (GN Saibaba) की उस याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए घर में नजरबंद करने की अपील अदालत से की थी। कोर्ट ने शनिवार को स्पष्ट कर दिया कि साईबाबा को मुकदमे की योग्यता के आधार पर बरी नहीं किया गया, बल्कि उन्हें तकनीकी आधार पर छोड़ा गया।

सॉलिसीटर जनरल ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि माओवादी लिंक मामले में आरोपी साईबाबा व अन्य की जमानत क्यों रद्द की गई। इस बात पर गौर फरमाना जरूरी है। मेडिकल आधार पर जमानत मांगी गई थी और अनियमितताओं का जिक्र भी जमानत रद्द करते हुए किया गया था। बात दें कि शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के प्रावधानों के तहत मामले में आरोपी के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी देने का आदेश कानून की दृष्टि से गलत था। महाराष्ट्र सरकार ने इस आदेश के खिलाफ कुछ घंटों बाद सुप्रीम कोर्ट ( Supreme court ) का दरवाजा खटखटाया था लेकिन शीर्ष अदालत ने इसे अस्वीकार कर दिया।


इस मामले में शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस रोहित देव और जस्टिस अनिल पानसरे की नागपुर पीठ नेनागपुर पीठ ने साईबाबा सहित अन्य आरोपियों को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने पांच अन्य दोषियों द्वारा दायर अपील को मंजूर करते हुए उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया था। गौरतलब है कि माओवादी होने और माओवादियों की मदद के नाम पर गिरफ्तार किये गये आरोपियों में से एक पांडु पोरा नरोटे की इस साल अगस्त में मौत हो चुकी है। महेश तिर्की, हेम मिश्रा, प्रशांत राही और विजय नान तिर्की इस मामले में अन्य आरोपी थे। कोर्ट ने शारीरिक विकलांग साईं बाबा की तत्काल रिहाई का आदेश जारी किया है।

Supreme Court Decision on GN Saibaba Case : बता दें कि साल 2017 में महाराष्ट्र के गढचिरोली की सत्र अदालत ने साईबाबा ( GN Saibaba ) और एक पत्रकार तथा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र सहित अन्य को माओवादियों से कथित संबंध और देशद्रोह में शामिल होने के लिए दोषी ठहराया था। अदालत ने साईबाबा और अन्य को यूएपीए और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के विभिन्न प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया था। यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी 2014 में पांच आरोपियों के खिलाफ और 2015 में साईबाबा के खिलाफ दी गई थी।

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