पूर्व IPS एसआर दारापुरी और सदफ जाफर समेत 12 को मिली जमानत, CAA-NRC के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में दंगा भड़काने का था आरोप
यूपी पुलिस द्वारा सैकड़ों लोगों के साथ महिला कांग्रेसी कार्यकर्ता सदफ जाफर को भी गिरफ्तार किया गया था और उन्हें पीटे जाने की कई खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं....
जनज्वार। पूर्व IPS एसआर दारापुरी और सदफ जाफर समेत 14 अन्य लोगों को CAA-NRC के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में दंगा भड़काने वाले मामले में आज 4 जनवरी 50-50 हजार के मुचलके पर जमानत मिली है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में CAA-NRC के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में तकरीबन 2 दर्जन लोगों की मौत हुई थी। यूपी पुलिस ने 19 दिसंबर को लखनऊ में हिंसा भड़काने के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए अनगिनत लोगों को जेलों में बंद किया था, जिनमें 77 वर्षीय कैंसर के मरीज रिटायर्ड आईएएस एसआर दारापुरी और बुजुर्ग मानवाधिकार कार्यकर्ता और रिहाई मंच से जुड़े वकील मुहम्मद शुऐब भी शामिल थे।
तो अब रिटायर्ड IPS दारापुरी और लखनऊ हाईकोर्ट के वकील मो. शोएब की संपत्ति कुर्क करेगी यूपी पुलिस?
यूपी पुलिस द्वारा सैकड़ों लोगों के साथ महिला कांग्रेसी कार्यकर्ता सदफ जाफर को भी गिरफ्तार किया गया था और उन्हें पीटे जाने की कई खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं।
आज 4 जनवरी को लखनऊ के एडीजे संजय शंकर पांडेय की कोर्ट ने CAA-NRC के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में हिंसा भड़काने वाले मामले में 14 लोगों को 50-50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी है।
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पिछले दिनों यह मामला तब भी गर्मा गया था जब जेल में बंद एसआर दारापुरी और सदफ जफर के परिजनों से मिलने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी लखनऊ में स्कूटी पर सवार होकर पहुंची थी और उन्होंने लखनऊ पुलिस पर उनके साथ बदतमीजी का आरोप लगाया था।
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NRC और CAA के खिलाफ प्रदर्शन करने के आरोप में 20 दिसंबर से जेल में बंद उत्तर प्रदेश के पूर्व आईजी एसआर दारापुरी, लखनऊ हाईकोर्ट के वकील मोहम्मद शोएब, रिहाई मंच प्रवक्ता रॉबिन वर्मा, रंगकर्मी व सीपीएम से जुड़े दीपक कबीर से मिलने 29 दिसंबर को जेल में मिलने परिजन, मित्र और तमाम सामाजिक-राजनीतिक संगठनों से जुड़े लोग पहुंचे थे।
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जेल में मुलाकात कर लौटे नागरिक परिषद के संरक्षक ओम प्रकाश सिन्हा ने जनज्वार से बातचीत में कहा था, ‘इन सभी राजनीतिक लोगों को सामान्य अपराधियों के साथ लखनऊ जेल में रखा गया था। 77 वर्षीय दारापुरी कैंसर के मरीज हैं और उनका ईलाज लखनऊ के केजीएमसी अस्पताल में चल रहा है, जबकि 73 वर्षीय मोहम्मद शोएब हार्ट, शुगर, ब्लड प्रेशर और थॉयरॉयड के मरीज हैं, मगर उन्हें किसी तरह की रियायत नहीं बरती जा रही।'