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कोरोना लॉकडाउन के बीच हरियाणा में 20 अप्रैल से कई उद्योगों को मिली काम करने की इजाजत

Nirmal kant
17 April 2020 2:30 AM GMT
कोरोना लॉकडाउन के बीच हरियाणा में 20 अप्रैल से कई उद्योगों को मिली काम करने की इजाजत
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मनरेगा श्रमिकों को विभिन्न गतिविधियों विशेष रूप से सिंचाई कार्यों और जल संरक्षण के लिए अनुमति प्रदान की गई है, इसलिए संबंधित अधिकारी इन कार्यों में शामिल सभी लोगों को ई-पास जारी करना सुनिश्चित करेंगे...

जनज्वार ब्यूरो। भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार 20 अप्रैल से हरियाणा में भी लॉकडाउन में कुछ छूट प्रभावी हो जाएगी। राज्य के सभी उपायुक्तों को मछली पालन के लिए तालाबों की नीलामी, निर्माण कार्य, ढाबों और सामान्य सेवा केंद्रों को खोलने के लिए योजना तैयार को कहा गया है।

रियाणा की मुख्य सचिव केशनी आंनद अरोड़ा ने जारी बयान में कहा, इन गतिविधियों के अलावा, फॉरेस्ट वाटरिंग, सिंचाई और खनन कार्य भी स्वास्थ्य प्रोटोकॉल सुनिश्चित करते हुए चरणबद्ध तरीके से किए जाने चाहिए।

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मुख्य सचिव ने कहा, पुलिस विभाग आर्थिक गतिविधियों के व्यवस्थित तरीके से संचालन के लिए जारी दिशानिर्देशों की निगरानी और अनुपालना सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।

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न्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिए है कि नियंत्रण क्षेत्रों (कंटेन्मेंट जोन) में लॉकडाउन प्रोटोकॉल के अनुसार इन सभी कार्यों को व्यवस्थित तरीक से करने की योजना तैयार करें।

चूंकि मनरेगा श्रमिकों को विभिन्न गतिविधियों विशेष रूप से सिंचाई कार्यों और जल संरक्षण के लिए अनुमति प्रदान की गई है, इसलिए संबंधित अधिकारी इन कार्यों में शामिल सभी लोगों को ई-पास जारी करना सुनिश्चित करेंगे। राज्य में केवल उन्हीं ईंट भट्टों को खोला जाए, जिन्हें एनजीटी ने अनुमति दी है।

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रियाणा में उद्योग विभाग सभी उद्योगपतियों और प्रतिष्ठानों को तत्काल रूप से निर्देश जारी करेगा कि वे गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के मानक संचालन प्रक्रिया (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर) के अनुसार चैकलिस्ट का अनुपालन करें।

सचिव ने निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक उपायुक्त और सिविल सर्जन को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के जिला अध्यक्षों के साथ बैठकें करनी चाहिए और उन्हें निर्देशित करें कि जब उनके पास आने वाला कोई भी मरीज किसी प्रकार के बुखार से प्रभावित है या कोविड-19 के लक्षण हैं, तो उन्हें तुरंत सिविल सर्जनों, जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को रिपोर्ट करें।

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