लॉकडाउन के बीच में क्या शराब की दुकानें खोलने जा रही है हरियाणा सरकार
इस तरह की जानकारी मिल रही है कि एक्साइज मिनिस्टर और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश की शराब की फैक्टरियों को चलाने के लिए बोल दिया है। इस पर विपक्ष सरकार के प्रति खासा नाराज नजर आ रहा है....
जनज्वार ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के आबकारी मंत्री दुष्यंत चौटाला ने क्या वास्तव में शराब की फैक्ट्रियों को चलाने के आदेश दिए हैं। हालांकि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस तरह के आदेश की जानकारी होने से इंकार किया है, लेकिन जिस तरह से विपक्ष सरकार पर हमलावर हो रहा है, इससे लगता है कि सरकार शराब निर्माताओं पर मेहरबान होती नजर आ रही है।
लॉकडाउन के बाद भी शराब की दुकान प्रदेश में खुली रही थी। तब 'जनज्वार' ने इस मसले को उठाया था, इसके तुरंत बाद सरकार ने शराब की दुकान व फैक्टरी बंद करने का आदेश जारी किया था। अब फिर रविवार सुबह से एक लॉबी लगातार सक्रिय है, जो शराब की दुकान और फैक्टरियों को शुरू कराना चाह रही है।
इस बाबत सरकार की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गयी है। लेकिन इनेलो के नेता अभय चौटाला ने सरकार पर लंबे चौड़े आरोप लगाए हैं। चौधरी अभय सिंह चौटाला ने कहा कि सरकार द्वारा शराब बनाने वाली फैक्टरियों को खोलने का आदेश देना इसलिए आश्चर्यजनक लगता है क्योंकि पूरा देश कोरोना महामारी की चपेट के कारण लॉकडाउन में है।
उन्होंने सरकार को चेताया कि अगर इस प्रकार से शराब का कारोबार खोलने के निर्देश बहुत ही घातक होंगे। इससे सामाजिक दूरी का जो नियम है उसकी पालना करना संभव नहीं हो पाएगा। एक तरफ तो गेहूं की फसल तैयार खड़ी है, किस प्रकार से किसान उसकी कटाई करवाके अनाज निकाल कर मंडियों तक ले जाने के लिए प्रधानमंत्री जी के लाकडाउन के निर्देशों के पालन करने की चिंता में उलझा हुआ है।
किसान की समस्या का समाधान करने की बजाए सरकार को शराब के कारोबारियों के धंधे की ज़्यादा फिक्र है। इस आदेश से लगता है कि सरकार में उच्च पदों पर बैठे कुछ खास लोगों की शराब के व्यापार को बढ़ाने की कोरोना वायरस को रोकने से ज़्यादा दिलचस्पी है।
उन्होंने कहा कि इस आदेश से ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री महोदय जजपा के दवाब में काम कर रहे हैं। यह आदेश प्रदेश/देश के हित में कदाचित नहीं हो सकता। कुछ दिन पूर्व मुख्यमंत्री के साथ हुई वार्ता में भी यह मुद्दा आया था जिसका इनेलो ने विरोध जताया था लेकिन दोबारा ये आदेश जारी करके ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री दबाव में ऐसा कर रहे हैं या फिर कैबिनेट के स्तर पर बिना मंजूर किए ही शराब की फैक्टरियों को चलाने के आदेश दिए गए हैं।
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यूथ फॉर चेंज के अध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल ने बताया कि हरियाणा में शराब लॉबी बहुत मजबूत है। सरकार पर उनका खासा दबाव रहता है। इसलिए अभय चौटाला और रणदीप सिंह सुरजेवाला जो शराब की फैक्टरियों का खोलने का जो विरोध कर रहे हैं वह गलत नहीं है। ऐसा हो सकता है कि सरकार बहुत ही गुपचुप तरीके से फैक्ट्रियों को संचालक शुरू करा दें। इस बात की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि लॉकडाउन में ही शराब की दुकानें भी खोल दी जाए। लॉकडाउन के दूसरे चरण में सरकार की यह कोशिश हो सकती है कि किसी तरह से शराब की दुकानों को छूट मिल जाए।
इधर अभय चौटाला ने बताया कि एक ओर तो लोगों को राशन नहीं मिल रहा है। वायरस की वजह से लोग घरों में बंद होने को मजबूर है, ऐसे मौके पर शराब की दुकानों को खोलने का मतलब क्या है?