बिहार विधानसभा चुनाव : नीतीश और चुनाव परिणाम पर क्या बोले सुशील कुमार मोदी?
सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि देश में बहुत कम ऐसे मुख्यमंत्री रहे हैं जिन्हें चौथी बार जनादेश मिला है, सीटों की कम-ज्यादा संख्या मायने नहीं रखती और सभी दल बराबर सीटें नहीं जीत सकते हैं...
जनज्वार, पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने चुनाव परिणाम आने के बाद बुधवार को जदयू अध्यक्ष व एनडीए के मुख्यमंत्री फेस नीतीश कुमार की तारीफ की है। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान की राजनीति में बहुत कम ऐसे मुख्यमंत्री रहे हैं जिस पर जनता ने चौथी बार विश्वास किया है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने एनडीए पर चौथी बार विश्वास किया है, यह साधारण बात नहीं है।
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जनता ने एनडीए को स्पष्ट जनादेश दिया है और इसमें कोई संशय या संदेह नहीं है। उन्होंने चुनाव परिणाम पर कहा कि किसी गठबंधन में ऐसा नहीं होता कि सभी पार्टियां बराबर सीटें जीते। यह मायने नहीं रखता है कि किसने कितनी सीटें जीती हैं। भाजपा ने जदयू की जीत में भूमिका निभाई है और जदयू ने भाजपा की जीत में अपनी भूमिका निभाई है।
बिहार विधानसभा चुनाव: नीतीश और चुनाव परिणाम पर क्या बोले सुशील कुमार मोदी?
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इस जीत में जदयू, भाजपा, वीआइपी व हम सभी के कार्याकर्ताओं की भागीदारी रही है।
सुशील कुमार मोदी का यह बयान इस मायने में अहम है कि भाजपा को नीतीश कुमार की जदयू को मिली 43 की तुलना में 74 सीटें मिली हैं। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या भाजपा अब भी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करेगी या अपना मुख्यमंत्री बनाने का दावा पेश करेगी।
नीतीश कुमार अलग अंदाज में व दबाव मुक्त राजनीति करने वाले राजनेता माने जाते हैं। ऐसे में यह कहा जा रहा है कि क्या भाजपा के साथ खुद की पार्टी की सीटों का इतना फासला होने पर वे सरकार का नेतृत्व करने के लिए तैयार होंगे। हालांकि किसी भी गठबंधन के लिए नीतीश कुमार का चेहरा बिहार की राजनीति में काफी मायने रखता है।
नीतीश कुमार को कम सीटें हासिल होने पर भाजपा की ओर से संतुलित प्रतिक्रिया आ रही है। हालांकि शीर्ष नेतृत्व ने अबतक कुछ भी स्प्ष्ट नहीं किया है।
चुनाव के पहले गृहमंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर भाजपा की सीटें कम भी आएंगी तो भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बनेंगे। नीतीश कुमार का चेहरा पेश कर ही भाजपा-जदयू ने यह चुनाव लड़ा था।