भाजपा ने चिराग पासवान के शरण में जाने वाले नेताओं को दी चेतावनी, वापस लौटें नहीं तो कार्रवाई

बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा है कि 12 अक्तूबर तक अगर चिराग पासवान के खेमे में गए पार्टी नेता वापस नहीं आते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी...

Update: 2020-10-10 07:04 GMT

जनज्वार। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 को सबसे रोचक मोड़ एनडीए के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी ने दे दिया है। पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन का हिस्सा है, वहीं बिहार में वह नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड से मुकाबले के लिए गठबंधन से बाहर आकर मैदान में ताल ठोंक रहा है। सबसे दिलचस्प बात यह कि भाजपा के कई असंतुष्ट और टिकट से वंचित रहे नेता भी जनता दल यूनाइटेड के शरण में चले गए हैं।

इस पर भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने नेताओं को चेतावनी दी है और कहा है कि वे 12 अक्तूबर तक पार्टी में पुनः वापस आ जाएं नहीं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। संजय जायसवाल ने कहा है कि जो लोग जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार को बिहार में मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करेंगे वहीं प्रदेश में एनडीए का हिस्सा हैं।

संजय जायसवाल ने कहा कि अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से विशेष बातचीत में कहा कि दिवंगत रामविलास पासवान फैसले लेने की स्थिति में नहीं थे, अगर वे फैसले लेने की स्थिति में होते तो चीजें अलग होतीं। उन्होंने पार्टी के लोगों के लोजपा में जाने पर कहा कि हमने ऐसी राजनीति कभी नहीं की, नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 12 अक्तूबर को शाम पांच बजे तक हम उन्हें पार्टी में वापस लाने में नाकामयाब रहे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वे हमारी पार्टी के हिस्सा हैं और हम नहीं चाहते हैं कि वे गलत दिशा में जाएं।

इस सवाल पर कि 2005 वाले नीतीश 2020 में नहीं हैं, संजय जायसवाल ने कहा, आप देखिए किस तरह उन्होंने 2005 से सरकार संभाली है, उनका शासनकाल कमाल का रहा है, हम 200 से अधिक सीटें जीतने जा रहे हैं।

संजय जायसवाल ने कहा कि सिर्फ हमारी पार्टी के नेता ही नही जदयू के नेता लोजपा में गए हैं और उम्मीदवार बने हैं। उन्होंने कहा कि यह दोनों दलों की कहानी है। जायसवाल ने कहा कि कैमूर के जदयू जिलाध्यक्ष लोजपा में चले गए हैं और वे हमारे उम्मीदवार के खिलाफ मैदान में चुनाव लड़ रहे हैंै। उन्होंने कहा कि अगर तय तारीख तक ऐसे लोग अपना नामांकन वापस नहीं लेते हैं दोनों दल ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।


मालूम हो कि लोजपा ने 32 उम्मीदवारों की जो पहली सूची जारी की है उसमें छह भाजपा के और एक जदयू के हैं। भाजपा के जिन लोगों को लोजपा ने टिकट दिया है, उनमें राजेंद्र सिंह, रामेश्वर चैरसिया, उषा विद्यार्थी शामिल है। इन तीनों को लोजपा ने क्रमशः दिनारा, सासाराम और पालीगंज से टिकट दिया है। मालूम हो कि राजेंद्र सिंह बिहार भाजपा के बड़े नेता रहे हैं और 2005 के विधानसभा चुनाव में उन्हें मुख्यमंत्री पद का छिपा उम्मीदवार तक माना जा रहा था।

इसके अलावा भाजपा के रवींद्र यादव को लोजपा ने झाझा से और मृणाल शेखर को अमरपुर से उम्मीदवार बनाया है। वहीं, भाजपा की इंदु देवी कश्यप को लोजपा ने जहानाबाद से टिकट दिया है। जदयू के बागी भगवान सिंह कुशवाहा को जगदीशपुर से लोजपा ने टिकट दिया है।

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