बिहार चुनाव : नीतीश कुमार ने बीच चुनाव खेला आबादी के हिसाब से आरक्षण का दांव

नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी हमेशा से यही राय है और वे इस पर कायम हैं कि जातियों को उनकी आबादी के हिसाब से आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम तो चाहेंगे कि जिसकी जितनी आबादी है उसके लिए उस हिसाब से आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए।

Update: 2020-10-30 04:38 GMT

जनज्वार। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव में आबादी के हिसाब से आरक्षण का दांव खेला है। नीतीश कुमार ने पश्चिमी चंपारण के वाल्मीकिनगर में गुरुवार को चुनाव प्रचार करते हुए कहा कि वे आबादी के हिसाब से आरक्षण के हिमायती हैं।

नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी हमेशा से यही राय है और वे इस पर कायम हैं कि जातियों को उनकी आबादी के हिसाब से आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम तो चाहेंगे कि जिसकी जितनी आबादी है उसके लिए उस हिसाब से आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम में इसके लिए कोई दो राय नहीं है।

नीतीश कुमार ने कहा कि जहां तक संख्या का सवाल है, तो जनगणना होगी तो उसमें उसके बारे में निर्णय होगा। नीतीश कुमार ने कहा कि यह निर्णय हमारे हाथ में नहीं है।


नीतीश ने कहा कि उन्हें वोट की चिंता नहीं रहती है और जनता ने काम करने का मौका दिया तो काफी काम किया, फिर मौका देंगे तो और काम करेंगे जो भी समस्याएं बाकी रह गईं हैं उसके लिए काम करेंगे।

नीतीश कुमार ने कहा कि थारू जाति को आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए वे सालों से कोशिश कर रहे हैं। तब से जब वे वाजपेयी सरकार में रेल मंत्री थे। दरअसल, वाल्मीकिनगर में थारू जाति के काफी लोग हैं और उन्हें जनजाति में शामिल करने की मांग उठती रही है। 

नौकरी के मुद्दे पर तेजस्वी पर निशाना

नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के 10 लाख नौकरी के दावे पर निशाना साधा और कहा कि मैट्रिक पास लोगों की संख्या तो अब एक करोड़ हो गई तो क्यों इतने लोगों को नौकरी देंगे और अगर देंगे तो इसके लिए पैसे कहां आसमान से आयेगा। उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी सरकार में मात्र 95 हजार नौकरियां दी गईं थीं जबकि उनके शासन में छह लााख लोगों को नौकरी मिली। उन्होंने कहा कि उनके शासन में महिलाओं को नौकरी व पंचायतों में आरक्षण दिया गया।

Tags:    

Similar News