बिहार चुनाव में नौकरियों पर संग्राम, नीतीश बोले लालू-राबड़ी राज में 95 हजार तो हमारे शासन में छह लाख नौकरी मिली

तेजस्वी यादव की 10 लाख नौकरियों के ऐलान ने जदयू को राजनैतिक रूप से बैकफुट पर ला दिया है। ऐसे में नीतीश कुमार ने अन्य मुद्दों की तरह नौकरियों देने के मुद्दे की भी तुलना लालू-राबड़ी के शासन से की है...

Update: 2020-10-30 03:47 GMT

जनज्वार। बिहार विधानसभा चुनाव में वोटिंग करीब-करीब आते-आते नौकरियां देने का मुद्दा एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया। महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने 10 लाख युवाओं को पक्की सरकारी नौकरी देकर जनता दल यूनाइटेड को बैकफुट पर ला दिया है। इस जदयू नेता व एनडीए के सीएम फेस नीतीश कुमार ने कहा है कि उनके शासन में बिहार में छह लाख से अधिक युवाओं को पक्की नौकरी मिली। इसके अलावा बहुत सारे लोगों को अन्य सेवाओं में जगह मिली।

नीतीश कुमार ने गुरुवार को पटना में कहा कि लालू-राबड़ी 15 साल सत्ता में रहे, जिसमें 10 साल बिहार और झारखंड एकीकृत रूप में था, इस दौरान उन्होंने 95 हजार नौकरियां दीं, जबकि हमारे शासन में छह लाख से अधिक नौकरियां मिलीं। इससे पहले नीतीश कुमार ने कहा था कि क्या यह संभव है कि सभी लोगों को सरकारी नौकरी में ही जगह मिले। उन्होंने यह भी कहा था कि इतनी बड़ी संख्या में नौकरी के लिए पैसा कहां से आएगा।

मालूम हो कि तेजस्वी यादव ने यह कहा है कि उनकी सरकार बनते ही पहली कैबिनेट बैठक में पहला फैसला 10 लाग पक्की सरकारी नौकरियों की भर्ती निकालने का लिया जाएगा। तेजस्वी ने यह भी बताया है कि किन विभागों में ये भर्तियों निकलेंगी। उन्होंने कहा है कि राज्य में बड़ी संख्या में सरकारी पदों की रिक्तियां हैं, जिन्हें भरा जाना आवश्यक है।


नीतीश कुमार ने इसके साथ ही कहा है कि उन्होंने प्रदेश में हर घर तक बिजली पहुंचायी है। हर गली-कुचे में सोलर स्ट्रीट लाइट लगवायी है। 

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