कोरोना की मार: सिर्फ एक दिन का होगा बिहार विधानसभा का आखिरी सत्र, बाढ़ और कोरोना पर हो सकती है बहस

वर्ष 1921 के बाद पहली बार बैठक विधानसभा में न होकर किसी दूसरी जगह होगी। 16वीं विधानसभा का यह आखिरी सत्र है और इसी के साथ विधानसभा के मानसून सत्र का भी समापन हो जाएगा।

Update: 2020-08-02 04:41 GMT

जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार विधान सभा का मानसून सत्र भी कोरोना की भेंट चढ़ गया है। यह वर्तमान विधानसभा के कार्यकाल का आखिरी सत्र भी होगा। मानसून सत्र के पहले 3 अगस्त से 6 अगस्त तक चलने की बात हो रही थी। कोरोना संकट को देखते हुए इसे एकदिवसीय कर दिया गया है और अब सिर्फ 3 अगस्त को एक दिन का यह सत्र होगा। सर्वदलीय बैठक में इसका निर्णय लिया गया है।

सर्वदलीय बैठक के बाद इस सत्र को अब एक दिन में ही खत्म करने का फैसला ले लिया गया। सभी दलों के नेताओं ने कोरोना संकट को देखते हुए यह फैसला लिया । हालांकि विपक्षी दलों की मांग पर सरकार बाढ़ और कोरोना पर चर्चा के लिए तैयार हो गई है।

बिहार विधान सभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी की अध्यक्षता में हुई सभी दलों के प्रतिनिधि नेताओं की बैठक में विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्य में कोरोना एवं बाढ संकट पर सदन में चर्चा कराने की मांग की जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया।

अब इस फैसले के बाद प्रथम अनुपूरक बजट और सभी विधायी कार्य जहां प्रथम पाली में ही निपटा लिये जायेगें, वही भोजनावकाश के बाद सदन में कोरोना और बाढ से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा होगी। उसके बाद सरकार का जबाब होगा और उसी दिन सदन की कार्यवाही खत्म हो जायेगी।

गौरतलब है कि 16 वीं विधान सभा का यह अंतिम सत्र है और वर्ष 1921 के बाद पहली बार विधान सभा परिसर से बाहर पटना के ज्ञान भवन में यह बैठक होगी। कोरोना संकट के कारण बैठक ज्ञान भवन में आहूत की गयी है। बैठक सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना से बचाव के सभी निर्धारित प्रोटोकॉल के साथ होगी।

इसके पूर्व भी इस वर्ष कोरोना संकट के कारण बजट सत्र को 31 मार्च के बदले 16 मार्च को ही खत्म कर दिया गया था।सर्वदलीय  बैठक में बीजेपी से  उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और पार्टी के मुख्य सचेतक विधायक अरूण कुमार सिंहा, जद यू से संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार , राजद से अब्दुल बारी सिद्दिकी और कांग्रेस से अवधेश कुमार सिंह उपस्थित थे।

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