बिहार NDA में घमासान के बीच डैमेज कंट्रोल को आगे आए BJP प्रदेश अध्यक्ष, पर क्या चिराग सुनेंगे उनकी बात
बिहार में NDA के घटक दलों के बीच घमासान चल रहा है। कभी लोजपा के चिराग पासवान उखड़ते हैं तो कभी बीजेपी और जदयू के नेता।
जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार में विधानसभा चुनावों के ठीक पहले NDA के बीच घमासान चल रहा है। चिराग पासवान लगातार जदयू पर निशाना साध रहे हैं तो जदयू भी जबाब दे रही है।
इस बीच 11 जुलाई को बीजेपी नेता संजय पासवान ने सीधे रामविलास पासवान और चिराग पासवान पर हमला बोल दिया। अब डैमेज कंट्रोल के लिए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल सामने आए हैं, पर बड़ा सवाल यह है कि क्या चिराग पासवान सुनेंगे उनकी बात।
संजय पासवान ने साफ-साफ कह दिया कि बीजेपी-जदयू लोजपा के बगैर भी सरकार चला चुकी है। संदेश साफ था कि NDA लोजपा के बगैर भी चुनाव लड़ सकती है। उनके बयान के बाद हालांकि लोजपा की कोई सीधी प्रतिक्रिया तो नहीं आई, पर तल्खी होनी ही है।
इस बीच 12 जुलाई को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने डैमेज कंट्रोल की कोशिश की है। उन्होंने कहा 'गठबंधन अटूट है। हमारे गठबंधन में लोकतंत्र है, जिस कारण सभी अपनी बातों को रखने के लिए स्वतंत्र हैं। बीजेपी, जदयू और लोजपा, तीनों साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। गठबंधन में न तो मतभेद है, न मनभेद।'
हालांकि उनके इस बयान का कितना असर पड़ेगा, यह कहा नहीं जा सकता। चूंकि लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने साफ कर दिया है कि उनके विजन बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट को तरजीह दिया जाय, इसे चुनावी एजेंडे में जगह दी जाय। उनका कहना है कि बिहार विधानसभा में लोजपा की अभी दो सीटें हैं, इससे बुरा क्या हो सकता है। पार्टी नेताओं से उन्होंने साफ कर दिया है कि गठबंधन के संबन्ध में अभी कुछ स्पष्ट नहीं है। पार्टी नेता सभी 243 सीटों पर तैयारी करें। अकेले भी लड़े तो अभी की 2 सीट से ज्यादा सीट ही आएगी। लिहाजा उनके पास खोने को कुछ नहीं।
इधर विपक्षी दल राजद और कांग्रेस इन घटनाक्रमों पर निगाह बनाए हुए हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पिछले दिनों चिराग की तारीफ करते हुए उनके द्वारा सरकार से पूछे गए सवालों को वाजिब बताया था। कांग्रेस ने भी कहा था कि लोजपा अगर NDA छोड़ देती है तो महागठबंधन में उनका स्वागत है।