अचानक पटना पहुंचे चिराग ने कल पार्टी की बुलाई आपात मीटिंग, क्या जदयू से अलग होनेवाली है राह

जदयू के साथ लोजपा के रिश्ते अब उस स्थिति में पहुंच चुके हैं, जिसे आर या पार कहा जा सकता है, 14 अगस्त की रात लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान अचानक पटना पहुंच गए और जदयू को लेकर कल वे बड़ा निर्णय ले सकते हैं....

Update: 2020-08-14 17:30 GMT

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जनज्वार ब्यूरो, पटना। जदयू के साथ लोजपा के रिश्ते अब उस स्थिति में पहुंच चुके हैं, जिसे आर या पार कहा जा सकता है। पिछले दो दिनों से 'कालिदास' और 'सूरदास' की उपमाओं से एक-दूसरे को विभूषित किया जा रहा था, पर बात अब उससे आगे जा चुकी है। 14 अगस्त की रात लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान अचानक पटना पहुंच गए और कयास लगाया जा रहा है कि कल वे जदयू को लेकर बड़ा फैसला, यानि राह जुदा होने का निर्णय भी ले सकते हैं। उनके इस दौरे की जानकारी पार्टी के कई बड़े नेताओं को भी नहीं थी।

पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए सांसद चिराग पासवान ने कई बातें कहीं। उन्होंने जेडीयू सांसद ललन सिंह के 'कालिदास' वाले बयान पर कहा कि वो मेरे अभिभावक हैं और उनके बयान पर किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दूंगा।

उन्होंने कहा 'बिहार के लोगों की शिकायत मैंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास पहुंचाने का प्रयास किया, लेकिन मेरे प्रयास को जेडीयू ने दूसरे सन्दर्भ में ले लिया। अगर लोगों की बातों को सीएम तक पहुंचाना गलत है, तो मुझे इसपर कुछ भी नहीं कहना है।'

बताया जा रहा है कि लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने पटना स्थित पार्टी कार्यालय में 15 अगस्त की सुबह 10 बजे एक आपात बैठक बुलायी है। पार्टी के अन्य वरीय नेताओं के साथ उनकी यह बैठक होगी। लोजपा से जुड़े सूत्र बता रहे हैं कि इस बैठक में बिहार की जदयू नीत सरकार से राह जुदा होने का फैसला भी लिया जा सकता है।

ऐसे में बिहार में NDA गठबंधन के लिए कल का दिन काफी अहम है। अगर चिराग पासवान कोई बड़ा निर्णय ले लेते हैं तो ऐन चुनाव के वक्त यह NDA की सेहत के लिए अच्छी बात नहीं होगी। बताया जा रहा है कि पटना आने से पहले चिराग पासवान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर चुके हैं, हालांकि इस मुलाकात में किस सन्दर्भ में क्या बात हुई, यह अभी सामने नहीं आ पाया है।

उल्लेखनीय है कि पिछले दो दिनों से जदयू और लोजपा के नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी चल रही है और जदयू सांसद ललन सिंह ने चिराग पासवान को 'कालिदास' की संज्ञा दी दी थी।

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