बिहार: चिराग पासवान की पप्पू यादव से बंद कमरे में मुलाकात तो जीतनराम मांझी का झुकाव फिर जेडीयू की ओर

चिराग पासवान की नाराजगी के बाद जहां पूर्व सीएम और हम सुपीमो जीतनराम मांझी का झुकाव फिर से जदयू की ओर हो रहा है तो लोजपा सुपीमो चिराग पासवान और जाप सुप्रीमो पप्पू यादव की बंद कमरे में मुलाकात हुई है...

Update: 2020-08-15 16:06 GMT

File photo

जनज्वार ब्यूरो, पटना। लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान की जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव की बंद कमरे में मुलाकात और 'हम' सुप्रीमो जीतनराम मांझी का जदयू की ओर झुकाव क्या नए राजनैतिक समीकरण की ओर इशारा कर रहे हैं? 15 अगस्त को एक तरफ स्वतंत्रता दिवस की चर्चा है तो बिहार के राजनैतिक गलियारों में यह सवाल तैर रहा है।

बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही नए राजनैतिक समीकरण के संकेत मिलने लगे हैं। चिराग पासवान की नाराजगी के बाद जहां पूर्व सीएम और हम सुपीमो जीतनराम मांझी का जदयू की ओर झुकाव हो रहा है तो वहीं, लोजपा सुपीमो चिराग पासवान और जाप सुप्रीमो पप्पू यादव की बंद कमरे में मुलाकात की भी खबरें बाहर आ रही हैं।

इससे पहले कल रात चिराग पासवान अचानक पटना पहुंचे थे। 15 अगस्त, शनिवार को एलजेपी ने आपात बैठक भी की। बैठक के बाद लोजपा सांसद चंदन सिंह ने कहा कि गठबंधन पर कोई चर्चा बैठक में नहीं हुई, हालांकि एनडीए से लोजपा की नाराजगी की बात अब जगजाहिर हो गई है।

विगत तीन दिनों से जदयू और लोजपा के नेताओं के बीच एक-दूसरे के प्रति कटु और व्यंग्यात्मक शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है। जेडीयू ने चिराग पासवान को अपनी ही डाल काटने वाले 'कालीदास' की उपमा दी तो एलजेपी ने भी एक बार फिर नीतीश सरकार के कामकाज पर गंभीर सवाल खड़े किए और एलजेपी प्रवक्ता अशरफ अली ने जेडीयू सांसद ललन सिंह को 'सूरदास' तक कह डाला। पिछले कुछ दिनों से एनडीए के दोनों दलों के बीच विवाद लगातार बढ़ रहा है।

इससे पहले चिराग पासवान ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी, हालांकि इस मुलाकात के बाद भी चिराग पासवान के सुर नहीं बदले हैं। बताया जाता है कि दोनों के बीच तकरीबन एक घंटे तक बातचीत हुई। एलजेपी सूत्रों का कहना है कि चिराग ने जेपी नड्डा से साफ कह दिया है कि वे नीतीश कुमार के एजेंडे पर चलने को तैयार नहीं हैं। बिहार में अगर एनडीए चुनाव लड़ेगा तो एजेंडा भी तीनों पार्टियों को मिलकर बनाना होगा।

लोजपा के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के रवैये को लेकर जेपी नड्डा के सामने अपनी नाराजगी जाहिर की थी। जानकारों की मानें तो बीजेपी ने अगर बात नहीं संभाली तो लोक जनशक्ति पार्टी एनडीए से अलग हो सकती है।

उधर, पार्टी के दलित वोट बैंक को अपने पाले में रखने के लिए जदयू अब जीतनराम मांझी की ओर देख रहा है। कहा जा रहा है कि जेडीयू के साथ उनकी बात चल रही है, हालांकि 'हम' केे प्रदेश अध्यक्ष ने फिलहाल इसका खंडन किया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान से निपटने के लिए नीतीश कुमार ने मांझी को विकल्प के रूप में तलाश लिया है। अगले कुछ दिनों में जीतन राम मांझी के जेडीयू में जानेे की भी संभावना जताई जा रही है।

इधर, तलवारें दोनों ओर से खिंच गई हैं। चिराग ने जाप सुप्रीमो और पूर्व सांसद पप्पू यादव से लंबी बातचीत की है। हालांकि इन दोनों के बीच क्या बातचीत हुई, यह अभी स्पष्ट पता नहीं चल पाया है, क्योंकि दोनों की बंद कमरे में रात में लंबी गुफ्तगू हुई है। वहीं, शनिवार को चिराग पासवान की अध्यक्षता में पार्टी के प्रमुख नेताओं की बैठक हुई। बैठक में बिहार के सभी जिला प्रभारी व जिलाध्यक्ष शामिल हुए।

बैठक के बाद लोजपा नेता हुलास पांडेय ने बताया कि बैठक में चिराग पासवान ने कहा कि कोरोना के कहर से जनता को बचाना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। बिहार में जांच और बढ़़ाना चाहिए। उन्होंने स्वास्थ्य व्यवस्था को और बेहतर करने पर भी बल दिया। चिराग ने यह भी कहा कि लोग सुरक्षित रहेंगे तभी चुनाव हो पाएगा।

लोजपा सांसद चंदन सिंह ने कहा कि गठबंधन पर किसी तरह की कोई बातचीत नहीं हुई है। कोरोना काल में लोगों को कैसे रखा जाए सुरक्षित, इस पर बात हुई है। सीटों को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए गठबंधन में टूट की कोई बात नहीं है। गठबंधन में हम लोग हैं और फिलहाल रहेंगे। हालांकि सूत्रों का कहना है कि आज की बैठक में चिराग पासवान ने नेताओ को अपने दिल की बात बताई है। आज की बैठक के बाद फ़ैसला जल्द लेने के लिए लोजपा संसदीय बोर्ड की बैठक बुला सकती है। बैठक मे सभी वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

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