मुंगेर कांड को लेकर राज्यपाल से मिला कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल, नीतीश कुमार को बर्खास्त करने की मांग
सुरजेवाला ने कहा कि हमने राज्यपाल से सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी को तत्काल निलंबित करने की मांग की, उन्होंने कहा कि घटना में मारे गए व्यक्ति अनुराग कुमार के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाय...
जनज्वार ब्यूरो, पटना। कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज राज्यपाल से मुलाकात कर मुंगेर मामले पर जांच की मांग की। कांग्रेस नेता सुरजेवाला, मदन मोहन झा और पवन खेड़ा ने आज राज्यपाल से मुलाकात की है। मुलाकात में मुंगेर कांड को लेकर कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को पद से बर्खास्त करने की मांग राज्यपाल से की है।
राज्यपाल से मुलाकात करने के बाद कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा कि हम मुंगेर मामले पर राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें घटना की जानकारी देने गए थे। हमने राज्यपाल को घटना की जानकारी देते हुए सीआईएसएफ की रिपोर्ट दिखाई, जिसमें बताया गया है कि भक्तों ने नहीं बल्कि लोकल पुलिस ने पहले गोली चलाई थी।
मुलाकात के बाद सुरजेवाला ने कहा 'हमने राज्यपाल से सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी को तत्काल निलंबित करने की मांग की।' उन्होंने कहा कि घटना में मारे गए व्यक्ति अनुराग कुमार के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए। वहीं इससे पहले कांग्रेस नेता ने कहा था कि नीतीश राज ने बिहार को अराजकता की आग में झोंक दिया, नीतीश और सुशील मोदी सरकार को एक क्षण भी गद्दी पर बने रहने का अधिकार नहीं है।
सुरजेवाला ने कहा कि राज्यपाल को साक्ष्य और समाचार पत्रों की कतरनें भी दी गईं। यह बताया गया कि गोली पुलिस के हथियार से ही चली है। उन्होंने मांग किया कि मुंगेर कांड के मृतक और घायलों के परिजनों को मुआवजा दिया जाय। प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा भी शामिल थे।
सुरजेवाला ने कहा कि मुंगेर की घटना को जानबूझकर अंजाम दिया गया है। सीएम और डिप्टी सीएम इस घटना के लिए जिम्मेवार हैं। सरकार डीएम और एसपी का बचाव करने में जुटी हुई थी। इस जिम्मेवारी को देखते हुए नीतीश कुमार और सुशील मोदी को तुरंत बर्खास्त किया जाए और मृतक अनुराग के परिवार को 50 लाख का मुआवजा दिया जाए।
सुरजेवाला ने यह भी मांग किया कि संबंधित पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड किया जाए और पूरे मामले की सिटिंग जज से न्यायिक जांच कराई जाए।