कन्हैया कुमार अगस्त से शुरू करेंगे पार्टी के लिए चुनाव प्रचार- सीपीआई
सीपीआई नेता सत्यनारायण सिंह ने कहा कि हम एनडीए को हराने के लिए महागठबंधन में शामिल होने के इच्छुक हैं लेकिन हम सीटों की एक सम्मानजनक संख्या चाहते हैं...
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए इस बात के संकेत सामने आने लगे हैं कि वामपंथी दल महागठबंधन में शामिल होने के इच्छुक हैं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को अगस्त में चुनाव प्रचार के लिए उतारने की तैयारी शुरू कर दी है। बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए सीटों की बड़ी हिस्सेदारी के लिए 33 वर्षीय नेता की स्टार पावर का उपयोग करने के लिए पार्टी भी उत्सुक है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सीपीआई के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह ने पुष्टि की कि कन्हैया कुमार आगामी चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार करेंगे। कन्हैया कुमार को फरवरी 2016 में राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था था इसके बाद वह अब जमानत पर बाहर हैं।
सिंह ने कहा कि महागठबंधन को युवाओं के बीच युवा नेता की लोकप्रियता को पहचानना होगा। फरवरी की शुरुआत में कुमार ने विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का विरोध करने के लिए 'जन-मन-गण' यात्रा कर बिहार का एक राज्यव्यापी दौरा किया था।
उन्होंने आगे कहा, 'कन्हैया कुमार युवाओं के बीच एक बड़ा आकर्षण हैं और उनमें वोट हासिल करने की क्षमता है। हमें लगता है कि चुनाव प्रचार के दौरान महागठबंधन को उनकी लोकप्रियता से फायदा होगा। वह अगस्त में बिहार आएंगे।' कन्हैया ने बेगूसराय सीट से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था और भाजपा के गिरिराज सिंह के खिलाफ 2.69 लाख मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे।
महागठबंधन में सीपीआई के शामिल होने के संकेत शुरुआत में पटना में कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्तिसिंह गोहिल और सिंह की हालिया बैठक के बाद आए। सूत्रों ने कहा कि सीपीआई महागठबंधन से 40 विधानसभा सीटों की मांग करने के लिए तैयार थी। 2015 के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने 81 सीटों पर चुनाव लड़ा था और केवल 1.4% वोट हासिल किए थे। सीपीआई के पास राज्य में कोई विधायक नहीं है, लेकिन उसके दो एमएलसी हैं।
सत्यनारायण सिंह आगे कहते हैं, 'हम एनडीए को हराने के लिए महागठबंधन में शामिल होने के इच्छुक हैं लेकिन हम सीटों की एक सम्मानजनक संख्या चाहते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या महागठबंधन सीपीआई को 40 सीटें देने पर विचार करेगा, पार्टी के राज्य सचिव ने कहा कि राजद-कांग्रेस गठबंधन ने पहले ही 2019 के लोकसभा चुनावों में इसके साथ गठबंधन न करके बड़ी कीमत चुकाई है।'
सिंह ने कहा, 'कन्हैया बेगूसराय संसदीय सीट पर दूसरे स्थान पर आ गए थे, जबकि राजद उम्मीदवार तीसरे स्थान पर आए थे। 1990 के दशक में हमारे पास राजद के नेतृत्व वाली सरकार में 26 विधायकों की मजबूत उपस्थिति थी।'
सीपीआई-एमएल (लिबरेशन) और सीपीएम के नेता भी महागठबंधन के साथ बातचीत में है। सीपीआई-एमएल के राज्य सचिव कुणाल ने कहा, 'हम 20 जुलाई के बाद सीट बंटवारे पर महागठबंधन नेताओं के साथ बातचीत करेंगे। पटना में लॉकडाउन के कारण प्रक्रिया में देरी हुई है।' गठबंधन पर औपचारिक बातचीत के लिए पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से 10 दिन पहले मुलाकात की थी, लेकिन अभी तक कुछ भी ठोस नहीं हुआ है।