मुख्यमंत्री बनने आईं पुष्पम प्रिया टिकेंगी बिहार में या पकड़ लेंगी हवाई जहाज ?

मूल रूप से दरभंगा की रहने वाली पुष्पम प्रिया चौधरी ने लंदन के मशहूर लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री ली है....

Update: 2020-11-10 04:54 GMT

पटना। बिहार चुनावों के दौरान और प्रचार के समय एक नाम सबसे ज्यादा चर्चा में रहा था, वह है पुष्पम प्रिया का, जिन्होंने खुद को सीएम पद का दावेदार घोषित किया था। मधुबनी जिले की बिस्फी सीट से द प्लूरल्स पार्टी से पुष्पम प्रिया चुनावी मैदान में हैं। उनके खिलाफ आरजेडी से फैयाज अहमद और बीजेपी से हरिभूषण ठाकुर ने चुनाव लड़ा है।

आज बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना शुरू हो चुकी है, विश्लेषकों और मीडिया की नजर जिन सबसे ज्यादा हॉट सीटों और कैंडिडेट पर है, उनमें से पुष्पम प्रिया चौधरी भी एक हैं। पुष्पम प्रिया चौधरी ने बिहार की दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ा है। पटना की बांकीपुर और मधुबनी की बिस्फी सीट से चुनावी मैदान में उतरी पुष्पम प्रिया ने मीडिया में विज्ञापन देकर खुद को अगला मुख्यमंत्री प्रत्याशी घोषित कर रखा था। इसीलिए मीडिया की नजर उनकी दोनों सीटों पर बनी हुई है कि क्या वो किसी एक सीट पर भी जीत हासिल करने में कामयाब हो पायेंगी।

बिस्फी सीट के अलावा पटना की बांकीपुर विधानसभा सीट जहां से उन्होंने चुनाव लड़ा है, उनके खिलाफ कांग्रेस से शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा, बीजेपी से तीन बार के विधायक नितिन नवीन हैं। ध्यान देने योग्य बात यह है कि नवीन के पिता नवीन किशोर सिन्हा भी यहां से कई बार विधायक रह चुके हैं, इसलिए उनके लिए यह सीट सुरक्षित मानी जा रही है।

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मूल रूप से दरभंगा की रहने वाली पुष्पम प्रिया चौधरी ने लंदन के मशहूर लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री ली है।

पुष्पम ने इस साल की शुरुआत से ही लोगों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करना शुरू कर दिया था। मार्च के बाद से बांकीपुर में वह गांवों का दौरा कर रही हैं और स्थानीय लोगों से मिल रही थी।

प्लूरल्स पार्टी की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चौधरी ने राज्य में अन्य विधानसभा सीटों से भी अपनी पार्टी के उम्मीदवार खड़े किये हैं, जो साफ-सुथरी छवि के ईमानदार लोग हैं। खुद को मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित करने वाली पुष्पम प्रिया के बारे में विश्लेषक कह रहे हैं कि लंदन रिटर्न होने के कारण और लोगों के बीच लगातार जाने के कारण हो सकता है कि वो किसी एक सीट से विधानसभा पहुंच जायें।

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