बिहार के उद्योग मंत्री श्याम रजक मंत्री पद से बर्खास्त, जा सकते हैं राजद में
राजनीतिक गलियारों में श्याम रजक के 17 अगस्त को राजद में जाने की चर्चा पूरे दिन चलती रही, इससे पहले ही नीतीश कुमार ने यह कार्रवाई कर दी है...
जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार में विधानसभा चुनावों से ऐन पहले सियासी गतिविधियां तेज गति से चल रहीं हैं। सभी दलों और गठबंधनों के बीच दांव-पेंच चले जा रहे हैं और शह-मात का खेल जारी है। राज्य के उद्योग मंत्री श्याम रजक को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनुशंसा के बाद राज्यपाल फागु चौहान द्वारा इस पर मुहर भी लगा दी गई है। उन्हें जदयू से भी बाहर कर दिया गया है। श्याम रजक के कल यानि 17 अगस्त को राजद में शामिल होने की चर्चाएं चल रहीं थीं। उससे पहले ही जदयू ने आज उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है।
16 अगस्त रविवार की रात यह कार्रवाई की गई है। श्याम रजक राज्य के उद्योग मंत्री थे और अभी वे पटना के फुलवारी शरीफ से जदयू के विधायक थे। उनके पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण उनपर कार्रवाई की गई है।
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने मीडिया को यह जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि पहले उन्हें पार्टी से निकाला गया, फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राज्यपाल से उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त करने की सिफारिश की गई, जिसे राज्यपाल ने मंजूर कर लिया है।
श्याम रजक कल यानि 17 अगस्त को राजद में शामिल हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि कल वे पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर तेजस्वी यादव के समक्ष राजद में शामिल हो सकते हैं। आज पूरे दिन उनके मंत्री पद और जदयू की सदस्यता से इस्तीफा देने की चर्चा चलती रही और ऐसा होने के पहले ही जदयू ने यह कदम उठा लिया है।
श्याम रजक राज्य की दलित राजनीति के बड़े चेहरे माने जाते हैं। अगर वे राजद में जाते हैं, तो यह एक तरह से उनकी पुराने घर में वापसी ही होगी। पहले वे राजद में ही थे और पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद के काफी करीबी माने जाते थे। उस दौर में वे लालू प्रसाद के कथित किचेन कैबिनेट के भी हिस्सा बताए जाते थे।
रामकृपाल यादव और श्याम रजक की जोड़ी उस दौर में राम-श्याम की जोड़ी के तौर पर जाना जाता था। रामकृपाल यादव अभी बीजेपी के सांसद हैं। बाद में वर्ष 2009 में वे जदयू में शामिल हो गए थे और 2010 के विधानसभा चुनावों में जदयू के टिकट पर फुलवारी शरीफ से विधायक चुने गए थे। फिर नीतीश कुमार ने उन्हें मंत्री भी बनाया था। वर्ष 2015 के विधानसभा चुनावों में भी वे फुलवारी शरीफ से विधायक चुने गए थे।
हालांकि उस दौर में उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया था, ऐसी खबरें आईं थीं कि राजद के नहीं चाहने के कारण उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया था। उस वक्त जदयू और राजद ने मिलकर सरकार बनाई थी। बाद में जदयू, राजद से अलग हो गया था और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। तब उन्हें दुबारा मंत्री बनाया गया था और अभी वे राज्य के उद्योग मंत्री थे।