नीतीश मंच पर दे रहे थे भाषण, सामने लगने लगे लालू-तेजस्वी जिंदाबाद के नारे, भड़क कर बोले-बाहर करो इनको
जब नीतीश कुमार सभा को संबोधित कर रहे थे, इसी दौरान मंच के सामने कुछ लोग लालू-तेजस्वी जिंदाबाद के नारे लगाने लगे, नीतीश कुमार ने कुछ देर तक तो अनसुना कर दिया, पर बाद में वे भड़क गए....
जनज्वार ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी चुनावी सभा में खुले मंच से भड़क गए और सामने नारे लगा रहे लोगों को बहुत कुछ सुना दिया। वैसे तो इस बार के बिहार चुनावों के प्रचार के दौरान कुछ अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है और कई नेताओं की सभाओं में हंगामा हो चुका है।
21 अक्टूबर को सारण जिले के दो विधानसभा क्षेत्रों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनसभा को संबोधित किया। नीतीश कुमार की पहली सभा मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र के ओलहनपुर इलाके में हाई स्कूल मैदान में सम्पन्न हुई। वहीं दूसरी सभा परसा विधानसभा क्षेत्र में डेरनी सुतिहार में हुई। पहली सभा में लोगों की भीड़ काफी कम दिखी, वहीं दूसरी सभा में उन्हें हूटिंग का सामना करना पड़ा।
परसा विधानसभा सीट अभी हॉट सीट बनी हुई है, चूंकि यहां से लालू प्रसाद के समधी और तेजप्रताप यादव के ससुर चंद्रिका राय चुनाव मैदान में हैं। चंद्रिका राय पहले राजद में थे, पर चुनाव के ऐन पहले जदयू में शामिल हो गए थे।
जदयू ने वहां से इन्हें उम्मीदवार भी बना दिया है। जब नीतीश कुमार सभा को संबोधित कर रहे थे, इसी दौरान मंच के सामने कुछ लोग लालू-तेजस्वी जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। नीतीश कुमार ने कुछ देर तक तो अनसुना कर दिया, पर बाद में वे भड़क गए।
नीतीश कुमार ने कहा कि चुप रहिए, जिस पार्टी का नारा लगा रहे हैं, वह इस बार कहीं की नहीं रहने वाली है। बात को सुनना चाहिए। उन्होंने यह भी अपील किया कि बहकावे में नहीं आएं, पर नारे लगाने वाले नहीं माने। फिर उन्होंने कहा दिया कि अगर सुनना है तो सुनिए, वरना बाहर जाइए।
उन्होनें नारे लगाने वालों को यह कहते हुए बाहर करने को कह दिया कि ये छोटेलाल राय के आदमी हैं। छोटेलाल राय यहां राजद से प्रत्याशी हैं। बाद में चंद्रिका राय के समर्थक लालू यादव मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे और स्थिति कुछ तनावपूर्ण भी हो गई।
नीतीश कुमार ने हंगामा कर रहे लोगों को राजद उम्मीदवार छोटेलाल राय का आदमी करार देते हुए चेताया और उसके बाद चंद्रिका राय की पुत्री तेज प्रताप की पत्नी ऐश्वर्या को लेकर उन्होंने दुख भी जताया। उन्होंने कहा कि इस पढ़ी-लिखी महिला के साथ जो व्यवहार किया गया, उसका नतीजा तो उनलोगों को भुगतना ही होगा।
बहरहाल अब चुनावी सभा में पारिवारिक संबंधों में आई खटास का जिक्र किए जाने के सियासी मायने तलाशे जाने लगे हैं। वैसे किसको इसका सियासी फायदा मिलेगा और किसे नुकसान होगा, यह तो भविष्य के गर्भ में है, पर पहली बार चंद्रिका राय की बेटी का मंच पर होना अपने आप में बहुत कुछ कह जाता है।