मधुबनी के हरलाखी की चुनावी सभा में नीतीश कुमार पर फेंके प्याज, बोले-फेंको, खूब फेंको
विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में आज 3 नवंबर को राज्य के 17 जिलों की 94 सीटों पर मतदान हो रहा है, साथ-साथ तीसरे चरण के लिए प्रचार अभियान भी चल रहा है...
जनज्वार ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुनावी सभाओं में इन दिनों कई बार विरोध के नारे भी लगे हैं। सारण जिला के परसा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे सीएम नीतीश कुमार की सभा में भी विपक्षी दल राजद के समर्थन में नारे लगने के बाद उन्होंने यहां तक कह दिया था कि वोट नहीं देना है तो मत दो, पर शांति से सभा में रहो। वहां काफी देर तक पक्ष-विपक्ष के नारे लगते रहे थे।
विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में आज 3 नवंबर को राज्य के 17 जिलों की 94 सीटों पर मतदान हो रहा है। साथ-साथ तीसरे चरण के लिए प्रचार अभियान भी चल रहा है। आज पीएम नरेंद्र मोदी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, तेजस्वी यादव आदि सभी बड़े नेताओं ने तीसरे चरण वाले क्षेत्रों में चुनाव प्रचार किया। इसी क्रम में सीएम नीतीश कुमार भी मधुबनी जिला के हरलाखी विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सभा करने पहुंचे थे, जहां कुछ लोगों ने सभा के बीच ही उनके ऊपर प्याज फेंक दिया।
मुख्यमंत्री और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार मधुबनी के हरलाखी में रैली को संबोधित करने पहुंचे थे, इसमें लोगों ने उन पर प्याज फेंका। हालांकि, फेंके गए प्याज में से कोई भी सीएम तक नहीं पहुंचा । हालांकि घटना के बाद नीतीश कुमार ने कहा- फेंको, खूब फेंको बोलते रहे। फिर उन्होंने सुरक्षाकर्मियों को अपने पास से हटा दिया और वे रैली को संबोधित करते रहे।
3 नवंबर, मंगलवार को नीतीश कुमार अपने चुनावी भाषण में सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए पिछड़ा और अतिपिछड़ा के बारे में चर्चा कर रहे थे, इसी दौरान सभा के बीच में कुछ लोगों ने मंच की तरफ प्याज फेंक दिया। इसके बाद तुरंत ही सुरक्षाकर्मियों ने सीएम को घेर लिया। हालांकि नीतीश बोले फेंको, जितना फेंकना है उतना फेंको। उन्होंने सुरक्षाकर्मियों से भी कहा कि उन्हें रोकिये मत, फेंकने दीजिए। इसके बाद उऩ्होंने रोजगार और अन्य मुद्दों पर बोलना जारी कर रखा।
चुनावी सभा में नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार आने के बाद रोजगार का अवसर पैदा होगा और किसी को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जो आज सरकारी नौकरी की बात कर रहे हैं, जब वो सत्ता में थे तो कितने लोगों को रोजगार दिया तब तो काफी वक्त तक बिहार-झारखंड एक ही था।