तेजस्वी ने नीतीश से पूछा, 'जनादेश चीरहरण' के लक्ष्य की हो गई होगी प्राप्ति?
चार साल पहले की वह तारीख तेजस्वी भूले नहीं, जिस दिन राजद-जदयू की सरकार बदलकर भाजपा-जदयू की हो गई थी और तेजस्वी को डिप्टी सीएम की कुर्सी गंवानी पड़ी थी।
जनज्वार ब्यूरो, पटना। तेजस्वी यादव ने एक बार फिर सीधे नीतीश कुमार पर हमला बोला है। इस बार 'जनादेश चीरहरण' का मामला उठाया है। 27 जुलाई को तेजस्वी ने ट्विट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बिहार की 12 करोड़ जनता के साथ छल और विश्वासघात करने का आरोप लगाया है। चार साल पहले राजद द्वारा इन दोनों शब्दों का खूब प्रयोग किया जाता था।
बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आज से ठीक चार साल पहले की 26 जुलाई की तारीख को बिहार के डिप्टी सीएम थे। तब राजद-जदयू की सरकार थी। उस दौर में लालू परिवार के विरुद्ध CBI ने मुकदमे दर्ज कराए। ठीक चार साल पहले आज ही की तारीख को नीतीश कुमार ने राजद से गठबंधन तोड़ कर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी और राजद विपक्ष में चली गई थी। तेजस्वी यादव की उपमुख्यमंत्री वाली कुर्सी पर सुशील मोदी बैठ गए थे। उसके बाद से राजद इसे लगातार मतदान का चीरहरण बता कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरता रहा है। वर्ष 2015 का वह चुनाव राजद और जदयू ने साथ मिलकर लड़ा था जबकि बीजेपी विरोध में लड़ी थी।
आज उसी घटना को याद करते हुए तेजस्वी यादव ने ट्विट किया है। ट्विट में उन्होंने लिखा 'आज माननीय नीतीश जी द्वारा किए गए "जनादेश चीरहरण" की चौथी वर्षगांठ है। आशा है उन्होंने जिस उद्देश्य के लिए जनादेश का अपमान कर 12 करोड़ बिहारियों के साथ छल और विश्वासघात किया था उसकी लक्ष्य प्राप्ति हो गई होगी। 130 दिन बाद घर से बाहर निकल आज इस वर्षगांठ पर जश्न तो मनाइए।'
तेजस्वी ने उसके बाद एक और ट्विट किया। इस ट्विट में उन्होंने सरकारी अस्पतालों की कुव्यवस्था को लेकर सरकार पर निशाना साधा। ट्विट में उन्होंने लिखा 'बिहार के अस्पतालों में रुई और सूई के अलावा आवश्यक मेडिकल उपकरण उपलब्ध क्यों नहीं हैं?15 वर्षों के मुख्यमंत्री बताएं कि ऐसी दयनीय स्थिति क्यों है?4 माह बाद भी अस्पतालों का क्षमतावर्धन, टेस्टिंग किट, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, मेकशिफ्ट हॉस्पिटल का प्रबंधन नहीं किया जा सका? जबाब दें।'