नीतीश करते हैं सड़कों का जाल बिछाने का दावा, पर उनके गृहजिला में सड़क के लिए प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण
गांव के रंजीत कुमार कहते हैं 'करीब छह साल पहले कच्ची सड़क (Soil road) हसनपुर के ग्रामीणों ने श्रमदान से बनाया था, बरसात (Rainy season) में किसी की तबीयत खराब हो जाय तो भारी परेशानी होती है...
जनज्वार ब्यूरो, पटना। यूं तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(C.M Nitish kumar) राज्य में सड़कों का जाल बिछाने के दावे अक्सर करते हैं, पर उनके गृह जिला (Home district) में ही एक गांव के ग्रामीण (Villagers) एक अदद सड़क के लिए वर्षों से परेशान हैं और अब प्रदर्शन (Protest) कर आक्रोश जाहिर कर रहे हैं। इस गांव में एक कच्ची मिट्टी (Soil road) की सड़क जरूर है, पर वह भी सरकार की बनवाई हुई नहीं है, बल्कि ग्रामीणों ने खुद ही जनसहयोग (Public support) से बनाई है।
नालंदा जिला के हिलसा (Hilsa) अनुमण्डल के चिकसौरा थाना के कोरावाँ पंचायत अन्तर्गत मड़वा बालदे गांव है। इस गांव के मोड़ से हसनपुर गांव (Hasanpur village) तक लगभग एक किलोमीटर के क्षेत्र में ग्रामीणों ने श्रमदान कर बहुत पहले कच्ची सड़क बनाई है। बरसात के कारण कच्चे रास्ते में दलदल हो गया है, इससे लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। बरसात के दिनों में ग्रामीणों का गांव से मुख्य सड़क (Main road) तक पहुंचने का रास्ता बंद हो जाता है। ग्रामीण बदहाली का जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
लगभग एक किलोमीटर तक सड़क नहीं बनने के कारण ग्रामीणों में जनप्रतिनिधियों (Public representatives) व अधिकारियों के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस संबंध में लोग जनसुनवाई से लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों को शिकायत कर चुके हैं, लेकिन समस्या को लेकर अभी तक कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हुई है।
हसनपुर गांव की आबादी लगभग 600 है, इन ग्रामीणों को आने-जाने मे काफी समस्या होती है। बरसात में दिनों में यह 600 की आबादी एक तरह से घरों में कैद हो जाती है।
हसनपुर गांव के रंजीत कुमार उर्फ अमुल एवं अरूण प्रसाद ने कहा 'करीब छः साल पहले कच्ची सड़क हसनपुर के ग्रामीणों ने श्रमदान से ही बनाया था। कभी किसी व्यक्ति को तबियत खराब हो जाय, तो बहुत परेशानी होती है। लोग बदहाली में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। बरसात के दिनों में तो घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है।'
ग्रामीणों ने बताया कि कई बार शासन व प्रशासन के अधिकारियों के पास समस्या को लेकर पहुंचे हैं, लेकिन यह मुख्य होने के बावजूद अब तक नहीं बन सका है। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के वक्त राजनैतिक लोग वादा करके चले जाते हैं।
संजय यादव ने कहा 'पिछली बार विधानसभा चुनाव होने से पहले स्थानीय विधायक ने लोगों को भरोसा दिलाया था कि इस रोड का पक्की करण करा दिया जायेगा, उनका कार्यकाल भी समाप्त होने वाला है लेकिन अब तक यह रोड नहीं बना।'
रामईश्वर प्रसाद ने कहा 'गांव मे मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के नल जल की सुविधा भी नहीं पहुंची है। लोग काफी परेशानी का जीवन जी रहे हैं।' ग्रामीणों ने नल-जल योजना को भी गांव में उपलब्ध करवाने की भी मांग की है।