कहां गया नियम-कानून, कोरोना पीड़ित थे सुशील मोदी, पर अस्पताल से डिस्चार्ज होने के 3 दिन बाद ही पहुंच गए रोड शो करने!
उन्होंने वहां एनडीए प्रत्याशियों के समर्थन में रोड शो भी किया, अब इसपर सवाल उठ रहे हैं कि क्या कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर आईसीएमआर की गाइडलाइन महज किताबी बातें हैं और सिर्फ आम लोगों से पालन कराने के लिए बनाई गईं हैं....
Photo: twitter handle of sushil kumar modi
जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी कोरोना पीड़ित थे। इलाज के लिए पटना एम्स में भर्ती हुए थे। तीन दिन पहले ही वे एम्स से डिस्चार्ज किए गए हैं। इसके बाद आज उन्होंने सीतामढ़ी और मधुबनी में चुनाव प्रचार के लिए निकल पड़े।
उन्होंने वहां एनडीए प्रत्याशियों के समर्थन में रोड शो भी किया। अब इसपर सवाल उठ रहे हैं कि क्या कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर आईसीएमआर की गाइडलाइन महज किताबी बातें हैं और सिर्फ आम लोगों से पालन कराने के लिए बनाई गईं हैं।
आज 29 अक्टूबर को सुशील मोदी ने खुद अपने ट्विटर हैंडल से इस रोड शो की जानकारी और तस्वीरें शेयर की हैं। उनके द्वारा शेयर की गई इन तस्वीरों में से एक तस्वीर में साफ दिख रहा है कि उनके साथ गाड़ी पर खड़े एक नेता या कार्यकर्ता ने हालांकि मास्क पहना तो जरूर है, पर उसके चेहरे से मास्क हटा हुआ है।
साथ ही रोड शो में मोदी के काफिले में चल रहे कुछ समर्थक भी बगैर मास्क के दिख रहे हैं। अब लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या नियम-कानून और गाइडलाइंस बड़े नेताओं पर लागू नहीं होते?
उल्लेखनीय है कि कोरोना मरीजों को लेकर केंद्र सरकार का दिशा निर्देश बिल्कुल स्पष्ट है। आईसीएमआर के गाइडलाइंस में साफ कहा गया है कि एसिम्पटमेटिक कोरोना मरीज को लगातार तीन दिन नॉर्मल टेंपरेचर और सांस संवंधी शिकायत न होने पर डिस्चार्ज किया जा सकता है, पर मरीज को निगेटिव होने के बाद भी सात दिन तक होम क्वारंटाइन का पालन करना है।
गाइडलाइन के अनुसार, ऐसे मरीज जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं हैं, जिन्हें तीन दिनों तक बुखार नहीं आ रहा है और उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत नहीं है तो अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है। लेकिन इसके बावजूद ऐसे मरीजों को किसी के भी संपर्क में नहीं आना है और सात दिन तक होम क्वारंटाइन में रहना है।