रूडी के गृह प्रखंड की दलित बस्ती के ग्रामीण क्यों लगा रहे नारे कि नहीं जाएंगे वोट देने
अमनौर के कल्याण पंचायत के सहादी मिश्र दलित बस्ती के लोगों ने रविवार को अपना आक्रोश जाहिर करते हुए विरोध जताया, गांव के लोगों ने विधानसभा चुनाव में वोट नहीं देने का निर्णय लिया है....
जनज्वार ब्यूरो, पटना। वैसे तो चुनाव प्रचार के दौरान वोटरों को अपने पाले में करने के लिए नेतागण आसमान से तारे तोड कर ला देने का भी वादा कर लेने से नहीं चूकते। आम लोगों का आरोप होता है कि चुनाव प्रचार में बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, पर एक बार चुनाव खत्म हो जाय और नेताजी जीत जाएं तो दुबारा उनका दर्शन तभी होता है, जब अगले बार फिर से वोट की जरूरत होती है। लिहाजा मूलभूत सुविधाओं का अभाव लोगों को झेलना पड़ता है।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी सारण जिला से सांसद हैं। उनका अपना घर जिला के अमनौर प्रखंड में है। अब अमनौर प्रखंड के कल्याण पंचायत के सहादी मिश्र दलित टोला गांव के ग्रामीणों ने गांव में सड़क नहीं रहने को लेकर किसी को भी वोट नहीं देने के नारे लगा रहे हैं।
अमनौर के कल्याण पंचायत के सहादी मिश्र दलित बस्ती के लोगों ने रविवार को अपना आक्रोश जाहिर करते हुए विरोध जताया। गांव के लोगों ने विधानसभा चुनाव में वोट नहीं देने का निर्णय लिया है।
वोट नहीं देने के नारे लगा रहे योगेंद्र दास ने कहा 'आजादी के 73 साल बीत जाने के बाद भी गांव में एक अदद सड़क नहीं है। जिससे लोगों को आवाजाही में काफी परेशानी होती है।'
ग्रामीणों ने हर जगह गुहार लगाई है, पर अबतक सड़क नहीं बना है।
तेरस राम ने कहा 'सड़क की समस्या को लेकर कई बार पंचायत के जनप्रतिनिधि व स्थानीय एमएलए एवं एमपी से गुहार लगायी गयी। बावजूद अबतक कोई सुनने वाला नहीं है।'
बैजनाथ मिश्र कहते हैं 'सड़क के साथ- साथ सरकार की किसी योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत नलजल व नली गली का कार्य भी गांव तक नहीं पहुंचा है। आजतक कोई जनप्रतिनिधि गांव में नहीं आये।'
संजय मिश्रा ने कहा 'जनप्रतिनिधि वादा कर चुनाव जीत जाते हैं और उसके बाद इस गांव को भूल जाते हैं। इसलिए इसे मुद्दा बनाकर हमलोगों ने आंदोलन करने का संकल्प लिया है। इसके लिए इस बार हमलोगों ने वोट नहीं करने का निर्णय लिया है।
प्रदर्शन करने वालीं में कमलदेव ठाकुर, रविंद्र कुमार, मनोज राम, मंटू शर्मा, विकल राम, अनिल राम, राणा मुकेश सिंह, मुसहरी देवी, बुणा देवी, फुलकुमारी देवी,गायत्री देवी आदि दर्जनों लोग शामिल थे।