बागेश्वर धाम दरबार में अब एक 10 साल की बच्ची की मौत, धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कारों से प्रभावित था परिवार

मृतक बच्ची की मामी कहती है 'हम डेढ़ साल से बागेश्वर धाम आ रहे हैं, बच्ची को मिर्गी की बीमारी थी, चमत्कार सुनकर यहां आए थे, लेकिन उसकी जान चली गई, इस बार शनिवार से बच्ची को परेशानी ज्यादा हुई तो उसे बाबा जी धीरेंद्र शास्त्री के पास ले आए, बाबा ने भभूति दी, लेकिन वह नहीं बची, हमें कहा गया कि बच्ची शांत हो गई, इसे ले जाओ...'

Update: 2023-02-20 04:30 GMT

बिलखकर रो रही है बागेश्वर धाम दरबार में मरने वाली 10 वर्षीय बच्ची विष्णु कुमारी की मां और साथ में मामी, अस्पताल में भी नहीं मिला स्ट्रेचर और एंबुलेंस तो हाथों में शव लेकर गयी मामी (photo : Dainik Bhaskar)

10 year old girl death Bageshwar Dham Darbar : बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं हो रही हैं। पाखंड और चमत्कार के नाम पर हिंदुओं को मूर्ख बनाने वाले धीरेंद्र शास्त्री के दरबार में पहले एक महिला की मौत हुई और अब एक 10 साल की बच्ची की मौत हो गयी है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि सबसे पहले जनज्वार ने अपनी वीडियो रिपोर्ट में धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कारों के दावों पर सवाल उठाया था और उसके बाद यह मीडिया में बड़ा सवाल बना।

दैनिक भास्कर में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान के बाड़मेर से अपने परिजनों के साथ छतरपुर के बागेश्वर धाम आयी 10 साल की बच्ची की मौत की बात सामने आयी है। जानकारी यह भी सामने आ रही है कि बच्ची को मिर्गी की बीमारी थी और परिजनों के मुताबिक धीरेंद्र शास्त्री ने बच्ची को भभूति दी, मगर फिर भी उसकी जान नहीं बच पायी। परिजनों का कहना है बाबाजी यानी धीरेंद्र शास्त्री ने हमसे कहा कि इसे लेकर जाओ।

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सामने आ रही जानकारी के मुताबिक 17 फरवरी को 10 साल की मिर्गी की बीमारी से ग्रसित विष्णु कुमारी अपने पिता बुधराम, मां धम्मू देवी और मामी गुड्‌डी के साथ बागेश्वर धाम पहुंची थी। परिजनों का कहना है कि विष्णु कुमारी को मिर्गी के दौरे आते थे। हम लोगों ने जब बागेश्वर धाम बाबा के चमत्कार के बारे में सुना तो बेटी को लेकर पहुंचे, मगर यहां आने पर तो हमारी बच्ची की जान ही चली गयी।

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परिजन कहते हैं, बाबाजी की भभूति खाने के बाद जब बच्ची के शरीर में कोई हलचल नहीं हुई तो हम उसे जिला अस्पताल पहुंचे, मगर डॉक्टरों ने कहा कि यह मर चुकी है।

दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर के मुताबिक परिजनों का दावा है कि शनिवार 18 फरवरी की रातभर बच्ची जागती रही। उसे मिर्गी के दौरे भी आए। रविवार 19 फरवरी की दोपहर में उसने आंखें बंद कीं तो हमें लगा उसे नींद आ गई है, लेकिन शरीर में कोई हलचल नहीं हुई तो हमें शक हुआ और हम उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, मगर डॉक्टर ने कहा कि यह मर चुकी है।

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बच्ची की मामी गुड्डी कहती है, हम डेढ़ साल से बागेश्वर धाम आ रहे हैं। बच्ची को मिर्गी की बीमारी थी। चमत्कार सुनकर यहां आए थे, लेकिन उसकी जान चली गई। इस बार शनिवार से बच्ची को परेशानी ज्यादा हुई तो उसे बाबा जी धीरेंद्र शास्त्री के पास ले आए। बाबा ने भभूति दी, लेकिन वह नहीं बची। हमें कहा गया कि बच्ची शांत हो गई, इसे ले जाओ।

बच्ची की मौत के बाद उसकी मामी गुड्डी ने लाश को गोद में उठाकर एंबुलेंस तक पहुंचाया, क्योंकि अस्पताल में शव के लिए स्ट्रेचर तक नहीं मिल पाया। कहा जा रहा है कि अस्पताल से उन्हें एंबुलेंस भी नहीं मिली, और परिवार 11 हजार रुपये में प्राइवेट एंबुलेंस से बच्ची की लाश को बाड़मेर लेकर गया। 

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