अंधविश्वास : केरल में मां-बाप कराते रहे जादू-टोना, इलाज के बिना 11 साल की फातिमा की बुखार से हो गई मौत
Blind faith : अंधविश्वास : केरल के कन्नूर जिले में माता-पिता के अंधविश्वासी होने के कारण एक 11 वर्षीय लड़की की जान चली गई। मृतक लड़की तेज बुखार से पीड़ित थी और इलाज के बिना उसने दम तोड़ दिया।
Blind Faith : केरल के कन्नूर जिले में एक 11 वर्षीय लड़की की बुख़ार से मौत सिर्फ इसलिए हो गई कि उनके मां-बाप को चिकित्सीय इलाज के बदले जादू-टोने ( witchcraft ) में ज्यादा विश्वास है। अंधविश्वास ( superstitious ) के कारण बच्ची को बुखार होने पर नजदीकी अस्पताल में उपचार कराने के बदले कथित तौर उनके मां-बाप ने जादू-टोना कराते रहे।
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रिश्तेदार ने दर्ज कराई एफआईआर
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 11 वर्षीय छात्रा फातिमा ( Fatima ) सातवीं क्लास की छात्रा थी। पिता एमसी अब्दुल सत्तार और मां एमए साबिरा अपने अंधविश्वास के कारण बुखार होने के बावजूद उसका इलाज़ कराने से इंकार कर दिया। परिणाम यह निकला कि सही समय पर इलाज के बिना फातिमा ने बीमारी के कारण दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद फ़ातिमा के एक रिश्तेदार ने पुलिस में शिक़ायत दर्ज कराई।
मां-बाप के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज
इस घटना के बाद कन्नूर पुलिस ने शिक़ायत के आधार पर दोनों दंपति पर अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया। पड़ोसी बता रहे हैं कि बेचारी फातिमा पिछले तीन दिनों से तेज़ बुख़ार से पीड़ित थी। पड़ोसी और आस-पास के लोगों ने आरोप लगाया कि एमसी अब्दुल सत्तार और एमए साबिरा ने अपने बच्ची फातिमा को उचित चिकित्सा देने के बजाए जादू-टोना कराएं। इस अंधविश्वास के चलते एक 11 साल की एक मासूम बच्ची की जान चली गई।
फातिमा के परिवार में यह पहला मामला नहीं
31 अक्टूबर को जब तड़के तीन बजे फातिमा को कन्नूर के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया तब तक वो इस दुनिया को अलविदा कह चुकी थी। हालांकि, अस्पताल पहुंचते ही प्रशासन ने उसे मृत घोषित कर दिया।पड़ोसी और स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि इनके परिवार की ये कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी फातिमा के परिवार के एक अन्य सदस्य की भी इसी तरह मृत्यु हो गई थी। उसे भी उचित चिकित्सा के बजाए जादू-टोना कराया गया था।