बांदा में मृत तांत्रिक के बेटों ने चलाया अंधविश्वास का ऐसा खेल कि असाध्य रोगों के इलाज के लिए जुटने लगी भीड़

पुलिस ने एक बार कार्रवाई कर लोगों की भीड़ हटायी और मामला भी दर्ज किया, लेकिन अंधविश्वास का असर इस कदर है कि लोग फिर जुटने लगे...

Update: 2020-09-20 04:14 GMT

फोटो : न्यूज 18 से साभार।

जनज्वार। उत्तरप्रदेश के बांदा जिले में अंधविश्वास का एक ऐसा खेल खेला जा रहा है कि लोग असाध्य बीमारियों से ग्रस्त होने पर इलाज कराने के लिए डाॅक्टर के पास जाने के बजाय मृत तांत्रिक के मजार पर जुट रहे हैं। एक तांत्रिक के मजार पर सैकड़ों लोग बीमारियों को दूर करने के लिए माथा टेकते हैं और नारियल व फूल चढाते हैं।

जिले के नरैनी कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत खरौंच ग्राम पंचायत का यह मामला है। यहां का एक स्थानीय व्यक्ति सुहारीलाल कुशवाहा गुजरात में रह कर काला जादू, भूत प्रेत ठीक करने का धंधा किया करता था। हाल में पता चला कि उसे कोई गंभीर बीमारी हो गई है और ऐसे में उसके परिवार वालो उसे 10 दिन पहले गुजरात से गांव लेते आए। लेकिन, गांव आने पर भी उसका धंधा जारी रहा। परिवार ने 10 बीघा जमीन खरीद ली और वहां बैठककर वह तांत्रिक साधना करने लगा। पर जब उसने ऐसा करना शुरू किया तो दो दिन बाद उसकी मौत हो गई।

इसके बाद आसपास के इलाके में यह खबर फैल गई कि तांत्रिक की मौत हो गई है। उसके शव को वहीं लोगों ने दफन कर दिया और यह अफवाह भी फैलायी गई कि उसके मजार का पांच चक्कर मारने पर, नारियल चढाने पर भूत प्रेत की बाधाएं दूर हो जाएंगी। यह अफवाह आग की तरह फैल गई और बड़ी संख्या में लोग कोरोना महामारी में लाॅकडाउन की धज्जियां उड़ा कर वहां जुटने लगे।

तांत्रिक के समर्थकों द्वारा लोगों के अंदर से शैतानी आत्माओं को बाहर निकालने का ढोंग किया जाने लगा। उसकी अंधी भक्ति का असर इस कदर है कि आसपास की गतिविधियों का वीडियो बनाना या फोटो लेना भी लोगों के लिए मुश्किल होता है, क्योंकि उसके समर्थक हमला कर देते हैं।

रोजाना सैकड़ों लोग बीमार को वहां लेकर पहुंचने लगे। न्यूरो, लकवा, घुटनों की बीमारियों तक के लिए इलाज के लिए लोग अपने परिजनों को लेकर आने लगे। उसके मजार पर मेले जैसा दृश्य हर दिन बनने लगा।

यहां इलाज के लिए आए कुछ लोगों की मौत भी हो गई है। मध्यप्रदेश के सतना जिले से 65 वर्षीया महिला ललिता को लोग इलाज के लिए लेकर आए थे लेकिन यहीं उनकी मौत हो गई।

दरअसल, तांत्रिक के बेटे और उसके कुछ पढे लिखे साथियों ने अंधविश्वास का पूरा भ्रमजाल तैयार किया। इसके बाद कुछ लोगों ने इस मामले की खबर पुलिस को 112 नंबर पर दी, जिसके बाद एसपी सिद्धार्थ शंकर मीणा ने कार्रवाई करवायी और यहां से लोगों के जमावड़े को हटवाया। इसको लेकर एक मामला भी दर्ज किया गया है जिसमें पांच नामजद और 200 अज्ञात अभियुक्त बनाए गए हैं। मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया गया।

हालांकि भीड़ हटाए जाने के बाद फिर एक बार लोगों को जुटान शुरू हो गया। 

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