40 साल में पहली बार जीडीपी का इतना बुरा हाल, कृषि छोड़ हर क्षेत्र में बड़ी गिरावट
विभिन्न कोर सेक्टर में गिरावट के साथ राजकोषीय घाटा में रिकार्ड बढत आयी है जो देश की आर्थिक सेहत को और खराब करेगी...
जनज्वार। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही के आए जीडीपी (GDP)के आंकड़े देश के किसी भी नागरिक को चिंता में डालने वाले हैं। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा सोमवार (31 August 2020) को जारी आंकड़े के अनुसार, जारी वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ माइनस 23.9 प्रतिशत रही। पिछले साल यह पहली तिमाही में 3.1 प्रतिशत थी। सोमवार को आया डेटा पिछले 40 सालों का सबसे खराब आंकड़ा है। वहीं, ग्रास वैल्यू एडेड - जीवीए में 22.8 प्रतिशत की गिरावट आयी है।
जीडीपी ही नहीं अर्थव्यवस्था के दूसरे पैरामीटर पर भी गिरावट दर्ज की गई है। एनएसओ के आंकड़े के अनुसार, भारत का राजकोषीय घाटा अप्रैल से जुलाई के बीच 8.21 लाख करोड़ रुपये रहा। जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में इसी अवधि में यह 5.47 करोड़ रुपये था।
पहली तिमाही में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान के 103.1 प्रतिशत तक पहुंच गया है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 में आठ कोर इंडस्ट्रीज का ग्रोथ माइनस 20.5 प्रतिशत रहा। पिछले साल यह 119.9 प्रतिशत रहा। यानी इसमें पिछले वर्ष की इस अवधि में 9.6 प्रतिशत की गिरावट आयी।
कोरोना महामारी के कारण लंबे लाॅकडाउन के कारण होटल इंडस्ट्री व कंस्ट्रक्शन क्षेत्र को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। होटल इंडस्ट्री का ग्रोथ रेट माइनस 47 प्रतिशत हो गया है, जबकि कंस्ट्रक्शन का माइनस 50.3 प्रतिशत है। सर्विस सेक्टर का ग्रोथ रेट माइनस 20.6 डिग्री हो गया है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट माइनस 39.9 प्रतिशत हो गई है। माइनिंग सेक्टर में माइनस 23.3 प्रतिशत, पावर एंड गैस माइनस 7 प्रतिशत, विनिर्माण क्षेत्र में माइनस 50.3 प्रतिशत, रियल एस्टेट में माइनस 5.3 प्रतिशत ग्रोथ रेट दर्ज की गई।
कृषि एक मात्र ऐसा क्षेत्र रहा है जहां ग्रोथ रेट में बढत दर्ज की गई। कृषि सेक्टर में इस अवधि में 3.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। यह पिछले साल से 0.4 प्रतिशत अधिक है।