मोदीराज के अच्छे दिन : स्पेशल ट्रेन से कहीं भी उतरें देना होगा 500 किमी का किराया

कोरोना काल में पहले ही आम आदमी आर्थिक मंदी का सामना कर रहा है। कोरोना काल में चल रही स्पेशल ट्रेनों पर वे पहले ही अधिभार चुका रहे हैं, लेकिन अब उन्हें कहीं भी जाने के लिए 500 किमी का किराया चुकाना होगा...

Update: 2020-11-30 13:46 GMT

जनज्वार। कोरोना संक्रमण शुरू होने के बाद पिछले आठ महीने से देश में ट्रेनों का आम परिचालन बंद हैं। पहले कुछ स्पेशल ट्रेन और बाद में कुछ आवश्यक रूट पर ट्रेंनें चलायी गईं। लंबी दूरी की अधिकतर ट्रेंनें अभी स्पेशल ट्रेन के नाम से ही चल रही हैं। पर, अब इन स्पेशल ट्रेनों के जरिए 100-200 किमी का सफर तय करने वाले यात्रियों की जेब पर भारी चपत रेलवे लगाने की तैयारी में है।

अब लंबी दूरी की स्पेशल ट्रेनों में यात्री जहां भी उतरेंगे उन्हें 500 किलोमीटर का किराया देना होगा। इसके साथ ही स्पेशल चार्ज अतिरिक्त लगेगा। किलोमीटर को रिस्ट्रिक्शन चार्ज की वसूली आम यात्रियों से होगी। इससे कोरोना के दौरान में पहले ही कई तरह की असुविधाएं व पैसों की किल्लत झेल रहे निम्न मध्यम वर्ग व गरीब तबके की जेब पर और बोझ पड़ेगा।

उदाहरण के लिए अगर आप दिल्ली-पटना-हावड़ा रूट पर सफर कर रहे हैं और आप बीच में किउल, झाझा, जसीडीह किसी भी स्टेशन पर ट्रेनों पर सवार हों आपको किराया पटना से हावड़ा का ही भरना होगा।

मालूम हो कि कोरोना काल में चलायी जा रही स्पेशल ट्रेनों में पहले से ही यात्रियों से अधिभार वसूला जा रहा है। 2एस के लिए यह 15 रुपये, स्लीपर के 175 रुपये, एसी चेयर कार के लिए 200 रुपये, एसी 3 के लिए 350, एसी 2 के लिए 400, एक्जक्यूटिव व एसी प्रथम श्रेणी के लिए भी 400 रुपये अधिभार वसूला जा रहा है।


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