NEET EXAM: सुप्रीम कोर्ट की केंद्र सरकार को फटकार, 'सत्ता के इस खेल में डॉक्टरों को फुटबॉल न समझें'
NEET EXAM: सुपर स्पेशलिटी कोर्सों के लिए होने वाली राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) का पैटर्न अंतिम समय पर बदलने के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को एक हफ्ते का समय दिया है..
NEET EXAMS: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। नीट-एसएस का परीक्षा पैटर्न अंतिम समय में बदलने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र (Central Government) को यह फटकार लगाई है। देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा, "सत्ता के खेल में सरकार डॉक्टरों को फुटबॉल न समझे।" इसके साथ ही सुपर स्पेशलिटी (SS) कोर्सों के लिए होने वाली राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) का पैटर्न अंतिम समय पर बदलने के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए अदालत ने सरकार को एक हफ्ते का समय दिया है।
इस सम्बंध में डॉक्टरों द्वारा दायर की गई एक याचिका (Writ petition) की सुनवाई के दौरान जस्टिस धनन्जय चंद्रचूड़ और बीवी नागत्न की पीठ ने नाराजगी जाहिर की। पीठ ने कहा, "आप इस तरीके से युवा डॉक्टरों (Young Doctors) की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं कर सकते। परीक्षा का जब नोटिफिकेशन जारी हो चुका था तो अब ऐसी क्या आपात स्थिति (Emergency) बन गई कि परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया जा रहा है। सिर्फ इसलिए कि आपके पास पॉवर है। आपको लगता है कि आप इसे किसी भी तरह से तोड़-मरोड़ सकते हैं। सत्ता के इस खेल में डॉक्टरों को फुटबॉल मत समझिए।"
बता दें कि नीट-एसएस परीक्षा का आयोजन आगामी 13 और 14 नवंबर 2021 को होने वाला है। वहीं, इस परीक्षा का नोटिफिकेशन (Notification) बीते 23 जुलाई को जारी किया गया था, लेकिन लगभग एक महीने बाद यानि 31 अगस्त को राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE) ने परीक्षा पैटर्न में बदलाव का ऐलान करते हुए परीक्षार्थियों के लिए एक बुकलेट (Booklet) जारी किया था।
इसके बाद राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE) के इस फैसले को 41 डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इनका कहना है कि सरकार की ओर से परीक्षा पैटर्न (Neet SS Exam Pattern) बदलने के फैसले से परीक्षा की तैयारी में लगे डॉक्टरों के सामने नई मुश्किल खड़ी हो गई है। क्योंकि डॉक्टर नीट-एसएस परीक्षा की तैयारी 2018 के निर्धारित पैर्टन के आधार पर कर रहे थे। इन डॉक्टरों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते केंद्र सरकार को नोटिस (Notice) भेजकर मामले पर जवाब मांगा था।
बता दें कि केंद्रीय स्वास्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से इस मामले में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASC) ऐश्वर्या भाटी प्रतिनिधित्व कर रही थीं। वहीं एनबीई की ओर से सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह और नेशनल मेडिकल कमिशन (National Medical Commission) की ओर से एडवोकेट गौरव शर्मा उपस्थित थे।
याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायपीठ ने तीनों अधिवक्तागणों से कहा कि परीक्षा पैटर्न बदनले के फैसले को इस साल टालने पर विचार करें क्योंकि इन डॉक्टरों ने तैयारी के लिए सालों की मेहनत लगाई है। और अब परीक्षा के लिए सिर्फ दो महीने का वक्त शेष है।