Janjwar Ground Report: यूपी के चंदौली में पंप कैनाल चालू होने के इंतजार में अंधा हो गया मानिकपुर का किसान, कहा- यही है डबल इंजन का विकास?

Janjwar Ground Report: अब धान की नर्सरी डालने के लिए मानिकपुर सानी, भुजना, सिधना, मुहम्मदपुर और नौबतपुर के हजारों किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर गई हैं। तंगी-अभाव में गुजर रहा जीवन ही इनकी नियति बन गई गई। गांव के चहुमुंखी विकास के दावे करने वाली डबल इंजन की सरकारें कटघरे खड़े प्रतीत होती हैं तो वहीं उपेक्षा से बिलबिलाये हजारों ग्रामीणों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से रंज है।

Update: 2022-05-29 13:23 GMT

सैयदराजा क्षेत्र में कर्मनाशा नदी के किनारे बदहाल अवस्था में पड़ा मानिकपुर-भुजना पंप कैनाल।

उपेंद्र प्रताप की रिपोर्ट

Janjwar Ground Report: उत्तर प्रदेश को भले ही डबल इंजन की सरकार खींच रही हो, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सटे जनपद चंदौली के कई गांवों की हकीकत से वाकिफ होने पर न सिर्फ नौकरशाह बल्कि जनप्रतिनिधियों के सिर भी शर्म से झुक जाएंगे। चन्दौली का मानिकपुर सानी गांव देश की आजाद के बाद से खेती के लिए पानी की कमी से जूझ रहा है। हजारों किसानों के लगभग 750 हेक्टेयर उपजाऊ भूमि को सिंचाई की व्यवस्था के लिए कर्मनाशा नदी पर करोड़ों खर्च कर 20 क्यूसेक कैनाल पंप व 250 एचपी की मोटर वाला मानिकपुर-भुजना पंप कैनाल लगाया गया। इसमें आठ से अधिक सालों तक लंबे इंतजार के बाद भी पानी नहीं निकलने से किसान टूट चुके हैं और इनके मुट्ठी भर जमीन को दो बूंद पानी भी मयस्सर नहीं हो सका है। अब फिर इस बजट को बढ़ाकर 4.5 करोड़ रुपए कर दिया गया है। लिहाजा, अब धान की नर्सरी डालने के लिए मानिकपुर सानी, भुजना, सिधना, मुहम्मदपुर और नौबतपुर के हजारों किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर गई हैं। तंगी-अभाव में गुजर रहा जीवन ही इनकी नियति बन गई गई। गांव के चहुमुंखी विकास के दावे करने वाली डबल इंजन की सरकारें कटघरे खड़े प्रतीत होती हैं तो वहीं उपेक्षा से बिलबिलाये हजारों ग्रामीणों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से रंज है। कैनाल स्थल पर लगा गांव से दूर पानी का एकमात्र साधन हैंडपंप भी दम तोड़ चुका है।

मानिकपुर सानी, भुजना, सिधना, मोहम्मदपुर, बेलवानी और नौबतपुर गांवों के हजारों एकड़ खेती की भूमि को पानी पहुंचाने के लिए कर्मनाशा नदी पर 20 क्यूसेक क्षमता का मानिकपुर-भुजना पंप कैनाल लगाया गया था, जो फेल हो गया है। मानिकपुर सानी के किसान घासी अली ने "जनज्वार" को बताया कि 'मुझे अभी तीन बेटियों की शादी करनी है। शादी की जिम्मेदारियों के चलते मैं अपना निजी पंपसेट नहीं लगवा पा रहा हूं।' यदि पंप कैनाल चालू हो गया होता तो मेरे जैसे कई किसानों के जीवन की कठिनाई थोड़ी कम हो जाएगी।

पंप कैनाल के पानी के इंतज़ार में अपनी आंखों की रोशनी खो चुके किसान शंकर।

पम्प कैनाल के 20 क्यूसेक का भारी-भरकम पाइप शंकर राम के खेत से गुजरा है। शंकर अपना दुःख बताते हुए कहते हैं कि 'हमारे घर के बगल में कर्मनाश नदी के तट पर कैनाल लगने से अब तक कुल आठ साल से अधिक का वक्त गुजर गया है। कैनाल के चालू होने और इसके पानी से अपने खेत को सिंचने की आस लगाए-लगाए मेरी आंखों की रोशनी चली गई, लेकिन पानी नहीं आ सका। दोनों सीजन से सैकड़ों बीघे की फसल पानी के अभाव में सूख जाती है। सभी परेशान हैं। पानी का साधन हो जाता तो गांव आबाद हो गया होता। आज चार साल हो गया। गांव के सक्रीय बुजुर्ग नेता कुबेरनाथ मौर्य, रामविलास मौर्य और हरेंद्र सिंह को अपने पानी की सुविधा के लिए किससे नहीं कहा। मेरे घर की महिलाएँ और लड़कियां एक किलोमीटर दूर से पानी ले आती थी। ऐसे में से एक -दो सामंती सोच वाले लोग पानी मांगने पर चुनाव की बात उभार देते हैं और अनावश्यक मुद्दों पर बातें करने लगते हैं। इसी बीच बंटाई पर खेती करने वाले बुजुर्ग नथुनी भी करीब आकर खड़े हो जाते हैं, इनका भी दुःख अथाह है।

सामंती लोग देते हैं दुःख, उठाते हैं गरीबी का मजाक

सामंतवादी ज्यादती के शिकार नथुनी कहते हैं कि 'मेरी फसल सूख रही थी मैं पानी मांगने गया था तो एक बार फिर ज्यादती झेलनी पड़ी। वे कहते हैं- 'कवन जवाब देहीं, एक जने से पानी मागंने गए थे। तब वह कहता है कि कहां आये हो। पानी की एक बूंद नहीं दूंगा। फिर हैरान-परेशान होकर समीप के भुजना गांव गया और अपनी पीड़ा बताई तो विजय शंकर सिंह ने पानी दिया तो अपनी फसल को काट पाया। मेरा गांव मानिकपुर है। मुझे आन गांव (दूसरे गांव ) से पानी लेना पड़ा। यह गांव के लिए शर्मनाक बात हैं। इसी सहूर पर उस सामंती व्यक्ति को गांव का कोई भी व्यक्ति पसंद नहीं करता है। ऐसा व्यक्ति मर भी जाएं तो गांव का कुछ नुकसान नहीं होगा। कैनाल के चालू होते ही गरीब-दुःखिया सभी के जीवन को नया रास्ता मिल जाएगा। मर जाएंगे हमलोगों के बाल-बच्चे लेकिन, हमलोग दुबारा उसके दरवाजे पर जाने वाले नहीं है।'`

बनकर तैयार पंप कैनाल का भवन और बिजली आपूर्ति के लिए लगा ट्रांसफार्मर।

मैंने फ्री में जमीन दी है, सांसद कहते हैं फर्जी कैनाल !

मानिकपुर के गोपाल पाठक कहते हैं कि 'तत्कालिक विधायक मनोज डब्लू ने कहा कि आप जमीन दे दीजिये, मैं चार गांव के लिए कैनाल लगवा रहा हूं, मैंने एक रुपया नहीं लिया और जमीन दे दिया। उस समय कैनाल का काम बहुत जोरों पर चला। मनोज चुनाव हारे तो कैनाल का काम भी ठंडे बस्ते में चला गया। इसके बाद कैनाल स्थल पर सुशील विधायक गए। चन्दौली जनपद के सांसद महेंद्र पांडेय भी गए और उन्होंने कहा- फर्जी है। आखिर जब यह फर्जी है तो इतना सामान सरकार के खाते से कैसे आ गया ? कई साल गुजर गए कोई सुनवाई नहीं हो रही है? कैनाल में मोटर-मशीन सब कुछ लगा हुआ है। सिर्फ स्टार्टर लगाकर चालू करना है। इतना ही ये लोग नहीं कर पा रहे हैं। चार गांव में बना कैनाल एक किसान के खेत को भी नहीं सींच रहा है। मेरा 12 बीघे का चक है, पानी के अभाव में परती रहता है। बीजेपी के सुशील विधायक ने विधानसभा इलेक्शन के समय कहा था कि, इलेक्शन के जीतने के एक महीनें के अंदर कैनाल पानी फेंकने लगेगा, लेकिन हकीकत सबके सामने है। गांव के लोग कैसे हैं जी रहे हैं-मर रहे हैं.... विधायक सुशील और सांसद महेंद्र पांडेय आजतक हाल चाल लेने नहीं आएं? क्या यही डबल इंजन सरकार का विकास है ?

हर तरफ मची है लूट

भुजना के पूर्व ग्राम प्रधान और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राम नगीना सिंह 'जनज्वार' को बताते हैं कि ' यहां आसपास के गांवों को पम्प कैनाल जरूरत नहीं थी। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के प्रयासों से साल 1966 में बिजली और बगही से लेकर टेल मानिकपुर तक नहर आ गई थी। हाल के वर्षों में सरकार की उदासीनता के चलते पानी यहां तक नहीं पहुंच पाता है। नहर और करार पट जाने से पानी जरूरतमंद गांवों तक पहुंच नहीं पाता है। पुराने लोग इसके गवाह हैं जब तक कांग्रेस थी, तब तक सिंचाई के लिए किसानों को पानी मिलता रहा। कांग्रेस के बाद कोई नहरों की सफाई व देखरेख करने वाला कोई नहीं रह गया। सिंचाई विभाग के अधिकारी-कर्मचारी झांकने-ताकने तक नहीं आते हैं। बसपा-सपा की किसानों से खास लगाव नहीं था, इससे भी रद्दी भाजपा निकली। मानिकपुर का ही एक व्यक्ति मानिकपुर-भुजना पंप कैनाल के शुरू होने में रूकावट डालता है। इससे छोटे-छोटे किसानों और बंटाईदार किसानों को दिक्कत हो रही है। अंग्रेजों के मुखबीरों को खेती-किसान से कोई मतलब नहीं है। ये देश को लूटने और बेचने में लगे हैं। किसानों और गरीबों की खातिर प्रशासन और जिम्मेदारों से मांग है कि जल्द से जल्द पंप कैनाल को चालू कराया जाए।'

पंप कैनाल लगाने के लिए गोपाल पाठक ने मुफ्त में जमीन दी है. सिंचाई के लिए पानी को लेकर बहुत परेशान हैं.

हजारों किसानों की किस्मत बदल सकता है कैनाल का पानी

जन अधिकार पार्टी व संकल्प भागीदारी मोर्चे के संयुक्त पूर्व जिला पंचायत प्रत्याशी राम विलास मौर्य कहते हैं कि कैनाल लग चुका था। थोड़ा बहुत काम रह गया था। तभी सरकार बदल गई गई। विधायक सुशील सिंह ने कहा था कि जल्द ही कैनाल को चालू करवा दिया जाएगा। लेकिन अब भी हालत जस के तस हैं। पड़ोसी चार गांवों को खेती-बाड़ी करने में किसानों को दिक्कत हो रही है। गरीबों और पिछड़ों के मुद्दों पर प्रशासन ही उदास हैं। लोग रोजमर्रा की जिंदगी जी रहे हैं। किसान दुखों तले दबकर मर रहा है, गरीबों की चिंता किसी को नहीं है। गरीब-किसान दस रुपए बचाकर अपने घर का खर्च चलाएंगे या एसपी-डीएम के यहां प्रदर्शन करेंगे! '

राम विलास आगे कहते हैं कि 'कुछ कुत्सित मानसिकता के लोगों द्वारा मानिकपुर सानी, भुजना, मुहम्मदपुर, बेलवनिया और नौबतपुर समेत गांवों के हजारों किसानों को दबाया जा रहा है, परेशान किया जा रहा है। ऐसे लोग जनता को जितना झेलना चाहते हैं झेला लें। मौका आने पर जनता अपने वोट की ताकत से जवाब देगी। मैं जब बरहनी सेक्टर नंबर-4 से जिला पंचायत का चुनाव लड़ा था तब भी मेरे एजेंडे में खेल का मैदान, अच्छी सड़क, गली-चौराहे, पंचायत भवन, स्वास्थ्य केंद्र, कन्या इंटर कॉलेज और कैनाल को चालू करना शामिल था। इन मुद्दों पर इलेक्शन में मुझे मानिकपुर सानी, बगही, भतीजा, नेवादा, प्रीतमपुर, दुधारी, मरुई, बेलवनिया, भुजना, सिधना और सुगाई समेत कई गांवों के नागरिकों ने झूम कर वोट दिया। इलाकाई मुद्दों पर लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।'

अब धान की नर्सरी उगाने के लिए पानी की समस्या

मानिकपुर सानी के प्रधान उपविजेता संदीप सिंह का आरोप है कि जनता की उपेक्षा की गई है। यह पंप कैनाल चालू हो जाता है तो हजारों किसानों को राहत मिल जाएगी। मध्यम, छोटे और बंटाईदार किसानों के पास सिंचाई का कोई साधन नहीं है। वहीं, बड़े किसानों ने तो अपनी व्यवस्था कर रखी है। कई सालों से हमलोग ये सुनते आ रहे हैं कि अब चालू हो जाएगा, तब चालू हो जाएगा, जानें कौन सी और कहां तकनीकी खराबी है कि कैनाल अपनी बदनसीबी पर आंसू बहा रहा है। कोई भी गांव का व्यक्ति हैरान-परेशान अपनी समस्या लेकर आता है तो उसका समाधान खोजने का प्रयास मैं करता हूं। सभी समाज के किसानों के लगभग 1600 बीघे खेत को पानी की किल्लत से परेशानी उठानी पड़ रही है। पानी के अभाव में दर्जनों गांववालों की फसलें मर जाती हैं। हमारी जब भी जनप्रतिनिधियों से मुलाकात होती है तो कैनाल को चालू कराने की मांग करते हैं। अब धान की नर्सरी लगाने का वक्त हो चला है, यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार कैनाल का पानी खेतों तक जाता है या?

पक कर तैयार सूखने के कगार पर पहुंची फसल को बचाने के लिए बंटाईदार किसान नथुनी को पड़ोस के गांव से पानी लेना पड़ा.

पहले का काम फर्जी 4.5 करोड़ रुपए से कैनाल फेंक देगा पानी ?

सैयदराजा बीजेपी विधायक सुशील सिंह ने बताया कि मानिकपुर-भुजना 20 क्यूसेक पंप कैनाल को चालू कराने के लिए मैं लगा हुआ हूं। एक पत्रक फिर शासन को भेजा गया है। कर्मनाशा नदी से जल उठाने की अनुमति मिल गई है। फाइल शासन में लगी हुई है। जैसे ही स्वीकृति मिलती है और बजट पास होते ही कैनाल को चालू करने का काम शुरू कर दिया जाएगा। पुल और टंकी के लिए भी टेंडर जारी कर दिए गए हैं। सब कुछ उम्मीद के मुताबिक रहा तो दस पंद्रह दिन में काम शुरू हो जाएगा। '

एक्सीएन को है बजट का इंतजार

हजारों किसानों की समस्याओं को समझने का दावा करने वाले लघु डाल नहर खंड वाराणसी के सहायक अभियंता तृतीय ब्रजेश कुमार ने बताते हैं कि पब्लिक के डिमांड पर काम करा दिया गया था। वित्तीय स्वीकृति नहीं होने से कार्य यथावत रुक गया था। धन का आवंटन नहीं होने और पेपर वर्क के अभाव में काम रुका हुआ था। हाल ही में विधायक के एफर्ट से परियोजना वित्तीय स्वीकृति में है। स्वीकृति होने व काम के बाद काम शुरू कर दिया जाएगा। इस बार पंप कैनाल को शुरू करने के लिए लगभग 4.5 करोड़ रुपए का प्रपोजल शासन को भेजा गया है।

कैनाल का नया मॉडल चढ़ जाएगा भ्रष्टाचार की भेंट, आरोप

समाजवादी पार्टी चन्दौली के पूर्व जिला अध्यक्ष बलिराम सिंह यादव करते हैं कि 'यही है बीजेपी का विकास। जो काम हुआ है, वे अब भी अधूरे हैं। पुल, जिला अस्पताल का विकास, मेडिकल कॉलेज आदि सभी समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में हुआ है। मानिकपुर-भुजना पंप कैनाल के निर्माण-मरम्मत के नाम पर पैसा पास कराकर, रुपए के घोटाले की तैयारी है. रिपेयरिंग का थोड़ा काम बचा है। इसके लिए 4.5 करोड़ रुपए का फिर बजट पास हो जाएगा। इस पैसे का क्या इस्तेमाल कैसे करेंगे, इसका जवाब कौन देगा ? पिछले वर्ष में एक पम्प कैनाल पर एक करोड़ अस्सी लाख रुपए खर्च आया था तो अब इसी पंप कैनाल पर 4.5 करोड़ रुपए कैसे खर्च आएगा ? यह मामला सीधे-सीधे भ्रष्टाचार की राह पर है। विधायक और प्रशासन के लोग मिलकर घोंट जाएंगे और दिखा देंगे कि हमने बना दिया ? इसकी जांच की जाए और खर्च का विवरण का शिलापट्ट भी कैनाल की इमारत पर लिखा जाए।'

कैसे याद आई कि कैनाल लगाया जाए ?

किसानों की दु‌र्व्यवस्था को देखते हुए बरहनी विकास खंड के सेक्टर नंबर 4 की जिला पंचायत सदस्य मीना (गुड़िया) ने अपने चुनाव के दौरान जनता से पंप कैनाल बनवाने का वादा किया था। इसके मद्देनजर सैयदराजा विधायक के प्रयास से क्षेत्र के मानिकपुर व भुजना के मध्य में कर्मनाशा नदी के तट पर लगने वाले 20 क्यूसेक क्षमता वाले लिफ्ट कैनाल का प्रस्ताव पास हुआ था। साल 2016, 17 जनवरी की सुबह तत्कालीन विधायक मनोज कुमार डब्लू इसका शिलान्यास किया था।

सिंचाई की समस्या होगी दूर

इस पंप कैनाल के बनने से सिधना बेलवानी, मुहम्मदपुर, तेजोपुर मानिकपुर सानी, भुजना, नौबतपुर, मुहम्मदपुर सहित कई गांव के किसान लाभान्वित होंगे। जिनकी लगभग 750 हेक्टेयर उपजाऊ भूमि होगी सिंचित होगी। तब विधायक मनोज ने मीडिया से कहा था कि विधानसभा के दक्षिणी छोर के किसानो को वर्षो से सिंचाई में काफी समस्या आती रही है। इससे उनके खून-पसीने से उगाई गयी फसलें पानी के अभाव में बर्बाद हो जाती रही हैं, जिसे देखते हुए उक्त नदी पर पंप कैनाल लगाया जा रहा है। हाल ही में अप्रैल 2022 को मरम्मत, रंग-रोगन और पुल आदि के निर्माण के लिए दो टेंडर जारी किए गए हैं, जिनकी कीमत लगभग 15 लाख रुपए है।

तब खर्च हुए थे 20 करोड़ रुपए

विभागीय सूत्रों की मानें तो लगभग 20 करोड़ की लागत से बनने वाले इस पंप कैनाल से लगभग 750 हजार हेक्टेयर उपजाऊ भूमि सिंचित होगी। यहां 20 क्यूसेक के पंप व 250 एचपी की मोटर लगाये जाएंगे ताकि किसानों को भरपूर पानी उपलब्ध कराया जा सके। कार्यदायी संस्था लघुडाल नहर खंड के अधिकारियों के अनुसार इस परियोजना का निर्माण कार्य मार्च तक पूरा करा लिया जाएगा। तत्कालीन विधायक ने 50 लाख की धनराशि अपनी निधि से दिया था. अब फिर 4.5 करोड़ रूपए का बजट प्रस्ताव शासन भेजा गया है।

कोई सुनता ही नहीं

किसान प्रकोष्ठ (कांग्रेस) के पूर्व जिलाध्यक्ष विजयशंकर राय ने कहते हैं कि 'मानिकपुर-भुजना पंप कैनाल अभी कंडीशन में नहीं है। भूपौली को छोड़ दिया जाए तो मानिकपुर, ककरैत और चारी पंप कैनाल बदहाल हैं। हमलोगों ने कई लड़ाइयां लड़ी और लम्बे आंदोलन को चलाया, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। इस सरकार में कोई सुनता ही नहीं है। आर्थिक रूप से कमजोर किसान भी कई कोशिश करके थक चुके हैं। किसान अनाज उपजाए कि लाठी-डंडे खाने जाएं। सरकार थोड़ा बहुत हमलोगों की सुनती तो 100-200 किसानों के साथ प्रयास भी करते। प्रशासन भी किसानों के मुद्दों पर उदासीन है। भारतीय किसान यूनियन के वीरेंद्र यादव भी प्रशासन और जिम्मेदारों की नियत पर सवाल खड़ा करते हुए कहते हैं कि 'चालू खरीफ सीजन तक किसानों के खेत तक पानी नहीं पहुंचा तो बड़ी किसानों की जन गोलबंदी कर आंदोलन किया जाएगा अन्नदाताओं के साथ मजाक बंद किया जाए।'

पंप कैनाल को चालू कर अपने को साबित करे बीजेपी

कैनाल के चालू होना गांव में खुशहाली ले आएगी यानी कैनाल को हरियाली और खुशहाली करार देते हुए मानिकपुर सानी के बुजुर्ग नेता कुबेरनाथ मौर्य कहते हैं कि 'पम्प कैनाल को चलाते-चलाते आठ-दस साल का लम्बा वक्त गुजर गया, लेकिन पानी के अभाव में अब भी फसलें खराब हो रही है। हर साल दोनों सीजन -खरीफ और रबी की करीब 50 एकड़ से अधिक फसलें नष्ट हो जाती है। कैनाल के आसपास बड़ी जोत लोग है, इनके खेतों में स्वयं के संसाधन हैं। चिरौरी के बाद सामंती लोग जैसे-तैसे फसल की बुआई करा देते हैं और पीक में पानी नहीं देते हैं। इससे फसल सूख जाती है। जैसे-तैसे गरीब लोग अपनी खेती करते हैं। किसान गरीब हैं ये लोग मोर्चा बनाकर संघर्ष भी नहीं कर पाते हैं।मुझे तो बहुत कम उम्मीद है कि बीजेपी के शासन में मानिकपुर-भुजना पंप कैनाल चालू हो पाएगा ? मानिकपुर सानी के वर्तमान ग्राम प्रधान शैलेन्द्र सिंह डब्लू ने बताया कि 'पंप कैनाल पर काफी पहले 60 फीसदी से अधिक का काम हो चुका है। किसानों का सहमति पत्र शासन को भेजा गया है. एक से दो महीने में कैनाल शुरू हो जाएगा है। '

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