Mohan Bhagwat Kanpur : कौन भागवत हम नहीं जानते? RSS चीफ के आगमन पर वाल्मिकी समाज ने जनज्वार को बताया 'मन का मैल'

Mohan Bhagwat Kanpur: आठ सालों से भाजपा की सरकार चल रही है, आज मोहन भागवत जी आए हैं, हम जानते ही नहीं कौन हैं, मोहन भागवत (Mohan Bhagwat)। हालाकि उन्होने पेपर, अखबारों ने नाम जरूर सुना है। हमने उन्हें बताया कि वे अब आप सबको साथ लेकर चलेंगे, तो इसके जवाब में उनकी प्रतिक्रिया रही कि, 'ये लोग नेता हैं, नेता का स्वभाव है अपने समय पड़े पर हम लोगों को याद करना और भूल जाना...

Update: 2022-10-09 14:38 GMT

Mohan Bhagwat Kanpur : कौन भागवत हम नहीं जानते? RSS चीफ के आगमन पर वाल्मिकी समाज ने जनज्वार को दिखाया मन का मैल

मनीष दुबे की रिपोर्ट 

Mohan Bhagwat Kanpur : आज कानपुर के फूलबाग स्थित नानाराव पार्क (Nanarao Park) में RSS चीफ मोहन भागवत पहुँचे थे। आज की वाल्मीकि जयंती कार्यक्रम पर मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने बाल्मिकी समाज से बहुत कुछ कुछ संबोधन किया। ठीक इसी दौरान जनज्वार की टीम उन बस्तियों के भीतर थी, जिन बस्तियों और समाज के लिए आज कानपुर में मोहन भागवत की यह रैली थी। भागवत ने कहा कि, अब तक जो पिछड़े माने जाते थे, वो पिछड़े नहीं रहेंगे। वो बराबरी से सबके साथ बैठेंगे, हमने यह व्यवस्था बना दी है। लेकिन दूसरी तरफ लोग कह रहे थे कि आज अचानक आठ साल की सरकार में कैसे हमारी याद आ गई। तो कुछ भक्त भी बीच-बीच में मिल जा रहे थे।  

Mohan Bhagwat : मोहन भागवत ने क्या कहा?

वाल्मीकि जयंती पर RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि, 'बाबा साहब अंबेडकर ने संसद में संविधान देते समय बताया था कि, अब तक जो पिछड़े माने जाते थे, वो पिछड़े नहीं रहेंगे। वो बराबरी से सबके साथ बैठेंगे, हमने यह व्यवस्था बना दी है। लेकिन केवल व्यवस्था बनाने से नहीं होता मन बदलना पड़ता है। मोहन भागवत ने इस दौरान कहा कि, 'समाज का कोई अंग दुख में है तो समाज सुख में नहीं रह सकता। हमें अच्छा होने के लिए समाज को भी अच्छा होने की आवश्यक्ता है। जब जो होना संभव है, तब वो होते चलेगा। हम ऐसे ही आगे बढ़ेंगे, तो 25-30 साल बाद वाल्मीकि की एक ऐसी जयंती आएगी जिसे पूरी दुनिया संपन्न करेगी। उन्होंने कहा कि, 'बाबा साहब ने कहा था कि, व्यवस्था करके राजनीतिक और आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान की है... लेकिन यह तभी साकार होगी जब सामाजिक स्वतंत्रता आएगी और इसलिए दूसरे डॉक्टर साहब ने 1925 से नागपुर से उस भाव को संघ के द्वारा लाने का काम किया।'  

Mohan Bhagwat Kanpur : क्या बोला वाल्मिकी समाज?

RSS प्रमुख मोहन भागवत के भाषण के बीच और उसके बाद जनज्वार की टीम ग्राउण्ड पर थी। मंच के बाद घरो को लौटी जनता से हमने उनकी बस्ती में ही जाकर बात की। लोगों ने हमें जो बताया, उससे कार्यक्रम के बीतर मौजूद वाल्मिकी समाज की भीड़ को लेकर हमें संदेह जरूर हुआ। कि, ये भीड़ वाकई वाल्मिकी समाज की थी अथवा यार, मुहल्ले और जानकारों की मौजूदगी थी। क्योंकि वाल्मिकी समाज के लोगों ने हमें बताया कि वे और उनकी बस्ती से लोग भारी मात्रा में कार्यक्रम में गये ही नहीं। 

वाल्मिकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करते भागवत

यहां की मुख्य जगह, फूलबाग के ठीक पीछे रहने वाले वाल्मिकी समाज के लोगों से हमने बात की। सबसे पहले मिलें यहां के संदीप हजारी बताते हैं, 'कि आठ सालों से भाजपा की सरकार चल रही है, आज मोहन भागवत जी आए हैं, हम जानते ही नहीं कौन हैं, मोहन भागवत (Mohan Bhagwat)। हालाकि उन्होने पेपर, अखबारों ने नाम जरूर सुना है। हमने उन्हें बताया कि वे अब आप सबको साथ लेकर चलेंगे, तो इसके जवाब में उनकी प्रतिक्रिया रही कि, 'ये लोग नेता हैं, नेता का स्वभाव है अपने समय पड़े पर हम लोगों को याद करना और भूल जाना।'

इसी समाज के रहने वाले, अमन जो आर्मी की सीएसडी कैंटीन में सहायक है, हमसे कहते हैं कि, 'इस बस्ती में आज तक कोई तरक्की नहीं हुई। जैसा पहले था, वैसा अब भी है। वाटर लाईन पड़ी लेकिन अभी तक चालू नहीं हुई। पता नहीं कब चालू होगी? नाली चोक हैं, देखिये कितनी बदबू आ रही है। मोहन भागवत आए थे, सही पूछो तो हम गये ही नहीं थे। नहीं समय है इतना अपने पास। तो फिर गया कौन था? पूछने पर वे कहते हैं कि गये थे, मुहल्ले के लोग गये थे, लेकिन पांच मिनट बाद वापस आ गये हैं।'

सबसे वाजिब बात हमें यहां के रामसिंह की लगी। वो ये कि उन्होने कहा कि, 'मोहन भागवत कह रहे कि हम उनके दिल के करीब हैं तो जैसे भगवान राम का मंदिर बनाया वैसे हमें और हमारे समाज यानी वाल्मिकी समाज के लिए मकान एलॉट कर दें। उन्होने कहा कि, यहां कि जो मकान बने हैं पहले उसे ही बस्ती घोषित कर दें। जिससे हम लोग जो जन्म से यहां रह रहे हैं वो कम से कम स्थायी हो जाएं।'

इसी फूलबाग वाल्मिकी बस्ती के रहने वाले सुरेंद्र कुमार, पंडित अशोक तिवारी ने मोहन भागवत के आगमन पर हर्ष जाहिर करते हुए कहा कि, 'भागवत जी ने जैसे ही वाल्मिकी समाज का नाम लियाउनका हृदय गदगद हो गया। वे हमारे बीच आए, हमारे लिए ये बहुत बड़ी बात है। हम लोग पिछले की दिनों से उनके आगमन की तैयारी की थी। हमने उनसे पूछा कि कुछ दे गये क्या, जिसपर हमें जवाब मिला आस्वासन दे गये हैं और पूरा होने की उम्मीद है। हमने पिर पूछा की लाखों में बीड़ होगी तो उनकी तरफ से जवाब आया कि लाखों नहीं तो 16 से 20 हजार आदमी तो होगा ही। यहीं की एक दो महिलाओं ने भी भागवत की रैली में सुरेंद्र और अशोक के कहने पर जाने की बात स्वीकारी तो लेकिन यह नहीं बता पाईं कि RSS प्रमुख ने कहा क्या?'

फूलबाग के आसपास वाल्मिकी बस्तियां और आबादी

बता दें कि फूलबाग और इसके आसपास वाल्मिकी समाज की बस्तियों में, फूलबाग, बिराहना रोड, पीली बिल्डिंग, गोला घाट, गुफ्तार घाट, पटकापुर, भगवद घाट, पनचक्की, सरसैया घाट में वाल्मिकी समाज के लोग रहते हैं। जिनकी कुल जनसंख्या तकरीबन 18 से 20 हजार के आसपास है। बहरहाल कुछ खास किस्म के लोगों को छोड़कर समाज की हालत बहुत ठीक नहीं कही जा सकती है। बावजूद इसके भागवत के मंच पर, मंच पर बेहद सायूस सा प्रोग्राम नजर आया। हालांकि, भक्त मंडली इसे सादगी के बतौर इंगित कर सकती है। बहरहाल, वो बात नहीं दिखी जो मोदी, अमित शाह या फिर योगी के मंचों पर नजर आती है।  

भगवान राम और RSS की ताकत

अपने संबोधन में भागवत ने कहा कि, 'भगवान राम को हिंदू समाज से परिचित करने वाले भगवान वाल्मीकि ही थे। अगर उन्होंने रामायण नहीं लिखा होता तो आज हिंदू समाज को भगवान राम नहीं मिलते। इतना ही नहीं भगवती सीता को बेटी की तरह वाल्मीकि ने रखा था। वाल्मीकि को रामायण के लिए नारद ने प्रेरित किया था। भगवान वाल्मीकि के चलते देश मे भगवान राम की पूजा होती है। सनातन धर्म में करुणा एक महत्वपूर्ण विषय है। कोई भी धर्म बिना करुणा के पूरा नहीं हो सकता है। वाल्मीकि जयंती हमारे लिए राष्ट्रीय उत्सव है।

वाल्मिकी समाज से संबोधन के दौरान भागवत

भागवत ने कहा कि कानून व्यवस्था के हिसाब से RSS की जितनी ताकत है, उस ताकत के साथ वह वाल्मीकि समाज के साथ खड़ा है। हमारे लोग आपके पास स्वयं आएंगे। आपको आने की जरूरत नहीं। उन्हें पता है कि पूरा हिंदू समाज हमारा है। ये समाज अपना है, भारतवर्ष अपना है, जो सदैव रहेगा। अपने मन की संवेदना, संस्कार, नशा और खराब आदतों को छोड़ना होगा। बराबरी के साथ का लक्ष्य लेकर सबको आगे बढ़ना होगा। संघ के स्वयं सेवक सब जानते हैं, आपके समाज के लोग शाखा में जाएं और कार्यप्रणाली समझें। 25 साल बाद ऐसी स्थिति आएगी कि सब आपको सम्मान देंगे।

RSS चीफ मोहन भागवत कल शाम ही कानपुर आ गये थे। इस दौरान उनकी सुरक्षा में पुलिस चप्पे-चप्पे पर नजर रख रही है। गौरतलब है कि, RSS चीफ मोहन भागवत का घोष शिविर पहली बार कानपुर में लगा है। नवाबगंज के पंडित दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज में इसका आयोजन हो रहा है। नानाराव पार्क में वाल्मिकी समाज से संबोधन के बाद उनका पड़ाव पंडित दीन दयाल उपाध्याय प्रांगण होगा, जहां से कल सोमवार वे नागपुर के लिए प्रस्थान करेंगे।

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