PM मोदी की स्मार्टसिटी बनारस में गंदगी से पटे मुस्लिम इलाके, सीवर-पानी की भयानक किल्लत से जूझती जनता
नगर निकाय के चुनाव नजदीक हैं और शहर के मुस्लिम पार्षद प्रशासन के कामों और अपने साथ हो रहे भेदभाव को लेकर मुखर हो रहे हैं, आरोप लगा रहे हैं कि उनके क्षेत्र में शासन-प्रशासन की तरफ से विकास में अड़ंगा लगाया जा रहा है, क्योंकि हम मुस्लिम हैं...
बनारस से देवेश पांडेय की रिपोर्ट
बनारस शहर जब से प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र बना तभी से कयास लगाये जाने लगे कि यह शहर विकास के पथ पर अग्रसर होगा। पीएम मोदी ने खुद इस शहर को क्योटो बनाने का वादा किया, जिसके बाद आम जनता के साथ ही यहां पर मौजूद कार्यदायी संस्थाओं को आस जगने लगी कि यहां पर अब सिर्फ विकास की ही बात होगी।
मोदी का क्योटो यानी बनारस का अब तक सौ से ज्यादा बार दौरा कर चुके प्रदेश के मुखिया सीएम योगी खुद यहां के विकास कार्यों की समीक्षा आये दिन अपने आला अधिकारियों के साथ करते रहते हैं। इसी के साथ बनारस के रविन्द्रपुरी में मौजूद पीएमओ कार्यालय भी हर वक्त विकास और प्रशासनिक अमलों की अपडेट लेता रहता है।
स्मार्टसिटी से लेकर नगर निगम को शहरी सीमा के अंदर सभी विकास कार्यों को अमली जामा पहनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। स्मार्टसिटी बनारस के विकास के तमाम दावों के बीच शहर के अंदर मौजूद 90 वार्डों में से 30 मुस्लिम पार्षदों के क्षेत्रों का हाल विकास की असल हकीकत सामने ले आता है। नगर निकाय के चुनाव नजदीक हैं और शहर के मुस्लिम पार्षद प्रशासन के कामों और अपने साथ हो रहे भेदभाव को लेकर मुखर हो रहे हैं। वह आरोप लगा रहे हैं कि उनके क्षेत्र में शासन प्रशासन की तरफ से विकास में अड़ंगा लगाया जा रहा है। यहां की न सिर्फ सड़कें टूटी-फूटी हैं, बल्कि पानी-बिजली समेत गंदगी से इलाके पटे हुए हैं।
मुस्लिम इलाकों की खराब सड़कों के बाबत मुख्य अभियंता मोइनुद्दीन कहते हैं, सड़कों को सही करवाने का बजट पास हो चुका है। हमारे विभाग द्वारा काम शुरू करवा दिया गया है। 15 नवम्बर तक सभी गलियों और वार्डों की सड़कों को ठीक कराने का लक्ष्य रखा गया है।
पानी के लिए तरसती जनता
बनारस के नगरी सीमा के अंदर वार्ड नम्बर 79 काजी सादुल्लापुर में पिछले छह माह से मिनी ट्यूबवेल खराब हुआ है। इसे ठीक कराने के लिए वहां की स्थानीय जनता ने अपने पार्षद के साथ मिलकर जलकल के अधिकारियों से कई बार मुलाकात की, परंतु जलकल के अधिकारी उनकी शिकायत पर ध्यान देने को तैयार नहीं हो रहे हैं।
इस बारे में वहां के स्थानीय नागरिक तुफैल अहमद कहते हैं, जब भी वह जेई व एक्सईएन से शिकायत करते हैं तो जेई और एक्सईएन मुस्कराते हुए शिकायत को सुनकर निकल जाते हैं। हमारे साथ मुस्लिम होने के कारण दोहरा व्यवहार किया जाता है।
इस मसले पर उस वार्ड के पार्षद अफजाल अंसारी बहुत ही गंभीर आरोप लगाते हुए कहते हैं, हमारी मुखिया ही सही नही हैं, क्योंकि वह बीजेपी से हैं इसलिए हम मुस्लिम इलाकों के लोगों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है और न ही हम लोगों की सुनवाई की जा रही है।
इस बारे में अफजाल अंसारी आगे कहते हैं, ट्यूबवेल को ठीक कराने के लिए शहर के अधिकारियों के साथ ही सीएम और प्रमुख सचिव से भी शिकायत की, लेकिन आज तक ट्यूबवेल को ठीक नहीं करवाया गया। वार्ड की 25 हजार की जनता आज भी मटमैले पानी को पीने के लिए मजबूर हैं।
मुस्लिम वार्डों से नहीं उठाया जाता रोज कचरा
जनज्वार की टीम जब मुस्लिमों के साथ होने वाले दोहरे व्यवहार के रियल्टी चैक के लिए एक दूसरे मुस्लिम वार्ड में पहुंची तो यहां की हालात और ज्यादा खराब नजर आये। जगह जगह कूड़े का ढेर लगा हुआ था। जहां बनारस में डेंगू का प्रकोप है, वहां जगह जगह कचरा फैला होने के कारण लोग डरे हुए हैं। दबी जुबान में कई मुस्लिम युवा और महिलायें कहती हैं, हम मुस्लिम हैं, इस कारण उनके वार्ड से नगर स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा रोजाना कूड़े का उठान नहीं किया जाता है। कूड़े की ही वजह से वार्ड में तमाम तरीके की संक्रामक बीमारियां पनप रही हैं और उससे लोग परेशान हो रहे हैं।
मुस्लिम इलाकों में डेंगू से बचाव के कोई उपाय न किये जाने के बाबत पूछे जाने पर नगर निगम के पीआरओ संदीप श्रीवास्तव कहते हैं, 'फॉगिंग के लिए टीमें गटित की गई हैं, जो साइकिल से अपना काम करेंगी। अभी सभी लोग देव दीपावली को लेकर व्यस्त हैं, उसके बात तुरंत मुस्लिम इलाकों में फॉगिंग करवायी जायेगी।'
इस मसले पर वार्ड के पार्षद रमजान अली ने गंभीर आरोप लगाते हुए प्रशासन पर सवालिया निशान दाग दिया और कहा कि पीएम मोदी की संसदीय क्षेत्र में हम लोगों को मुस्लिम होने की सजा मिल रही है। अधिकारी जान बूझकर हम लोगों को परेशान करने पर आमादा हैं और हम लोगों की बात पर ध्यान नहीं देते हैं। विकास के काम तो मुस्लिम वार्डों में दूर की बात है, उनकी बात तक न सुनी जाने का आरोप पार्षद महोदय लगाते हैं।
शहर का कमालपुरा वार्ड भी मुस्लिम वार्ड है। यहां के पार्षद इखलाख भी मुस्लिम हैं। इस वार्ड में इस दौरान सबसे बड़ी समस्या है कि यहां के लोगों को पाइप लाइन धवस्त होने के कारण सीवर का पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। नगर निगम के अधिकारी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे और न ही पाइपलाइन ठीक करवायी जा रही है। इस बारे में पार्षद के द्वारा अपने लोगों के साथ मिलकर अधिकारियों के साथ कई बार शिकायत की गई, मगर समस्या का कोई समाधान नहीं किया गया, या यूं कहें कि उनकी समस्या पर ध्यान ही नहीं दिया गया।
डेंगू के कहर से भयभीत नागरिक
शहर के मुस्लिम इलाकों की जनता का आरोप है कि उनके इलाकों में नगर निगम की टीम की तरफ से फॉगिंग या एंटी लार्वा का छिड़काव अभी तक नहीं किया गया है, जिसके कारण स्थानीय लोगों में भय का माहौल हो गया है। जनता कहती है, उनके वार्ड में लोग भयंकर बीमारी से ग्रसित हैं और फॉगिंग नहीं करवाई जा रही है।
इस बारे में वहां के पार्षद के साथ ही अन्य लोग भी दावा करते हैं, हमारे चौकाघाट इलाके में अभी तक एक बार भी इस साल डेंगू की रोकथाम के लिए किसी भी प्रकार की दवा का छिड़काव नहीं करवाया गया है। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि हम मुस्लिम बहुल इलाकों में रहने वाले लोग हैं।
स्थानीय नागरिक छेदी कहते हैं, हमारे वार्ड में ढेरों समस्याएं हैं। हमारे वार्ड की सबसे गंभीर समस्या है कि यहां कूड़ा नहीं उठाया जा रहा है, जिसके कारण इलाका गंदगी से पटा हुआ हुआ है। इसके अलावा मच्छरों से बचाव के लिए किसी भी तरह की दवाओं का छिड़काव नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण डेंगू बड़े पैमाने पर फैल रहा है।
काजी सादुल्लापुर वार्ड के लोग सीवर की समस्या को लेकर बहुत परेशान हैं। जनता कहती है, सीवर का पानी हमेशा सड़क पर बहता ही रहता है, इसे ठीक कराने के लिए कई बार शिकायत करने के बावजूद अधिकारी ध्यान नहीं देते। यहां सीवर की समस्या कोई एक दो माह पुरानी नहीं है, यहां बारहों महीने यही हाल रहता है। अब तो पीने का पानी भी मटमैला मिलता है, जिससे प्यास ही नहीं बुझती है।
इसी बीच जनज्वार की टीम से बातचीत में उसी वार्ड के जुबैर अहमद अपने घर से एक बाल्टी पानी भरकर लाये और दिखाया कि वह लोग किस कदर गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। वह आरोप लगाते हैं कि अधिकारी कहते हैं, आपके यहां बकाया बहुत है इसलिए आप लोगों को गंदा पानी पीना पड़ेगा।
दूसरी तरफ तमाम समस्याओं और ट्यूबवेल खराब होने के बाबत जलकल एमडी रघुवेंद्र कुमार कहते हैं, 'ट्यूबवेल को खराब होने की सूचना पत्र के माध्यम से हमें मिली है। विभाग के पास इस वक्त बजट का अभाव है, जैसे ही नगर आयुक्त महोदय के द्वारा बजट पास किया जाता है वैसे ही ट्यूबवेल को ठीक करवाया जायेगा।'