Uttarakhand Election 2022: काशीपुर विधायक हरभजन सिंह चीमा पर फूटा वोटरों का गुस्सा, कहा- 'युवाओं को बूढ़ा बना दिया और ये नेता बुढ़ापे में मजे ले रहे'

Uttarakhand Election 2022: भाजपा विधायक हरभजन सिंह चीमा के क्षेत्र की बुजुर्ग महिला ने जनज्वार से बात करते हुए कहा, 'सरकार बिल्कुल घटिया काम कर रही। इनके काम जूते खाने वाले हैं। मेरे दरवाजे पर आए तो मैं तो जूते मारूं...

Update: 2022-01-16 15:30 GMT

Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड में चुनाव के तारीखों का ऐलान हो चुका है। 14 फरवरी को राज्य में मतदान होंगे। ऐसे में तमाम राजनीतिक पार्टियों द्वारा जनता से खूब सारे वायदे किए जा रहें हैं। कोई रोजगार देने की बात कहता हैं, तो कोई गरीबी दूर करने का दावा करता है। ऐसे में जनता के मन को टटोलने के इरादे से जनज्वार पहुंचा काशीपुर विधानसभा क्षेत्र में। प्रदेश में भाजपा की सरकार के साथ इस क्षेत्र के विधायक हरभजन सिंह चीमा भी भाजपा के नेता हैं।

पांच बार विधायक रह चुके हरभजन सिंह के पिछले पांच सालों के कार्यकाल का फीडबैक लेने के इरादे से हम यहां के वोटरों के बीच गए और उनसे जानना चाहा कि क्या वे अपने विधायक के कामों से खुश हैं? क्या वे इस बार भी भाजपा के विधायक को ही अपने क्षेत्र का प्रतिनिधि चुनेंगे?

'जो रोजगार देगा, उसी को वोट देंगे'

सबसे पहले जनज्वार ने भाजपा विधायक हरभजन सिंह चीमा द्वारा किए कामों को जानने के लिए कुछ युवाओं से बात की। इन युवाओं ने सबसे पहले कहा कि 'विधायक जी को हमने पिछले साल चुनाव के टाइम ही देखा था। इसके बाद तो वे इधर भूले भटके भी नहीं आए। पिछली बार वोट डालने वक्त सोचा था कि अच्छा काम करेंगे, तरक्की करेंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। वहीं, एक अन्य युवा ने कहा कि इलाके में पानी की सबसे बड़ी समस्या है। मगर कोई समाधान देने वाला नहीं है। जब मन करता है पानी देते हैं, जब मन करता है नहीं देते हैं।   जब वोट मांगने का समय आता है तो आ जाते हैं, फिर उसके बाद कहां चले जाते हैं, पता ही नहीं चलता।'

युवाओं को किस तरह का नेता चाहिए। उनके मन में अपने नेता के प्रति क्या उम्मीदें है। इसका जवाब देते हुए एक युवक ने कहा, 'आज के दौर में सबसे बड़ी समस्या है बेरोजगारी। जो बेरोजगारी को दूर करेगा, हम तो उसी को वोट देंगे। मौजूदा सरकार में बेरोजगारी के मुद्दे पर कोई काम नहीं हुआ। अगर काम होता तो आज के युवा इतनी संख्या में बेरोजगार नहीं होते।'

जनता के लिए महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा

वहीं, एक गरीब वर्ग की एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि 'राशन के अलावा सरकार कुछ भी नहीं दे रही। बस गेहूं चावल मिलता है। न चीनी मिलता है, न तेल।' अन्य महिलाओं ने कहा कि 'बच्चो के लिए भी आंगनबाड़ी में सामान आता है, लेकिन हमें कुछ नहीं मिलता है।'

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एक स्थानीय ने बताया कि 'भाजपा सरकार में मंहगाई बढ़ी है, बेरोजगारी बढ़ी है। तेल, सिलिंडर, पेट्रोल-डीजल सब महंगे हो गए हैं। रसोई का बजट बिगड़ गया है। आम जनता परेशान हैं। सरकार को सोचना चाहिए कि वे लोगों को रोजगार दे, शिक्षा दें। गरीबों के लिए सरकार को ध्यान देना चाहिए।'

महिलाओं में भाजपा सरकार के खिलाफ आक्रोश

भाजपा विधायक हरभजन सिंह चीमा के क्षेत्र में हमें एक ऐसी भी बुजुर्ग महिला मिली जो सरकार से इस कदर नाराज हैं, कि नेताओं के आने पर वे जुतों से उनका स्वागत करेंगी। महिला ने जनज्वार से बात करते हुए कहा, 'सरकार बिल्कुल घटिया काम कर रही। इनके काम जुते खाने वाले हैं। मेरे दरवाजे पर आए तो मैं तो जुते मारूं। कोई कागज बनवाने जाओ तो सबसे पहले घूस मांगते हैं। मजदूरों का कोई काम धंधा होता नहीं है। हमारे बच्चे पढ़ लिख के बेकार हो रहे हैं। ऐसी सरकार लेकर क्या करें।'

वहीं, एक महिला ने कहा कि भाजपा की सरकार के राज्य में पांच साल पूरे हो गए। इन सालों में कितनी बारी तो ये मुख्यमंत्री ही बदलते रहे। विधायक जी हाल जानने आते नहीं है। उत्तराखंड सरकार ने युवाओं को बेरोजगार और बूढ़ा बना दिया है, और इनके नेता बुढ़ापे में मजे ले रहे हैं।

भाजपा सरकार में आम जनता त्रस्त

भीम आर्मी के उधमसिंहनगर जिला अध्यक्ष अजय गौतम ने बताया कि '63 विधानसभा काशीपुर स्थित खरमासी कॉलोनी के लोग बेहद गरीब हैं। यहां की सड़के भी कच्ची हैं, रोजगार की समस्या है। महिलाएं भी त्रस्त हैं। यहां के विधायक हरभजन सिंह चीमा पांच बार से विधायक बन रहे हैं, लेकिन उन्होंने कोई विकास नहींं किया।'

वहीं, कई लोगों ने जनज्वार से बताया कि किस तरह यहां के प्रधान से लेकर अधिकारी तक, तमाम लोग रिश्वतखोरी में संलिप्त हैं। यहां की सरकार जनता का नहीं, बल्कि अपना ही भला करने की जुगार में रहते हैं। लोगों के बीच प्रधानमंत्री मोदी के प्रति भी जमकर आक्रोश देखने को मिला। खासकर, बेरोजगार युवाओं को उम्मीद थी कि भाजपा के सरकार में नौकरी के नए अवसर खुलेंगे। लोगों ने बताया कि नौकरी मिलने की जगह यहां के पुराने कंपनियां और फैक्ट्री भी बंद पड़ गईं।

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