Covid 19 : सर्दियों में आ सकता है कोरोना का नया वेरिएंट, एक्सपर्ट्स ने दी ये चेतावनी

Covid 19 : यूरोपीय संघ की दवा एजेंसी ने कहा कि इस सर्दी में पूरी तरह से नए कोविड रूप उभर सकते हैं, लेकिन मौजूदा टीकों की मदद से लोगों को गंभीर बीमारी और होने वाली मौतों से बचाया जा सकता है...

Update: 2022-09-05 11:28 GMT

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Covid 19 : आने वाले सर्दियों के मौसम में कोरोना का खतरा भी बढ़ेगा। सर्दियों के मौसम में कोविड का एक और नया वेरिएंट सामने आ सकता है। बता दें कि यूरोपीय संघ की दवा एजेंसी ने शुक्रवार को कहा कि इस सर्दी में पूरी तरह से नए कोविड रूप उभर सकते हैं, लेकिन मौजूदा टीकों की मदद से लोगों को गंभीर बीमारी और होने वाली मौतों से बचाया जा सकता है। यह टिप्पणी तब आई जब 27 देशों के यूरोपीय संघ ने इस साल के अंत में नए कोरोना वायरस की नई लहर के आने की आशंका के बाद एक नए बूस्टर अभियान को शुरू करने की तैयारी शुरू कर दी है।

सर्दियों में आए सकता है कोरोना का नया वेरिएंट

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) ने कहा कि इन बूस्टर डोज में ओमिक्रॉन के नए स्ट्रेन के लिए बनाई गई वैक्सीन और वायरस से लड़ने के लिए विकसित मूल टीके शामिल होंगे। हालांकि ईएमए टीके के प्रमुख मार्को कैवेलरी ने स्पष्ट किया कि लोगों को नए टीकों की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए। साथ ही आगे उन्होंने कहा कि विंटर्स में एक पूरी तरह से नया वेरिएंट आ सकता है जिसका हम आज अनुमान लगाने में सक्षम नहीं हैं।

फाइजर और मॉडर्ना के वैक्सीन किए गए डेवलप

जानकारी के लिए आपको बता दें कि बीते गुरुवार को EMA ने कहा कि फाइजर और मॉडर्ना द्वारा बनाये गए नए टीकों को ओमिक्रॉन के पुराने BA.1 सबवेरिएंट से निपटने के लिए डेवलप किया गया है। प्रमुख BA.4 और 5 वेरिएंट के लिए बनाई गई फाइजर की नई वैक्सीन को सितंबर के मध्य तक अधिकृत करने की संभावना है, जबकि इसी तरह की मॉडर्ना की वैक्सीन भी जल्द लोगों के लिए उपलब्ध होने वाली है।

गंभीर रूप से बीमार पड़ने और मृत्यु से बचाती है वैक्सीन

स्वास्थ्य विशेषज्ञ और राष्ट्रीय आईएमए कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा कि वैक्सीन हमें गंभीर रूप से बीमार पड़ने और मृत्यु से बचाती है। डॉ. राजीव जयदेवन का कहना है कि किसी को नहीं पता कि कोरोना का नया वेरिएंट कब आ सकता है। अभी तक कुल छह वेरिएंट आये और जा चुके हैं। डॉ. राजीव जयदेवन ने आगे बताया कि नया वेरिएंट उन लोगों से बनता है, जो वायरस को महीनों तक अपने शरीर में रखते है। आमतौर पर HIV कैंसर किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले मरीजों में वायरस अधिक म्युटेंट बनाता है।

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