Agnipath Scheme : मुजफ्फरनगर में गिरफ्तार हुआ मेरठ का मास्टरमाइंड, अग्निवीर भर्ती धांधली में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

दो आरोपियों की गिरफ्तारी भी की गई है, जिनमें से एक गिरोह का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। वह मेरठ का रहने वाला है। आरोपी सरगना पिछले काफी सालों से सेना भर्ती में सेंधमारी कर रहा था। साल 2019 में भी एक अभ्यर्थी को सेना में फर्जी दस्तावेज की बदौलत भर्ती कराया था...

Update: 2022-10-06 04:11 GMT

मुजफ्फरनगर में गिरफ्तार हुआ मेरठ का मास्टरमाइंड, अग्निवीर भर्ती धांधली में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

Agnipath Scheme : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Mujaffarnagar) में बुधवार को सेना की अग्निवीर भर्ती योजना में धांधली का प्रयास करने वाले तीन आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें से दो आरोपियों की गिरफ्तारी भी की गई है, जिनमें से एक गिरोह का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। वह मेरठ का रहने वाला है। आरोपी सरगना पिछले काफी सालों से सेना भर्ती में सेंधमारी कर रहा था। साल 2019 में भी एक अभ्यर्थी को सेना में फर्जी दस्तावेज की बदौलत भर्ती कराया था।

मुजफ्फरनगर के सिविल लाइन पुलिस (Civil Line Police) ने अग्निवीर भर्ती में धांधली का प्रयास करने वाले दो लोगों की गिरफ्तारी की है। थाने में दरोगा विनोद कुमार की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसमें कमल सिंह निवाी ढकरौली खानपुर, बुलंदशहर और महकार सिंह निवासी वेदव्यासपुरी को गिरफ्तार दिखाया गया है। कमल सिंह अभ्यर्थी है, जबकि महकार सिंह गिरोह का सरगना है।

दोनो आरोपियों में से एक, महकार सिंह (Mehkar Singh) पूर्व में भी कुछ लोगों को सेना में फर्जी दस्तावेज पर भर्ती करा चुका है। आरोपी कमल सिंह (Kamal Singh) से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वर्ष 2019 में उसकी मुलाकात महकार सिंह से हुई थी। मुलाकात रविन कुमार ने कराई थी। रविन ने यह बताया था कि उसकी सेना में नियुक्ति भी महकार ने कराई थी।

कमल ने बताया कि उम्र ज्यादा होने के कारण वह सेना भर्ती नहीं देख पा रहा था और महकार ने फर्जी दस्तावेज बनाने की बात कही थी। कमल ने बताया कि इसके बाद चार लाख रुपये लेकर महकार ने उसे फर्जी दस्तावेज बनाकर सेना में भर्ती भी करा दिया था। वह ट्रेनिंग में भी चला गया था, लेकिन पुलिस वेरिफिकेशन (Police Verification) नहीं हो सका। इसलिए वह ट्रेनिंग छोड़कर भाग आया। अब महकार ने अग्निवीर भर्ती के दौरान चयन कराने के लिए बुलाया था। बताया कि महकार ने कई अन्य लोगों से भी रकम ली हुई है और उनके दस्तावेज बनाए हैं।

ज्यादा उम्र वाले बनाए जाते हैं शिकार

जिन अभ्यर्थियों की उम्र एक से लेकर तीन साल ऊपर हो चुकी है, उन्हें यह गिरोह अपना शिकार बनाता है। इनके सभी दस्तावेज में हेरफेर करने की बात कही जाती है। इसके बाद फर्जी दस्तावेज के आधार पर इन्हें भर्ती में शामिल कराया जाता है। इस गिरोह के बारे में जांच में खुलासा हुआ कि पिछले पांच-छह साल से सक्रिय है। आरोपी ने जिन भी लोगों को पूर्व में सेना में भर्ती कराया है, उनका रिकार्ड खंगाला जा रहा है। आर्मी इंटेलिजेंस भी पूरे मामले में सक्रिय है।

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