हैलंग में महिलाओं से घास का गट्ठर छीन बच्चे के साथ हिरासत में लिए जाने के मामले में बाल आयोग ने भी लिया संज्ञान, SP चमोली से 5 अगस्त तक मांगा जवाब
Dehradun news : गोचर से घास लाती महिलाओं से घास के गट्ठर छीनकर उन्हें एक ढाई साल के मासूम बच्चे के साथ हिरासत में लिया था, बच्चे की इसी हिरासत को लेकर भाकपा माले के गढ़वाल प्रभारी इंद्रेश मैखुरी ने उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग से बच्चे की अवैध कस्टडी को लेकर शिकायत की थी...
Dehradun news : चमोली जिले के हैलंग गांव में महिलाओं से घास गट्ठर छीनकर उन्हें हिरासत में लिए जाने के मामले में अब बाल आयोग ने भी अपना दखल दे दिया है। आयोग ने भाकपा माले नेता इंद्रेश मैखुरी की शिकायत पर एक मासूम बच्चे की पुलिस कैद पर चमोली जिले की पुलिस अधीक्षक से जवाब तलब किया है।
जैसा की जनज्वार के पाठक अवगत ही हैं कि देश भर में गूंजने वाली 15 जुलाई को घटी इस घटना में पुलिस ने गोचर से घास लाती महिलाओं से घास के गट्ठर छीनकर उन्हें एक ढाई साल के मासूम बच्चे के साथ हिरासत में लिया था। मासूम बच्चे की इसी हिरासत को लेकर भाकपा माले के गढ़वाल प्रभारी इंद्रेश मैखुरी ने उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग से बच्चे की अवैध कस्टडी को लेकर शिकायत की थी। अब इसी शिकायत पर आयोग के सदस्य विनोद कपरवाण ने चमोली जिले की पुलिस अधीक्षक से मामले में पूरी रिपोर्ट तलब की है।
आयोग की ओर से एसपी चमोली को भेजे गए पत्र में आयोग सदस्य ने लिखा है कि श्री इन्द्रेश मैखुरी द्वारा पुलिस द्वारा जोशीमठ ब्लॉक के हेलग में महिलाओं और बच्चो को हिरासत में लिये जाने की शिकायत में बताया गया है कि "चमोली जिले के जोशीमठ ब्लॉक के हेलंग में घास काट कर लौट रही महिलाओं से घास छीनने और उन्हें गिरफ्तार करने की घटना पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय है। इस प्रकरण में जिस बात पर सबसे कम ध्यान दिया जा रहा है वो यह है कि न केवल महिलाओं को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया बल्कि एक डेढ़-दो साल की बच्ची को भी पुलिस कस्टडी में लिया गया है। इस बच्चे को भी एक घंटे से अधिक पुलिस के वाहन में बिना पानी दूध आदि के बैठाया रखा गया। यह समझ से परे है कि किसी अबोध बच्चे को इस तरह एक घंटे तक पुलिस की गाड़ी में क्यू और कैसे बैठाये रखा जा सकता है वह अबोध बच्चा किसु अपराध का दोषी था ?"
अतः इस प्रकरण के सम्बन्ध में जाँच/नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करते हुए पांच अगस्त तक आयोग को आख्या उपलब्ध कराने का कष्ट करें। आयोग की ओर से इसकी प्रतिलिपि उत्तराखंड के डीजीपी व चमोली डीएम के साथ ही इन्द्रेश मैखुरी को भी भेजी गई है।
हैलंग की धमक मालधन में भी, महिला एकता मंच ने किया प्रदर्शन
हैलंग गांव की घसियारी महिलाओं से पुलिस व सीआईएसएफ के द्वारा जबरन घास छीनकर उन्हें घंटों तक गैरकानूनी हिरासत में रखे जाने के खिलाफ महिला एकता मंच के बैनर तले मालधन क्षेत्र की महिलाओं में जुलूस निकालकर आक्रोश व्यक्त किया तथा दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस दौरान मालधन नंबर दो के चौराहे पर हुई सभा का संचालन करते हुए महिला एकता मंच की कौशल्या ने कहा कि हेलंग गांव में महिलाओं के साथ हुए दुर्व्यवहार व उत्पीड़न की घटना उत्तराखंड की महिलाओं का अपमान है। अब यह लड़ाई केवल हेलंग गांव के लोगों की नहीं है बल्कि पूरे उत्तराखंड की बन चुकी है।
ललित उप्रेती ने कहा कि महिलाएं सदियों से अपने जंगलों से चारा पत्ती व अपनी जरूरत की वस्तुएं लाती हैं। आज सरकार द्वारा उनके मौलिक अधिकारों पर रोक लगाई जा रही है। हम महिलाओं पर अत्याचार सहन नहीं करेंगे यह हमारे उत्तराखंड की महिलाओं की एक अस्तित्व का सवाल है। युवा एकता मंच के इन्द्रजीत ने कहा उत्तराखंड आंदोलन व चिपको आंदोलन मे महिलाओं की अहम भूमिका रही है वर्तमान सरकार द्वारा आज महिलाओं के साथ बदसलूकी की जा रही है। उत्तराखंड की नदियों पर जल विद्युत परियोजनाएं लगाकर पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
टीएचडीसी खेल का मैदान बनाने के नाम पर ग्रामीणों के हरे-भरे जंगलों व उनके गोचर को बर्बाद कर रही है। अलकनंदा नदी का पानी डायवर्ट करने के लिए जो 13.5 किमी. लंबी टनल खोदी जा रही है उसमें विस्फोटक इस्तेमाल किए जा रहे हैं, जिससे उत्तराखंड के पर्यावरण को नुकसान होने के साथ ही क्षेत्र की पारिस्थितिकी पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। जिसका नुकसान वहां रहने वाले लोगों को भुगतना पड़ेगा। कार्यक्रम में सरस्वती जोशी, साहिस्ता, आन्नदी देवी, नीमा देवी, माया देवी, गंगा देवी, गीता देवी, चन्द्रा देवी, ममता देवी, महक, पार्वती देवी, दया देवी, राजेंद्र सिंह सहित कई लोग मौजूद रहे।