8 करोड़ 30 लाख श्रमिकों के लिए BJP सरकार के पास नहीं कोई योजना, असंगठित क्षेत्र का प्रतिनिधिमंडल मिला श्रममंत्री से

श्रम मंत्री के संज्ञान में लाया गया कि देश की संसद द्वारा पारित असंगठित मजदूर सामाजिक सुरक्षा कानून 2008 में श्रमिकों को लाभ देने के लिए योजनाओं का प्रावधान किया गया है और इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार आदेश जारी किए हैं...

Update: 2023-08-07 08:49 GMT

लखनऊ। ई श्रम पोर्टल पर पंजीकृत असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को लाभार्थी घोषित कर सरकार की हर योजना का लाभ देने और आयुष्मान कार्ड, पेंशन, आवास, बीमा आदि सुविधाएं देने को लेकर आज 7 अगस्त को असंगठित क्षेत्र के साझा मंच का प्रतिनिधिमंडल श्रम मंत्री अनिल राजभर से उनके आवास पर मिला।

श्रम मंत्री को सौंपे पत्रक में साझा मंच ने 8 करोड़ 30 लाख श्रमिकों के लिए सरकार द्वारा कोई भी योजना न चलाए जाने पर गहरा दुख व्यक्त किया और मांग की कि इन श्रमिकों के लिए तत्काल योजनाओं की घोषणा की जाए। श्रम मंत्री के संज्ञान में लाया गया कि देश की संसद द्वारा पारित असंगठित मजदूर सामाजिक सुरक्षा कानून 2008 में श्रमिकों को लाभ देने के लिए योजनाओं का प्रावधान किया गया है और इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार आदेश जारी किए हैं। बावजूद इसके योजनाएं न चलाए जाने से श्रमिकों के संविधान प्रदत्त गरिमा पूर्ण जीवन जीने के अधिकार का हनन हो रहा है।

श्रमिक नेताओं ने श्रम मंत्री को बताया कि पिछले सत्र में उन्होंने वादा किया था कि न्यूनतम मजदूरी के वेज रिवीजन के लिए बोर्ड का गठन किया जाएगा, लेकिन आज तक यह न हो सका। श्रम मंत्री के संज्ञान में निर्माण मजदूरों के लिए चल रही योजनाओं के बंद होने और उसकी जटिल प्रक्रिया के कारण श्रमिकों को उसका लाभ न मिलने को भी लाया गया। यह भी कहा गया कि आईएलओ कन्वेंशन और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बावजूद घरेलू कामगारों के लिए केंद्रीय कानून व बोर्ड का गठन नहीं किया जा रहा है। इसे तत्काल किया जाए।

प्रतिनिधिमंडल को श्रम मंत्री ने आश्वस्त किया कि मजदूरों के हित में जल्द ही कार्यवाही की जाएगी प्रतिनिधिमंडल में साझा मंच के कोऑर्डिनेटर व एटक के महामंत्री चंद्रशेखर, संयुक्त निर्माण मजदूर मोर्चा के कोऑर्डिनेटर प्रमोद पटेल, सविता रावत, ललिता राजपूत, नंदिनी, सेवा से किरण, शांति आदि ने भाग लिया।

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