बेरोजगारी से त्रस्त नौजवानों के बीच तेजी से बढ़ती आत्महत्या की घटनायें चिंताजनक, दिल्ली में युवाओं ने भरी हुंकार
देश में आजीविका के गहराते संकट गहराता जा रहा है, लेकिन मौजूदा केंद्र सरकार के इसे हल करने को लेकर कतई गंभीर नहीं है। उल्टे भाजपा सरकारों द्वारा रोजगार सृजन और रिकॉर्ड सरकारी नौकरी मुहैया कराने के बढ़ा चढ़ाकर दावे किए जा रहे हैं, जिनका सच्चाई से कोई सरोकार नहीं है....
Delhi news : रविवार 17 दिसंबर को जवाहर भवन नई दिल्ली में संयुक्त युवा मोर्चा की मीटिंग आयोजित की गयी थी, जिसमें बेरोजगारी के सवाल को राजनीतिक विमर्श का केंद्रबिंदु कैसे बनाया जाये, इसके तमाम पहलुओं पर बात हुई। कार्यक्रम में शामिल रहे युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने मीटिंग में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रोजगार के सवाल पर देशव्यापी अभियान चलाने और आम चुनाव तक बेकारी के सवाल को राजनीतिक विमर्श के केंद्र में लाने के लिए कार्ययोजना तैयार की गई।
मीटिंग में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि देश में आजीविका के गहराते संकट गहराता जा रहा है, लेकिन मौजूदा केंद्र सरकार के इसे हल करने को लेकर कतई गंभीर नहीं है। उल्टे भाजपा सरकारों द्वारा रोजगार सृजन और रिकॉर्ड सरकारी नौकरी मुहैया कराने के बढ़ा चढ़ाकर दावे किए जा रहे हैं, जिनका सच्चाई से कोई सरोकार नहीं है।
कार्यक्रम में बेरोजगारी से त्रस्त होकर छात्रों व युवाओं की तेजी से बढ़ती सुसाइड की घटनाओं पर गहरी चिंता जताई गई। हाल में बेकारी के मुद्दे को लेकर देश का ध्यान आकृष्ट कराने के मकसद से युवाओं द्वारा संसद में किए गए प्रदर्शन में यूएपीए जैसी धाराएं लगाने को अनुचित बताते हुए संसद सत्र में चर्चा कर आजीविका संकट करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की गई। मीटिंग में प्रयागराज, लखनऊ, देहरादून समेत देशभर में युवाओं द्वारा जारी आंदोलनों के समर्थन करने का भी निर्णय लिया गया।
संयुक्त युवा मोर्चा के ऐजेंडा में प्रमुख रूप से रोजगार गारंटी कानून बनाने, रिक्त पड़े एक करोड़ पदों को भरने, आउटसोर्सिंग/संविदा व्यवस्था पर रोक, रेलवे, पोर्ट, बैकिंग-बीमा, कोयला, बिजली, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निजीकरण बंद करने, शिक्षा-स्वास्थ्य अधिकार और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ऊपर के एक फीसद अमीरों पर संपत्ति व उत्तराधिकार जैसे कर लगाने जैसे मुद्दे शामिल हैं।
संयुक्त युवा मोर्चा के ऐजेंडा को विपक्षी दलों को एजेंडा भेजने और अपनी पार्टी प्रोग्राम में शामिल करने की मांग की जाएगी। समर्थन के लिए समाज के विभिन्न तबकों के बीत जाने का भी निर्णय लिया गया। मीटिंग में संयुक्त युवा मोर्चा के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों के अलावा सुप्रीम कोर्ट के प्रख्यात अधिवक्ता प्रशांत भूषण भी मौजूद रहे।