Unemployment News : केंद्र के दावे फुस्स, महिलाओं सहित सभी क्षेत्रों में बढ़ी बेरोजगारी
Unemployment News : भारत सरकार ने अपने ही आंकड़ों के आधार पर माना है कि कि जून 2021 में कोविड की दूसरी लहर के बाद शहरी इलाकों में बेरोजगारी बढ़ गई थी। इससे 2020 के मुकाबले सुधर रही रोजगार की स्थिति फिर बिगड़ गई।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ( Central Government ) के सभी दावों के विपरीत देश में बेरोजगारी दर ( Unemployment Rate ) में इजाफा हुआ है। सरकार ने माना है कि जून 2021 में कोविड की दूसरी लहर के बाद शहरी इलाकों में बेरोजगारी बढ़ी थी। 2020 में भले ही स्थिति में सुधार के संकेत मिले थे लेकिन 2021 में रोजगार की स्थिति फिर बिगड़ गई। चिंता की बात ये है कि बेरोजगारी शहरी क्षेत्र में 15 साल और उससे पहले की तुलना में डबल डिजिट में पहुंच गया है। जनवरी मार्च में 9.3 फीसदी से बढ़कर अप्रैल जून में 12.6 फीसदी हो गया।
साल 2021 की अप्रैल-जून तिमाही में बेरोजगारी दर एक साल पहले के मुकाबले कम थी, लेकिन एक तिमाही पहले के मुकाबले बढ़ी हुई थी। ये आंकड़े सांख्यिकी मंत्रालय के विभाग एनएसओ ( NSO ) द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के नतीजों में सामने आए हैं।
आंकड़े एनएसओ ( NSO ) के आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण ( PLFS ) के त्रैमासिक बुलेटिन (अप्रैल-जून 2021) में छपे हैं। इनके मुताबिक 2021 में जनवरी से मार्च के बीच देश में कुल बेरोजगारी दर 9.4 प्रतिशत थी, लेकिन अप्रैल से जून की अवधि में बेरोजगारी दर बढ़ कर 12.7 प्रतिशत हो गई। अप्रैल-जून 2020 तिमाही में यह दर 20.9 प्रतिशत थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ( NSO ) की ओर से जारी महिलाओं की लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट ( Women participation Rate ) अप्रैल जून 2020 की 21.2 फीसदी से घटकर अप्रैल जून 2021 तिमाही में 20.1 फीसदी हो गया। ओवरआल अप्रैल जून 2020 में 47.5 फीसदी जो गिरकर अप्रैल जून 2021 46.8 से गिरकर हो गया।
पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में बेरोजगारी दर ज्यादा बिगड़ी है। पुरुषों में बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च 2021 तिमाही में 8.7 थी लेकिन अप्रैल-जून 2021 तिमाही में वो बढ़ कर 12.2 हो गई। इसके मुकाबले महिलाओं में बेरोजगारी दर 11.8 से बढ़ कर 14.3 हो गई।
श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) 57.5 प्रतिशत से घट कर 57.3 प्रतिशत हो गई। अप्रैल-जून 2020 तिमाही में यह दर 55.5 प्रतिशत थी। इसी अवधि में कामगार-जनसंख्या अनुपात ( डब्ल्यूपीआर ) 52.5 प्रतिशत से घट कर 50.3 प्रतिशत पर आ गई। डब्ल्यूपीआर को कुल आबादी में रोजगार प्राप्त व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है।