1 करोड़ रिक्त पद भरने, संविदा व्यवस्था खत्म करने और रोजगार अधिकार के कानूनी दर्जा देने जैसे सवालों पर देशव्यापी आंदोलन के लिए युवा मोर्चा ने कसी कमर
अरसे पहले केंद्र सरकार में रिक्त पड़े 10 लाख पदों को एक साल में भरने की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गई थी, लेकिन अभी तक नोटिस लेने लायक कोई प्रगति नहीं है। अकेले रेलवे में ही तकरीबन साढ़े तीन लाख पद रिक्त पड़े हुए हैं....
file photo
लखनऊ। सार्वजनिक क्षेत्र में रिक्त पड़े एक करोड़ पदों को भरने, आउटसोर्सिंग/संविदा व्यवस्था खत्म करने और रोजगार अधिकार को कानूनी दर्जा देने जैसे सवालों पर देशव्यापी आंदोलन के लिए 113 संगठनों द्वारा गठित संयुक्त युवा मोर्चा के बैनर तले 15 जुलाई को कांस्टीट्यूशन क्लब नई दिल्ली में सम्मेलन होगा।
इसकी जानकारी देते हुए युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने कहा कि आज देश में रोजगार संकट सर्वाधिक ज्वलंत मुद्दा है। दरअसल रोजगार संकट के हल के लिए रोजगारविहीन अर्थव्यवस्था की जगह रोजगारपरक अर्थव्यवस्था की जरूरत है। लेकिन वैश्विक पूंजी के हित में संचालित नीतियों में बदलाव के लिए सरकार तैयार नहीं है।
अरसे पहले केंद्र सरकार में रिक्त पड़े 10 लाख पदों को एक साल में भरने की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गई थी, लेकिन अभी तक नोटिस लेने लायक कोई प्रगति नहीं है। अकेले रेलवे में ही तकरीबन साढ़े तीन लाख पद रिक्त पड़े हुए हैं, लेकिन कर्मचारियों की भारी कमी के बावजूद इन्हें भरा नहीं जा रहा है। सभी राज्यों में भी बड़े पैमाने पर पद रिक्त पड़े हुए हैं।
उत्तर प्रदेश में चुनावीं वादा किया गया था कि सभी रिक्त पदों को समयबद्ध भरा जाएगा, लेकिन 6 लाख पद अरसे से रिक्त पड़े हुए हैं। नये आयोग के नाम पर चयन प्रक्रिया ठप है। इसमें से सर्वाधिक रिक्त पद ;सरकारी आंकड़ों के अनुसार 1.26 लाख परिषदीय विद्यालयों में हैं, जिन्हें भरने से ही सरकार इंकार कर रही है। सम्मेलन की तैयारी के लिए जल्द प्रदेशस्तरीय मीटिंग बुलाई जाएगी।