प्रकाश झा की 'आश्रम 2' को लेकर भड़भुजा जाति ने किया प्रदर्शन, कहा फिल्म में हमारी जाति का अपमान
प्रदर्शनकारियों ने कहा भड़भुजा जाति पर आपत्तिजनक टिप्पणी के जरिए संपूर्ण समाज को नीचा दिखाने का प्रयास किया गया है, भड़भुजा जाति बहुल क्षेत्र होने के वजह से इस समाज के लोगों में काफी आक्रोश है और उन्होंने इसके लिए प्रकाश झा से एक करोड़ की क्षतिराशि देने की मांग की है...
जनज्वार, मिर्जापुर। फिल्म आश्रम 2 के निर्माता निर्देशक प्रकाश झा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एक करोड़ की क्षतिपूर्ति अदा करने की मांग को लेकर मिर्ज़ापुर में भड़भुजा समाज के लोगों ने कल 24 नवंबर को महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा है।
गौरतलब है कि इससे पहले वेब सीरीज मिर्जापुर का खासा विरोध हुआ था। अब इसके बाद फिल्म आश्रम- 2 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन प्रारंभ हो गए हैं। पिछड़े समाज के भड़भुजा जाति के लोगों ने मंगलवार 24 नवंबर को मिर्ज़ापुर कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन करते हुए राज्यपाल भारत सरकार तथा मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के नाम संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपते हुए फिल्म के निर्माता निर्देशक प्रकाश झा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही साथ एक करोड़ रुपया क्षतिपूर्ति के रूप में अदा करने की मांग की गई।
भड़भुजा जाति के लोगों ने मिर्ज़ापुर कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया है कि फिल्म में अभिनेता बॉबी देओल द्वारा वेब सीरीज फिल्म आश्रम टू में भड़भुजा जाति पर अपमानजनक टिप्पणी करते हुए कहा गया है कि "तू इलेक्ट्रीशियन है या भड़भुजा" यह संवाद काफी निंदनीय है, जिससे संपूर्ण भड़भुजा समाज के लोग दुखी और आहत हैं।
प्रदर्शनकारियों ने कहा भड़भुजा जाति पर उक्त टिप्पणी के जरिए संपूर्ण समाज को नीचा दिखाने का प्रयास किया गया है। भड़भुजा जाति बहुल क्षेत्र होने के वजह से इस समाज के लोगों में काफी आक्रोश है।
भारतीय स्वतंत्र पंच पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप भुज भोजवाल इस फिल्म की पुरजोर ढंग से निंदा करते हुए कहा है कि यदि फिल्म से उक्त अपमानजनक टिप्पणी को निकाला नहीं गया तो मजबूरन इस समाज के लोगों द्वारा इसका देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। समाज के लोगों द्वारा राष्ट्रपति भारत सरकार के अलावा प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, केंद्रीय फिल्म प्रमाण बोर्ड सूचना और प्रसारण मंत्रालय, केंद्रीय गृहमंत्री, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सहित राज्य मानवाधिकार आयोग, प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन, जिलाधिकारी संतकबीर नगर सहित अन्य उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की गई है।