महाराष्ट्र के भिवंडी में बिल्डिंग हादसे में अबतक 39 लोगों की मौत, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
मृतकों की संख्या बढने का खतरा बना हुआ है। इस मामले में नगर निगम ने दो अफसरों को सस्पेंड कर दिया है। इससे पहले पिछले महीने महाराष्ट्र के रायगढ में भी इसी तरह का बड़ा हादसा हुआ था...
जनज्वार। महाराष्ट्र के भिवंडी में दो दिन पहले एक बिल्डिंग के ध्वस्त होने से अबतक 39 लोगों की मौत हो चुकी है। कई घायलों का अब भी अस्पताल में इलाज चल रहा है और उनके स्वास्थ्य को लेकर आशंकाएं बनी हुई हैं। एनडीआरएफ की टीम द्वारा तीसरे दिन भी राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है।
मुंबई-ठाणे से सटे भिवंडी में सोमवार, 21 सितंबर को तड़के 3.40 बजे 43 साल पुरानी जिलानी बिल्डिंग ध्वस्त होकर गिर गई थी। इस इमारत में करीब 40 फ्लैट थे और 150 के करीब लोग वहां रहते थे। जिस जगह यह हादसा हुआ व ठाणे नगर निगम इलके में आता है और ठाणे से 10 किमी की दूरी पर स्थित है।
पटेल कपांउड स्थित जिलानी बिल्डिंग उस समय ध्वस्त हो गई जब लोग गहरी नींद में सोए हुए थे। इस कारण लोगों को संभलने का मौका नहीं मिला। मरने वालों में 11 बच्चे भी शामिल हैं।
इस मामले में नगर निगम ने दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। वहीं, नगर निकाय के अधिकारी ने कहा है कि इमारत के लोगों को कथित अनियमितताओं को लेकर 2019 और फिर इस साल फरवरी में नोटिस भेजा गया था, लेकिन कम किराया लगने की वजह से लोगों ने बिल्डिंग को खाली नहीं किया।
धमनकर नाका के पास नारपोली के पटेल कंपाउंड में स्थित यह बिल्डिंग जीर्ण इमारतों की सूची में शामिल नहीं की गई थी। इसको लेकर दो अधिकारियों पर वृहत मुंबई महानगर पालिका ने कार्रवाई की। भिवंडी के पुलिस डिप्टी कमिश्नर राजकुमार शिंदे ने कहा है कि इमारत गिरने के बाद नगर निकाय के अधिकायिों की शिकायत पर इमारत के मालिक सैयद अहमद जिलानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
महाराष्ट्र के पुनर्वास मंत्री विजय वाडेट्टीवार ने कहा है कि भिवंडी में अनधिकृत व जीर्ण शीर्ण इमारतों का मुद्दा बहुत गंभीर है और कैबिनेट में इस मामले पर बात की जाएगी।
मालूम हो कि मानसून के महीने में महाराष्ट्र में यह अकेला बिल्डिंग हादसा नहीं है। अक्सर छोटे-बड़े ऐेसे मामले सामने आते रहते हैं। जाहिर है संबंधित नगर निगम पुरानी व कमजोर बिल्डिंग के मामलों को गंभीरता से संज्ञान में नहीं लेता है और उसे खाली नहीं कराया जाता है।
मात्र एक महीने पहले अगस्त के आखिरी सप्ताह में महाराष्ट्र के रायगढ में भी एक पुरानी बिल्डिंग ध्वस्त हो गई थी, जिसमें 16 लोगों की मौत हो गई थी और कई गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उस हादसे की चपेट में 75 लोग आए थे।
वहीं, जुलाई महीने में मुंबई में भानुशाली बिल्डिंग ध्वस्त हो गई थी, जिसमें कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई थी।