Bihar News: दुष्कर्म के आरोपी को 24 घंटे में मिली सजा, एक दिन में रेपिस्ट को सजा देकर बिहार ने रचा इतिहास
Bihar News: कोर्ट ने कहा कि आरोपी किशोर ने 4 साल की बच्ची के साथ अप्राकृतिक यौनाचार किया और परिजनों के आने की भनक पाकर फरार हो गया, जो यह साबित करता है कि किशोर मानसिक और शारीरिक तौर पर अपराध करने में सक्षम था...
Bihar News: भारत में सुस्त कानून व्यवस्था के बीच बिहार के नालंदा जिले (Nalanda District) के एक कोर्ट ने दुष्कर्म मामले में महज 24 घंटों के भीतर फैसला सुनाकर इतिहास रच दिया है। पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत कोर्ट ने एक ही दिन में गवाही सुनी, बहस पूरी हुई और उसी दिन रेप के आरोपी को सजा भी सुना दी। इसी के साथ पोक्सो एक्ट के तहत एक दिन में सारी कार्रवाई पूरी कर आरोपी को सजा दिलाने वाला बिहार देश का पहला राज्य बन गया है।
दरअसल, पूरा मामला नालंदा थाना क्षेत्र के एक गांव का है। यहां आठ अक्टूबर 2021 को 14 वर्षीय किशोर द्वारा चार साल की बच्ची के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म (Unnatural Sex) किया गया था। पीड़िता की बुआ ने आरोपी किशोर को चार साल की मासूम भतीजी के साथ गलत काम करते हुए देख लिया था और उसने शोर मचाया। लोगों के आने की भनक लगने पर आरोपी किशोर मौके से फरार हो गया था। बाद में ग्रामीणों ने आरोपी किशोर को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। इस मामले में पुलिस ने आरोपी किशोर और पीड़िता की मेडिकल जांच (Medical Test) करवाई थी जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी।
नालंदा में बिहारशरीफ (BiharSharif) के व्यवहार न्यायालय में किशोर न्याय परिषद के समक्ष आरोपी को पेश किया गया। मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश मानवेंद्र मिश्र ने चार साल की बच्ची के साथ अप्राकृतिक यौनाचार (Minor Girl Rape) मामले में महज एक दिन में अपना फैसला सुनाते हुए इतिहास रच दिया है। जज मानवेंद्र मिश्र और परिषद की सदस्य उषा कुमारी ने इसे पाशविक प्रवृति मानते हुए कहा कि ऐसे लोगों को दंडित करना और समाज को जागरूक करना बेहद जरूरी है। दोषी किशोर भले ही 14 वर्ष का है, लेकिन उसने सुनियोजित तरीके से अपराध को अंजाम दिया है। कोर्ट ने कहा, "आरोपी किशोर ने 4 साल की बच्ची के साथ अप्राकृतिक यौनाचार किया और परिजनों के आने की भनक पाकर फरार हो गया, जो यह साबित करता है कि किशोर मानसिक और शारीरिक तौर पर अपराध करने में सक्षम था।" जज ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि, "पोक्सो एक्ट और धारा 377 के तहत आरोपी को तीन वर्ष की सजा सुनाई जाती है।"
नालंदा के किशोर न्याय परिषद के न्यायाधीश मानवेन्द्र मिश्रा ने इस मामले की सुनवाई करते हुए महज एक दिन में सभी पांच गवाहों का गवाही ली। साथ ही दस प्रत्यक्षदर्शियों का भी परीक्षण कराते हुए बहस पूरी की। उन्होंने इस केस से जुड़ी सभी कार्यवाही को एक दिन में पूरी करते हुए अपना फैसला सुनाया है, जो अपने आप में एतिहासिक है। लोक अभियोजन जयप्रकाश ने बताया कि दोषी किशोर ने इमली और चॉकलेट के लालच देकर चार वर्षीय बच्ची के साथ अप्राकृतिक यौनाचार किया था। इस मामले में अदालत ने उसे तीन साल की सजा सुनाई है।