Bihar Politics: लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप ने पार्टी से मांगा अपना हक, कहा- 'श्री कृष्ण के बिना जीत असंभव'
Bihar Politics: तेज प्रताप के संगठन छात्र जनशक्ति परिषद ने विधान परिषद चुनाव में 25% सीटों पर उम्मीदवारों के चयन के लिए तेज प्रताप यादव को अधिकृत करने की मांग रखी है।
Bihar Politics: बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Council) की 24 सीटों पर चुनाव होने हैं। मगर, चुनाव से पहले लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने राजद की मुश्किलें बढ़ा दी है। तेज प्रताप अब अपने पिता की पार्टी से अपना खोया हुआ हक मांग रहे हैं। जरअसल, तेज प्रताप यादव के संगठन छात्र जनशक्ति परिषद ने राजद के सामने बड़ी मांग रख दी है। विधान परिषद चुनाव में तेज प्रताप की छात्र जनशक्ति परिषद (Chhatra Janshakti Parishad) ने आरजेडी से छह सीट मांग ली है। साथ ही उप चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि श्रीकृष्ण के बिना राजद की जीत संभव नहीं है। छात्र जनशक्ति परिषद बिहार प्रदेश के अध्यक्ष प्रशांत प्रताप यादव (Prashant Pratap Yadav) ने बयान जारी कर ये बाते कही हैं।
25% सीटों पर तेज प्रताप का अधिकार हो
बता दें कि बिहार विधान परिषद की 24 में से 15 से 18 सीटों पर राजद लड़ सकता है। मगर, अब राजद की सिरदर्दी खुद लालू के बड़े पूत्र तेज प्रताप यादव ने बढ़ा दी हैं। छात्र जनशक्ति परिषद (Chhatra Janshakti Parishad) बिहार के प्रदेश अध्यक्ष प्रशांत प्रताप यादव ने कहा कि समाज के संघर्ष और विकास में छात्र युवाओं की मुख्य भूमिका होती है। प्रदेश के अधिकतम छात्र- युवा छात्र जनशक्ति परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव के साथ हैं। इसलिए राजद के द्वारा कम से कम 25% सीटों पर उम्मीदवार का चयन के लिए तेज प्रताप यादव को अधिकृत करना चाहिए। अगर राजद विधान परिषद की 6 सीटें छात्र जनशक्ति परिषद को देती है तो छात्र जनशक्ति परिषद का पूर्ण समर्थन राजद के उम्मीदवारों के साथ होगा।
'श्रीकृष्ण के बिना जीत असंभव'
छात्र जनशक्ति परिशद की ओर से बयान जारी कर प्रशांत प्रताप ने तेज प्रप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) की तुलना श्रीकृष्ण से करते हुए कहा कि इस बात का ख्याल रखा जाए कि श्रीकृष्ण के बिना जीत असंभव है। इसका प्रमाण बीते विधानसभा के उपचुनाव का परिणाम है। बता दें कि तारापुर (Tarapur) और कुशेश्वरस्थान(Kushwshwarsthan) उपचुनाव में तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद के कैंपेन के बावजूद राजद की करारी हार हो गई थी, और दोनों ही सीटें जदयू (JDU) के खेमे में चली गई। हालांकि, उपचुनाव में चुनाव प्रचार के लिए राजद सुप्रीमो लालू यादव खुद दिल्ली से बिहार आए थे, लेकिन इससे पार्टी को कुछ खास फायदा नहीं हुआ। उल्टा, इसी चुनाव के दौरान कांग्रेस और राजद (RJD) में भी दरार आ गई। इधर, उप चुनाव के दौरान राजद के स्टार प्रचारकों में भी तेज प्रताप का नाम नहीं होने से काफी बवाल हुआ था। मगर, तब राजद परिवार ने इस झगड़े को बाहर नहीं आने दिया।