पटना AIIMS के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोशिएसन ने दिया हड़ताल का अल्टीमेटम, कोरोना मरीज यहां होते हैं भर्ती
कोरोना डेडिकेटेड पटना AIIMS के Resident Doctors Association ने निदेशक को पत्र लिख यह अल्टीमेटम दिया है, SMO बना दिए गए ये डॉक्टर रेसिडिंसी ट्रेनिंग में छूट दिए जाने की मांग कर रहे हैं.….
जनज्वार ब्यूरो, पटना। कोरोना काल में पटना एम्स के नर्स, बिहार के कॉन्ट्रैक्ट फार्मासिस्ट और नर्स हड़ताल कर चुके हैं। इस बीच अब पटना एम्स (Patna AIIMS) के रेजिडेंट डॉक्टरों (Resident Doctors) ने हड़ताल का अल्टीमेटम दे दिया है।
पटना एम्स कोरोना डेडिकेटेड (Corona dedicated) अस्पताल है। यहां कोरोना के गंभीर मरीजों को भर्ती किया जाता है। एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोशिएसन (Resident Doctors Association) ने प्रबंधन को यह अल्टीमेटम दिया है कि 13 अगस्त तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 14 अगस्त से वे अनिश्चितकालीन हड़ताल (Indefinite Strike) पर चले जाएंगे। एसोशिएसन का कहना है कि कोरोना काल में यहां के रेजिडेंट डॉक्टर सातों दिन और चौबीस घँटे ड्यूटी कर रहे हैं। तन-मन से मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
सोमवार, 10 अगस्त को पटना एम्स के डायरेक्टर को लिखे पत्र में एसोशिएसन ने कहा है कि हाल में बिहार सरकार द्वारा स्पेशलिस्ट मेडिकल ऑफिसर के पद पर स्थायी नियुक्ति की गई। BTSC द्वारा की गई इस नियुक्ति में एम्स के अधिकांश रेजिडेंट डॉक्टर चुन लिए गए।
इस नोटिफिकेशन के 14वें पॉइंट में कहा गया है कि अगर बिहार के मेडिकल कॉलेज का कोई सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर इस पद पर चुन लिया जाता है तो उन्हें SMO के पद पर जॉइन करने की दिन ही रिलीव कर दिया जाएगा, ताकि वह अपनी रेसीडेंसी ट्रेनिंग को पूरा कर सके और रेसिडिंसी ट्रेनिंग पूरा करते ही उसे फिर से पूर्व के पद SMO पर जॉइन करा दिया जाएगा। ऐसी छूट एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स के लिए भी लागू की जाय, चूंकि एम्स बिहार में है और यहां बिहार के मरीजों का ही इलाज किया जाता है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ विनय कुमार ने कहा 'पटना एम्स के 21 सीनियर रेजिडेंट को एम्स में तीन माह के लिए SMO के पद पर नियुक्त किया गया है और उन्हें इस छूट का लाभ नहीं मिला तो उनकी रेसीडेंसी ट्रेनिंग अधूरी रह जाएगी और इसका बहुत बुरा प्रभाव उनके पूरे कैरियर पर पड़ेगा। इसलिए अविलंब इस समस्या का समाधान किया जाय।'
पटना AIIMS के डाइरेक्टर को संबोधित इस पत्र में कहा गया है कि अगर 13 अगस्त तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 14 अगस्त से वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि AIIMS एक कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल है और यहां बिहार के कोरोना से गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों का इलाज किया जाता है। ऐसे में अगर यहां हड़ताल हो जाती है तो इसका परिणाम बिहार के कोरोना पीड़ित मरीजों को उठाना पड़ सकता है। बिहार में अभी कोरोना का प्रकोप चरम पर है और रोज 3 हजार से साढ़े तीन हजार नए मरीज सामने आ रहे हैं और मरीजों का आंकड़ा 82741 पर पहुंच चुका है।