Ramayana Express Train: इस ट्रेन में भगवा कपड़े पहनते हैं वेटर्स, साधु संतों ने ड्रेस कोड पर जताई आपत्ति
Ramayana Express Train: ट्रेन की पहली यात्रा से जुड़े कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं जिसमें ट्रेन में काम कर रहे वेटर्स को भगवा कुर्ता, धोती, पगड़ी और रुद्राक्ष की माला पहनाई गई है....
Ramayana Express Train: भगवान राम में आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं को लिए चलाई जा रही रामायण सर्किट स्पेशल ट्रेन (Ramayan Yatra Special Train) अपने वेटर्स को दिए गए ड्रेस कोड को लेकर विवादों में घिर गया है। दिल्ली से सफदरगंज (Safdarganj) से चलने वाली रामायण यात्रा स्पेशल ट्रेन में सर्विस देने वाले वेटर्स की ड्रेस पर उज्जैन के साधु-संतों ने आपत्ति जताई है। दरअसल, ट्रेन में काम कर रहे वेटर्स को भगवा (Saffron Dress Code) कुर्ता, धोती, पगड़ी और रुद्राक्ष की माला पहनाई गई है। ट्रेन की पहली यात्रा से जुड़े कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं जिसमें साधु संतों की वेशभूषा में वेटर्स यात्रियों को खाना परोसते और जूठे बर्तन उठाते दिख रहे हैं।
रेल मंत्री को संतो ने दी चेतावनी
ट्रेन के अंदर का वीडियो सामने आने के बाद साधु-संतों ने इस हिन्दू धर्म की भावनाओं का अपमान बताया है। संतों का कहना है कि भगवान राम का भी अपमान है। ट्विटर पर भी ट्रेन के स्टाफ ड्रेस कोड को लेकर कई लोग आपत्ति जता रहे हैं। संतों का कहना है कि वेटर्स को दूसरे रंगों की कपड़े पहनाई जानी चाहिए। उज्जैन के संतों ने इस मामले को लेकर IRCTC और रेल मंत्री को चिट्ठी लिखकर वेटर्स के कपड़ों का विरोध किया और चेतावनी दी कि अगर 12 दिसंबर को होने वाले ट्रेन की अगली ट्रिप से पहले इस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया तो वे ट्रेन को आगे नहीं बढ़ने देंगे।
Ayodhya Rameshwaram Ramayan Circle Express
— 🍁 Sanatani Yoddha (@VidyaSanatani) November 13, 2021
How is this different from sadhu Santa shown as background dancers or Narad muni shown as comedian ...
Already made temples into tourist places, atleast don't make Sadhus as restaurant servers....@myogiadityanath pic.twitter.com/IAShd6wrkp
राम भक्तों के लिए IRCTC की स्पेशल ट्रेन
बता दें कि IRCTC की तरफ से 'देखो अपना देश' पहल के तहत धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए डीलक्स एसी टूरिस्ट ट्रेन चलाई है। दिल्ली के सफदरगंज से खुलने वाली रामायण एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन पर्यटकों को प्रभु श्रीराम से जुड़े सभी धार्मिक स्थलों का भ्रमण और दर्शन कराती है। रामायण यात्रा के लिए 7 नवंबर को यह ट्रेन शुरू की गई थी। वहीं श्रद्धालुओं के लिए दूसरी ट्रेन 12 दिसंबर को शुरु होगी जिसकी बुकिंग अभी जारी है। टिकट बुकिंग के लिए पहले आओ पहले पाओं वाली स्कीम अपनाई गई है।
17 दिन में 7500 किलोमीटर की यात्रा
दिल्ली (Delhi) के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से चलने वाली इस ट्रेन का पहला पड़ाव राम की जन्मस्थल अयोध्या (Ayodhya) होता है। यहां से ही रामायण यात्रा की शुरुआत होती है। अयोध्या से यात्रियों को सड़क मार्ग से नंदीग्राम, जनकपुर, सीतामढ़ी के रास्ते नेपाल ले जाया जाता है। इसके बाद ट्रेन से यात्रियों को भगवान शिव की नगरी काशी लाया जाता है। यहां से बसों के जरिए काशी के प्रसिद्ध मंदिरों सहित सीता समाहित स्थल, प्रयाग, श्रृंगवेरपुर और चित्रकूट के दर्शन होते हैं। फिर चित्रकूट से यह ट्रेन नासिक पहुंचती है और भक्तों को पंचवटी और त्रयंबकेश्वर मंदिर का भ्रमण कराया जाता। नासिक से किष्किंधा नगरी हंपी, जहां अंजनी पर्वत स्थित श्री हनुमान जन्मस्थल और का दर्शन कराया जाता है। इस ट्रेन का अंतिम पड़ाव रामेश्वरम है जहां लोग धनुषकोटी के दर्शन करते हैं। रामेश्वरम से चलकर यह ट्रेन 17वें दिन वापस लौटती है। रेल और सड़क मार्ग की पूरी यात्रा को मिला दें तो यह यात्रा 7500 किलोमीटर की होती है।
1 लाख में मिलेगी इस ट्रेन की टिकट
रामायण एक्सप्रेस ट्रेन (Ramayana Express Train) को रेलवे द्वारा विशेष तरीके से डिजाइन किया गया है। सामान्य एसी कोच वाली ट्रेन में साइड वाले बर्थ को हटाकर यहां आरामदायक कुर्सी-टेबल लगाए गए हैं। रामायण एक्सप्रेस के AC फर्स्ट क्लास में सफर के लिए 1,02,095 प्रति व्यक्ति और AC द्वितीय श्रेणी से यात्रा के लिए 82,950 रुपए किराया तय किया गया है। यात्रियों के लिए अलग से स्पेशल शौचालय का भी निर्माण किया गया है, जिसमें यात्री के नहाने का भी इंतजाम है। ट्रेन में दो डाइनिंग कोच तैयार किए गए हैं। 12 दिसंबर को रामायण एक्सप्रेस ट्रेन की अगली ट्रिप है। यात्रियों के लिए सफर से पहले कोविड-19 के दोनों टीके लगवाना अनिवार्य है।
विवाद पर IRCTC ने दी सफाई
ट्रेन में वेटर्स के कपड़ों पर संतो के विवाद पर IRCTC ने अब सफाई दी है और कहा कि, "रामायण एक्सप्रेस में वेटर को दिए गए हिन्दू साधुओं के कपड़े बदल दिए जाएंगे।"