किसान आंदोलन के बीच हरियाणा निकाय चुनावों में बीजेपी की करारी हार, अपने गढ़ में हारी सहयोगी जेजेपी

हरियाणा में 7 जगहों पर निकाय चुनाव हुए थे, इनमें बीजेपी-जेजेपी गठबंधन को सिर्फ रेवाड़ी नगर परिषद के अध्यक्ष पद पर और पंचकूला नगर निगम के मेयर पद पर ही जीत हासिल हुई है..

Update: 2020-12-31 02:30 GMT
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और जेजेपी के दुष्यंत चौटाला (file photo)

जनज्वार। नए कृषि कानूनों के विरुद्ध चल रहे किसान आंदोलन के बीच हरियाणा के निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को करारा झटका लगा है। बुधवार को निकाय चुनाव के नतीजे घोषित हुए, जिसमें राज्य की सत्ताधारी बीजेपी-जेजेपी गठबंधन को करारी हार मिली है। बीते 27 दिसंबर को निकाय चुनाव के लिए वोटिंग हुई थी।

राज्य के सोनीपत, पंचकूला और अंबाला नगर निगम में मेयर पद के लिए पहली बार सीधे वोट डाले गए थे। इसमें बीजेपी के खाते में पंचकूला और कांग्रेस के खाते में सोनीपत मेयर की कुर्सी आई है। 

हरियाणा में 7 जगहों पर निकाय चुनाव हुए थे, जिनमें तीन नगर निगम, तीन नगर पालिका और एक नगर परिषद शामिल हैं। इन 7 जगहों में से बीजेपी-जेजेपी गठबंधन को सिर्फ रेवाड़ी नगर परिषद के अध्यक्ष पद पर और पंचकूला नगर निगम के मेयर पद पर ही जीत हासिल हुई है।

शेष पांच जगहों पर बीजेपी को कांग्रेस और निर्दलीयों के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा है। निकाय चुनावों में आश्चर्यजनक बात तो यह रही कि अंबाला, जो बीजेपी का गढ़ माना जाता है, वहां भी पार्टी मेयर पद का चुनाव हार गई है।

उल्लेखनीय है कि नए कृषि कानूनों को लेकर हजारों किसानों द्वारा दिल्ली की सीमाओं के पास विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है और यह प्रदर्शन 31 दिसंबर को 36वें दिन भी जारी है।प्रदर्शन में पंजाब और हरियाणा के किसान बड़ी संख्या में शामिल हैं और कृषि कानूनों के विरोध में इनकी सर्वप्रमुख भूमिका है।

हरियाणा में विधानसभा चुनावों के एक साल बाद सत्तारूढ़ बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सोनीपत और अंबाला में मेयर चुनाव हार गया है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी अपने घर- हिसार के उकलाना, और रेवाड़ी के धारूहेड़ा में भी स्थानीय चुनाव हार गई है।

अंबाला, पंचकुला, सोनीपत, रेवाड़ी के धारूहेड़ा, रोहतक के सांपला और हिसार के उकलाना में रविवार को नगर निकाय चुनाव हुए थे। वोटों की गिनती बुधवार सुबह 8 बजे शुरू हुई। सोनीपत में कांग्रेस ने जीत दर्ज की और पार्टी के निखिल मदान सोनीपत के पहले मेयर होंगे। सोनीपत सिंघू बार्डर के नजदीक है। किसानों के आंदोलन का यह मुख्य क्षेत्र है।

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