राजस्थान व महाराष्ट्र के बाद झारखंड में भी रामदेव की कोरोना की दवा कोरोनिल बैन

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि आयुष मंत्रालय व आइसीएमआर की मंजूरी के बिना किसी हाल में कोरोनिल दवा का उपयोग कोरोना मरीजों पर नहीं किया जाए...

Update: 2020-06-27 04:01 GMT

जनज्वार, रांची। झारखंड सरकार ने बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि द्वारा निर्मित कोरोना वायरस के इलाज के दावे वाली दवा कोरोनिल पर रोक लगा दी है। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि विभाग को निर्देश दिया गया है कि कोरोनिल दवा झारखंड में नहीं बिके और इसका न ही परीक्षण करने दिया जाए। बिना आयुष मंत्रालय व आइसीएमआर के स्वीकृति के इसका इस्तेमाल किसी कीमत पर राज्य में नहीं करने दिया जाए।

बन्ना गुप्ता ने कहा है कि इस दवा का अभी परीक्षण नहीं हुआ तो झारखंड में मरीजों पर क्यों इसका प्रयोग किया जाए, अगर किसी को कुछ हो जाएगा तो उसकी जिम्मेवारी कौन लेगा?

झारखंड से पहले राजस्थान व महाराष्ट्र सरकार ने रामदेव की कोरोना की दवा को बैन कर दिया था। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख (25 june) ने तो ट्वीट कर कड़ी चेतावनी भी दी थी कि अगर इस दवा को बिना मंजूरी राज्य में बेचा गया तो कार्रवाई की जाएगी।

मालूम हो कि राजस्थान ऐसा पहला राज्य है जिसने रामदेव की कोरोनिल दवा को प्रतिबंधित किया था और कहा था कि बिना आयुष मंत्रालय व आइसीएमआर की अनुमति के इसे नहीं बेचा जा सकता है।

23 जून को रामदेव व उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा बनाई गई कोरोना की दवा को हंगामेदार ढंग से लांच किया था। उन्होंने दावा किया था कि यह कोरोना के इलाज में कारगर है। इसके बाद सिलसिलेवार ढंग से कई न्यूज चैनलों को इंटरव्यू देकर रामदेव ने दवा के बारे में दावे किए।

हालांकि उसी दिन शाम तक आयुष मंत्रालय ने इस दवा के प्रचार-प्रसार पर रोक लगा दी और कहा कि यह स्पष्ट करें कि यह कोरोना के इलाज में कैसे कारगर है। आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने भी कहा है कि इस दवा को लेकर आवश्यक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।

वहीं, 24 जून को उत्तराखंड सरकार ने कहा है कि कोरोना की दवा नहीं बल्कि इम्युनिटी बढाने व सर्दी-खांसी की दवा का लाइसेंस रामदेव की कंपनी को दिया गया था। 

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