Jharkhand News : टीचर की शर्मनाक हरकत से आहत छात्रा ने घर आकर खुद को लगाई आग
Jharkhand News : जमशेदपुर के स्कूल में नकल रोकने के लिए एक अध्यापिका की हरकत से दलित छात्रा ( Dalit girl ) इतना आहत हुई कि उसने घर आकर आग लगा ली। फिलहाल, छात्रा की हालत काफी गंभीर है।
Jharkhand News : झारखंड के जमशेदपुर ( Jamshedpur ) के स्कूल में नकल रोकने को कपड़े उतरवाकर चिट की जांच करने से भावनात्मक रूप से आहत दलित छात्रा ( Dalit girl ) ने घर पहुंचते ही खुद को आग के हवाले ( Dalit girl set herself on fire ) कर दिया। इस घटना में गंभीर रूप से झुलसी छात्रा को एमजीएम मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है, जहां से डाक्टरों ने छात्रा को टीएमएच के लिए रेफर कर दिया है। डॉक्टरों के मुताबिक लड़की अस्सी फीसदी से अधिक जल चुकी है और उसकी हालत गंभीर है।
घर लौटते ही खुद कर दिया आग के हवाले
यह घटना शुक्रवार शाम पांच बजे की है। छात्रा साकची के शारदामणि गर्ल्स स्कूल में नौवीं कक्षा में पढ़ती है। आग में 80 फीसदी तक झुलसी दलित छात्रा ने अस्पताल में किसी तरह डॉक्टर को बताया कि क्लासरूम में सभी बच्चियों के सामने उसके कपड़े उतरवाकर जांच की गई। आग में 80 फीसदी तक झुलसी दलित छात्रा ( Dalit girl ) ने अस्पताल में किसी तरह डॉक्टर को बताया कि सोशल साइंस की परीक्षा के दौरान क्लासरूम में सभी बच्चियों के सामने टीचर चंद्रा दास मैडम ने उसके कपड़े उतरवाकर जांच की। नकल करने ( copying ) के आरोप में चंद्रा दास मैडम ने सभी लड़िकयों के सामने मेरे कपड़े उतरवाकर तलाशी ली। मेरे पास कोई चिट नहीं मिला। टीचर की इस कार्रवाई के बाद से इतना इनसल्ट फील किया कि जान देने का फैसला ले लिया। अपमान से आहत होकर मैंने अपने शरीर पर केरोसिन तेल छिड़ककर आग लगा ली।
परिजनों के अनुसार छात्रा ( dalit student ) करीब साढ़े चार बजे स्कूल से आई। स्कूल से लौटने पर वह काफी गुमसुम थी। उसने अपनी दोनों बहनों को दूसरे कमरे में जाने को कहा। उसके बाद वह अपने कमरे में चली गई। दस मिनट के बाद कमरे से चीखने-चिल्लाने की आवाज आई और धुआं निकलने लगा। जब कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर देखा तो छात्रा छटपटा रही थी। पूरे शरीर में आग फैल चुकी थी। आनन-फानन में किसी तरह आग को बुझाकर उसे एमजीएम अस्पताल में ले जाया गया।
कपड़े उतरवाकर जांच की बात बेबुनियाद
Jharkhand News : स्कूल की प्राचार्य गीता रानी महतो ने कहा कि नकल करने की शिकायत उसकी शिक्षक चंद्रा दास ने मुझसे भी की थी। मैनें बच्ची को बुलाकर समझाया था। कपड़ा उतारकर जांच करने वाली बात गलत और बेबुनियाद है। बता दें कि जमशेदपुर के साकची स्थित शारदामणि गर्ल्स हाई स्कूल रामकृष्ण मिशन की आर्थिक सहायता से चलता है। यहां बारहवीं तक की पढ़ाई होती है। बेहद मामूली शुल्क पर गरीब बच्चों का शिक्षा दी जाती है।