झारखंड सरकार ने घाटों पर छठ करने की नहीं दी अनुमति, बिहार में भी नदी तट पर छठ करने पर रोक

झारखंड ने जहां पूर्ण रूप से घाटों पर छठ करने पर रोक लगा दी है, वहीं बिहार सरकार ने तालाब में छठ करने की अनुमति दी है, हालांकि बड़ी नदियों के तट पर ऐसा करने पर रोक लगा दी है...

Update: 2020-11-16 04:03 GMT

जनज्वार। झारखंड सरकार ने इस साल छठ पर्व सार्वजनिक घाटों पर करने की अनुमति नहीं दी है। झारखंड सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग ने इसको लेकर जारी गाइडलाइन में कहा है कि कोरोना संक्रमण के कारण घाटों पर दो गज दूरी का पालन करना मुश्किल होगा और इस महामारी का खतरा बढेगा ऐसे में लोग अपने घरों में अर्घ्य दें।

झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव के नाम से जारी गाइडलाइन में घाटों के किनारे पंडाल, दुकानें आदि नहीं लगाने को कहा है। सार्वजनिक घाटों की न लाइंटिंग की जाएगी और न ही सार्वजनिक जगहों पर पटाखे फोड़े जाएंगे और ही संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन होगा।

गाइडलाइन के अनुसार, एक ही जगह सैकड़ों लोगों के नहाने से संक्रमण का संकट बना रहेगा। उधर, बिहार में भी छठ पर्व को लेकर गाइडलाइन जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि नदियों के किनारे कोरोना संक्रमण की वजह से छठ नहीं होगा, लेकिन शहरों व गांवों में स्थित तालाब में लोग अर्घ्य दे सकेंगे। बिहार सरकार ने छठ पर्व के दौरान कोविड 19 गाइडलाइन का कड़ाई से पालन कराने की बात कही है।

उल्लेखनीय है कि बिहार व झारखंड में बड़े पैमाने में छठ पर्व का आयोजन होता है और यह यहां महापर्व के रूप में मनाया जाता है। दिवाली के बाद से ही इस चार दिवसीय पर्व की तैयारी शुरू हो जाती है। 18 नवंबर को नहाय खाय के साथ छठ पर्व शुरू होगा। 19 नवंबर को खरना, 20 नवंबर को शाम का अर्घ्य और 21 नवंबर को सुबह का अर्घ्य होगा। 


दिल्ली में भी छठ के सामुदायिक आयोजन पर रोक

उधर, दिल्ली सरकार ने कोरोना संक्रमण के खतरे की वजह से पहले ही छठ पूजा के सामुदायिक आयोजन पर रोक लगा रही है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने 12 नवंबर को ही इसकी घोषणा की थी और दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकार ने इसके लिए आदेश जारी किया था। दिल्ली में यमुना तट पर पर छठ का आयोजन किया जाता है।

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