झारखंड सरकार कोयला खनन में निजी कंपनियों को लाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ पहुंची सुप्रीम कोर्ट

देश का सबसे प्रमुख कोयला उत्पादक राज्य झारखंड ने कोयला खनन में निजी कंपनियों को शामिल करने के मोदी सरकार के फैसले का विरोध किया है और सुप्रीम कोर्ट मामले को लेकर चला गया है...

Update: 2020-06-20 14:03 GMT

जनज्वार, रांची। झारखंड सरकार ने केंद्र के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें कोयला खनन में निजी कंपनियों को लाने की बात कही गई थी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज यहां इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कोल सेक्टर में निजी कंपनियों के प्रवेश के खिलाफ हमलोगों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी डाली है। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत बड़ा नीतिगत निर्णय है और इसमें राज्य सरकार को भी विश्वास में लेने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि खनन को लेकर राज्य में हमेशा यह विषय ज्वलंत रहा है और इतने वर्षाें के बाद एक नई प्रक्रिया अपनायी गयी है और इसी प्रक्रिया के माध्यम से ऐसा प्रतीत होता है कि हम उसी पुरानी व्यवस्था में जाएंगे जिससे बाहर आए थे।

हेमंत सोरेन ने कहा कि पुरानी व्यवस्था से बाहर आने के बाद मौजूदा व्यवस्था के माध्यम से भी यहां के लोगों को, रैयत को उनका अधिकार नहीं प्राप्त हुआ है। अभी भी विस्थापन की समस्या बड़े पैमाने पर उलझी हुई है। जमीन विवाद भी उलझा हुआ है। मजदूर संगठन आज इस मामले में सड़क पर है। हमने इस मामले में केंद्र सरकार से आग्रह किया, लेकिन जब उधर से यह आश्वासन प्राप्त नहीं हुआ कि इसमें पारदर्शिता है या इसमें राज्य को फायदा है, तो हमने यह निर्णय लिया।

झारखंड में खनन व भूमि अधिग्रहण हमेशा से संवेदनशील मुद्दा रहा है। ऐसे में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार को यह अपेक्षा थी कि केंद्र इस मामले में उसे विश्वास में लेगी।

कोयला सेक्टर में निजी कंपनियों को प्रवेश का मोदी सरकार ने लिया है फैसला

पिछले ही महीने केंद्र ने अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कोल सेक्टर को निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया था। केंद्र का ऐसा आकलन है कि इससे प्रतिस्पर्धा बढेगी जिससे कार्य गुणवत्ता आएगी। ऐसे फैसले से रोजगार सृजन के भी अवसर मिलने की उम्मीद जतायी जा रही थी।

झारखंड में देश का लगभग 39 प्रतिशत कोयला भंडार है। जियोलाॅजिकल सर्वे ऑफदेश का सबसे प्रमुख कोयला उत्पादक राज्य झारखंड ने कोयला खनन में निजी कंपनियों को शामिल करने के मोदी सरकार के फैसले का विरोध किया है और सुप्रीम कोर्ट मामले को लेकर चला गया है... इंडिया की 2018 की रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में 83, 152 मिलियन टन कोयला भंडार है, जिसमें 45, 563 मिलियन टन प्रमाणित है 31439 टन प्राप्त होने की संभावना है। राज्य में पहले से तीन सरकारी कंपनियां कोयला खनन के कार्य में सक्रिय हैं। राज्य में 22 कोल ब्लाॅक की नीलामी भी होनी है।

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